केस- दो
कामताटोला निवासी मनोज शर्मा ने विवाह बंदोबस्त बीमा पॉलिसी अपनी बेटी के नाम ली। इस पॉलिसी का प्रीमियम उन्हें 15 साल तक जमा करना था। उनके बीमा लेने के तीन साल बाद अचानक निधन हो गया। लेकिन इस बीमा से उन्हें यह फायदा हुआ कि उनके न रहने पर भी बेटी की शादी के लिए उन्हें कंपनी द्वारा तय रकम दी जाएगी।
कामताटोला निवासी मनोज शर्मा ने विवाह बंदोबस्त बीमा पॉलिसी अपनी बेटी के नाम ली। इस पॉलिसी का प्रीमियम उन्हें 15 साल तक जमा करना था। उनके बीमा लेने के तीन साल बाद अचानक निधन हो गया। लेकिन इस बीमा से उन्हें यह फायदा हुआ कि उनके न रहने पर भी बेटी की शादी के लिए उन्हें कंपनी द्वारा तय रकम दी जाएगी।
केस- तीन गढि़या टोला निवासी सुरेंद्र विश्वकर्मा शहर के बाहर जॉब करते थे। एक दिन घर आते वक्त उनका एक्सीडेंट हो गया। कुछ दिनों तक अस्पताल में एडमिट रहे फिर मौत हो गई। अच्छी बात यह रही कि उन्होंने हेल्थ लाइफ इंश्योरेंस करा रखा था। इससे अस्पताल का खर्च भी बीमा कंपनी ने अदा किया और रिस्ककवर का अमाउंट भी उनकी पत्नी को मिल गया।
सतना. बीमा को लेकर कंपनी की पंच लाइन है ‘जीवन के साथ भी और जीवन के बाद भी। इसका मतलब यह है कि हम जब हैं तब भी अपने परिवार की जिम्मेदारी बीमा से पूरी कर सकते हैं और जब हम इस दुनियां में नहीं रहेंगे तो भी अपने परिवार को बीमा से प्राप्त हुए रकम से उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की क्षमता रख सकते हैं। वर्तमान समय में जीवन में बीमा की आवश्यकता वर्तमान की जरूरतों को पूरी करने के साथ ही भविष्य की बेहतर प्लॉनिंग भी है। हमारे न रहने पर बच्चों की शिक्षा, उनकी शादी, परिवार के हर सदस्य की जरूरतों को पूरा करने की क्षमता जीवन बीमा ही है। बस आपको पूरी समझदारी से जीवन बीमा के उस पॉलिसी में रुपए निवेश करने हैं जिनसे आपको अधिक फायदा मिल सके। अपने शहर की बात करें तो दस साल में शहर के लोगों में बीमा को लेकर जागरूकता आई है। लोग अब खुद के साथ अपनों को भी सुरक्षित रखने के लिए बीमा करवाना पसंद कर रहे हैं और यही नहीं लोगों को इसका पूरा-पूरा लाभ भी मिल रहा है।
दस साल में बढ़ी जागरूकता
एक निजी बीमा कंपनी के उप प्रबंधक राजेंद्र मिश्रा ने बताया कि आज से दस साल पहले लोग जीवन बीमा को लेकर इतने गंभीर नहीं थे पर अब जैसे-जैसे लोगों को इनके फायदों की जानकारी होती जा रही है, वह खुद ही बीमा कराने आते हैं। दस सालों में 20 प्रतिशत बीमा कराने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। जबकि प्रीमियम रेट की ग्रोथ 35 प्रतिशत बढ़ी है।
दस साल में बढ़ी जागरूकता
एक निजी बीमा कंपनी के उप प्रबंधक राजेंद्र मिश्रा ने बताया कि आज से दस साल पहले लोग जीवन बीमा को लेकर इतने गंभीर नहीं थे पर अब जैसे-जैसे लोगों को इनके फायदों की जानकारी होती जा रही है, वह खुद ही बीमा कराने आते हैं। दस सालों में 20 प्रतिशत बीमा कराने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। जबकि प्रीमियम रेट की ग्रोथ 35 प्रतिशत बढ़ी है।
पुरुषों से पीछे महिलाएं एक निजी बीमा कंपनी के उप-प्रबंधक संजय सिंह ने बताया कि हाल ही में आए इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि 2017-18 में 90 लाख महिलाओं ने जीवन बीमा खरीदी, जबकि इसी टाइम पीरियड में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने पाले पुरुषों की संख्या 1.91 करोड़ रही। इन आंकड़ों से ये तो साफ है कि बीमा कराने के मामले में महिलाएं पुरुषों से काफ ी पीछे हैं। यही हाल शहर की महिलाआें का भी है। यहां पुरुष वर्ग अपने नाम से ही पॉलिसी खरीदता है। इसलिए अब महिलाओं को भी इस ओर ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए। जीवन बीमा न सिर्फ पुरुषों बल्कि महिलाओं के लिए भी बेहद जरूरी है। जीवन बीमा महिलाओं को न सिर्फ सुरक्षा और लाभ प्रदान करता है, बल्कि कई अन्य फ ायदे भी देता है। उदाहरण के लिए कुछ जीवन बीमा योजनाएं महिलाओं को टैक्स बचाने और पैसे बनाने में मदद करते हैं। महिलाएं आमतौर पर पुरुषों पर निर्भर रहती हैं, वो बहुत कम ही खुद के बारे में सोचती हैं, जबकि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि महिलाओं को लंबे समय तक अपनी देखभाल की जरूरत होती है। अगर घर की महिला का भविष्य सुरक्षित रहेगी तो वो पूरे घर का भविष्य सुरक्षित कर सकेगी।
यह कंपनी शहर में
एलआइसी आइआइएफसी लाइफ इंश्योरेंस
एसबीआइ लाइफ इंश्योरेंस एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस
कोटर महेंद्रा लाइफ इंश्योरेंस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस ये बीमा आपके लिए फायदेमंद
अजीवन बीमा बंदोबस्त जीवन बीमा
पेंशन जीवन बीमा
एलआइसी आइआइएफसी लाइफ इंश्योरेंस
एसबीआइ लाइफ इंश्योरेंस एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस
कोटर महेंद्रा लाइफ इंश्योरेंस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस ये बीमा आपके लिए फायदेमंद
अजीवन बीमा बंदोबस्त जीवन बीमा
पेंशन जीवन बीमा
हेल्थ लाइफ कवर बीमा
सूक्ष्म बीमा: यह बीमा गरीबों के लिए है जो महीने में 60 से 100 रुपए खर्च कर इसका लाभ ले सकते हैं।
इन पर डालें एक नजर – लाइफ के फस्र्ट स्टेज पर लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लें, इससे बेहतर रिस्क कवर और अधिक सेविंग होती है।
– लाइफ के सेकंड स्टेज पर मेडिकल और पेंशन पॉलिसी लें।
सूक्ष्म बीमा: यह बीमा गरीबों के लिए है जो महीने में 60 से 100 रुपए खर्च कर इसका लाभ ले सकते हैं।
इन पर डालें एक नजर – लाइफ के फस्र्ट स्टेज पर लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लें, इससे बेहतर रिस्क कवर और अधिक सेविंग होती है।
– लाइफ के सेकंड स्टेज पर मेडिकल और पेंशन पॉलिसी लें।
– किसी के प्रलोभन में आकर नहीं बल्कि अपनी बजट के हिसाब से ही पॉलिसी लें। क्योंकि प्रीमियम न जमा होने पर पॉलिसी लेप्स हो जाती है।
– बीमा फार्म भरते समय सही तथ्यों की ही जानकारी दें। क्योंकि कंपनी पूरी जांच पड़ताल के बाद ही रिस्क कवर को वापस करती है।
– बीमा फार्म भरते समय सही तथ्यों की ही जानकारी दें। क्योंकि कंपनी पूरी जांच पड़ताल के बाद ही रिस्क कवर को वापस करती है।
– सबसे जरूरी बीमा अधिकृत कंपनी के अधिकृत व्यक्ति से ही खरीदें । हो सके तो खुद कंपनी में जाएं और पूरी जांच पड़ताल के बाद बीमा खरीदें।
समय का कुछ कहा नहीं जा सकता। कब किसके साथ क्या हो जाए, इसलिए लोगों को पहले से इसके लिए तैयार रहना चाहिए। आप अपनी सेविंग से कुछ रुपए जीवन बीमा को खरीदने में लगाएं। इससे आप हर पल खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे। साथ ही आपके न रहने के बाद भी यह आपके परिवार का हम सफर बनेगा।
रोशन हंसवानी, फाइनेंशियल एक्सपर्ट
समय का कुछ कहा नहीं जा सकता। कब किसके साथ क्या हो जाए, इसलिए लोगों को पहले से इसके लिए तैयार रहना चाहिए। आप अपनी सेविंग से कुछ रुपए जीवन बीमा को खरीदने में लगाएं। इससे आप हर पल खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे। साथ ही आपके न रहने के बाद भी यह आपके परिवार का हम सफर बनेगा।
रोशन हंसवानी, फाइनेंशियल एक्सपर्ट