इसके बाद इसे अन्य विभाग के हैंडओवर किया जाएगा। इस संबंध में मार्च 2017 में केंद्र सरकार ने एनएचएआई से ऐसे शहरों के नाम और यहां प्रस्तावित काम का ब्यौरा तलब किया। इसमें रैगांव मोड़ से सज्जनपुर तक का हिस्सा शामिल था, लेकिन एनएचएआई अफसरों ने शहर के हितों की अनदेखी करते हुए सज्जनपुर से सीताराम पेट्रोल टंकी तक का हिस्सा प्रस्तावित किया।
रैगांव मोड़ तक का हिस्सा निर्माण से वंचित अब सीताराम पेट्रोल टंकी से लेकर रैगांव मोड़ तक का हिस्सा निर्माण से वंचित रह गया है। वन टाइम इन्वेस्टमेंट स्कीम के तहत नेशनल हाइवे 75 में सतना फोरलेन बाइपास की वजह से सतना का हाइवे का आंतरिक हिस्सा और दूसरा सज्जनपुर बाइपास की वजह से सज्जनपुर कस्बे में हाइवे का आंतरिक हिस्सा फोरलेन सीसी होना था। नेशनल हाइवे अथारिटी के अधिकारियों की अनदेखी की वजह से सज्जनपुर बाईपास का आंतरिक हिस्सा तो पूरा फोरलेन सीसी हो गया लेकिन सतना बाइपास का आंतरिक हिस्सा जो सज्जनपुर से रैगांव मोड़ के बीच का हिस्सा पूरा नहीं हो सका। इसमें महज सज्जनपुर से सीताराम पेट्रोल टंकी तक का प्रोजेक्ट तैयार कर भेजे जाने से यहीं तक की स्वीकृति मिली। इसके आगे का पूरा हिस्सा वन टाइम इन्वेस्टमेंट स्कीम से वंचित रह गया है।
घटिया काम बना मुसीबत
वन टाइम इन्वेस्टमेंट स्कीम के तहत अभी किमी 166 से 171 (सीताराम पेट्रोलपंप से माधवगढ़ के आगे) तक का काम शिवशक्ति कांस्ट्रक्शन सतना को मिला है। 36.94 करोड़ लागत के इस काम की गति काफी धीमी है। यह काम मार्च 2018 में पूरा हो जाना था लेकिन अभी भी 85 फीसदी काम ही पूरा हो सका है। दूसरा काम किलोमीटर 172 से 179 तक मे. तिरुपति बिल्डकान एवं भैयालाल इन्फ्रा लिमिटेड बुढार को मिला है। मार्च 2017 में स्वीकृत इस काम को 5 माह में अर्थात अगस्त 2018 में पूरा कर लेना था, लेकिन अभी तक यह पूरा नहीं हो सका है। लेकिन तिरुपति की ओर से जो फोरलेन सीसी सड़क बनाई है उसका काम इतना घटिया हुआ है पूरी सड़क की सतह समतल नहीं है। जबकि यह काम एनएचएआई ने लेजर पेवर मशीन से करने के निर्देश दिए। इसके पीछे मंशा यह थी को रोड गुणवत्तायुक्त और समतल बनेगी। हालात यह है कि यहां जब कोई वाहन तेज गति से चलता है तो काफी जर्क लगता है। स्थिति यह है कि अगर चालक गति धीमी न करे तो दुर्घटना का भी अंदेशा बना रहता है।
वन टाइम इन्वेस्टमेंट स्कीम के तहत अभी किमी 166 से 171 (सीताराम पेट्रोलपंप से माधवगढ़ के आगे) तक का काम शिवशक्ति कांस्ट्रक्शन सतना को मिला है। 36.94 करोड़ लागत के इस काम की गति काफी धीमी है। यह काम मार्च 2018 में पूरा हो जाना था लेकिन अभी भी 85 फीसदी काम ही पूरा हो सका है। दूसरा काम किलोमीटर 172 से 179 तक मे. तिरुपति बिल्डकान एवं भैयालाल इन्फ्रा लिमिटेड बुढार को मिला है। मार्च 2017 में स्वीकृत इस काम को 5 माह में अर्थात अगस्त 2018 में पूरा कर लेना था, लेकिन अभी तक यह पूरा नहीं हो सका है। लेकिन तिरुपति की ओर से जो फोरलेन सीसी सड़क बनाई है उसका काम इतना घटिया हुआ है पूरी सड़क की सतह समतल नहीं है। जबकि यह काम एनएचएआई ने लेजर पेवर मशीन से करने के निर्देश दिए। इसके पीछे मंशा यह थी को रोड गुणवत्तायुक्त और समतल बनेगी। हालात यह है कि यहां जब कोई वाहन तेज गति से चलता है तो काफी जर्क लगता है। स्थिति यह है कि अगर चालक गति धीमी न करे तो दुर्घटना का भी अंदेशा बना रहता है।
यह दे रहे सफाई
मामले में एनएचएआई के अधिकारी भी दबी जुबान में गलती स्वीकार करते हैं और बताते हैं कि सतना शहर के बिल्कुल अंदर के हिस्से के प्रोजेक्ट तैयार करने में तत्कालीन अधिकारियों ने लापरवाही की। इससे इसको स्वीकृ ति नहीं मिल सकी। अब इसका प्रोजेक्ट तैयार कर केन्द्र सरकार के पास भेजा है लेकिन केन्द्र से इसे हरी झंडी नहीं मिल रही। बताया गया है कि दो हिस्सों में प्रोजेक्ट तैयार किया है। पहला सीताराम पेट्रोल पंप से सर्किट हाउस चौक तक और दूसरा ओवर ब्रिज के पश्चिमी छोर से रैगांव मोड़ तक का। सांसद इस दिशा में प्रभावी पहल करें तो शायद केंद्र से प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल जाएगी।
मामले में एनएचएआई के अधिकारी भी दबी जुबान में गलती स्वीकार करते हैं और बताते हैं कि सतना शहर के बिल्कुल अंदर के हिस्से के प्रोजेक्ट तैयार करने में तत्कालीन अधिकारियों ने लापरवाही की। इससे इसको स्वीकृ ति नहीं मिल सकी। अब इसका प्रोजेक्ट तैयार कर केन्द्र सरकार के पास भेजा है लेकिन केन्द्र से इसे हरी झंडी नहीं मिल रही। बताया गया है कि दो हिस्सों में प्रोजेक्ट तैयार किया है। पहला सीताराम पेट्रोल पंप से सर्किट हाउस चौक तक और दूसरा ओवर ब्रिज के पश्चिमी छोर से रैगांव मोड़ तक का। सांसद इस दिशा में प्रभावी पहल करें तो शायद केंद्र से प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिल जाएगी।
जांच की मांग
लोगों ने सज्जनपुर बाइपास की आंतरिक सीसी रोड जो तिरुपति बिल्डकान द्वारा बनाई है उसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। कहा गया है कि इसकी जांच हो जाए तो बड़ा घोटाला सामने आएगा।
लोगों ने सज्जनपुर बाइपास की आंतरिक सीसी रोड जो तिरुपति बिल्डकान द्वारा बनाई है उसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। कहा गया है कि इसकी जांच हो जाए तो बड़ा घोटाला सामने आएगा।