ऐसे में यातायात पुलिस की चुनौती है लोगों में लेफ्ट लेन खाली रखने की आदत डलवाना। सर्किट हाउस चौक पर एक बड़ी समस्या हाइवे की पटरी पर वैलेट पार्किंग बना कर रखना भी है। दरअसल, सुगम यातायात के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चौराहों को नए सिरे से संवारा जा रहा। आवागमन के लिए गड्ढों से मुक्ति दिलाई गई। यातायात नियंत्रण के लिए सिग्नल प्रारंभ किए गए, यलो लाइन लगाई गई। इसके बाद भी स्थितियों में सुधार नहीं हो पा रहा।
रेड सिग्नल के बाद लग जाती है लाइन
पाया जा रहा कि जैसे ही रेड सिग्नल होता है वाहन रुकने शुरू हो जाते हैं। लेकिन, वाहनों के अनियंत्रित तरीके से जहां-तहां खड़े होने से जाम जैसी स्थिति हो जाती है। नतीजा, ग्रीन सिग्नल होने पर भी वाहन स्मूथली नहीं निकल पाते हैं। इसकी वजह है वाहन चालकों में ट्रैफिक सेंस का न होना और इन स्थितियों की चौराहों पर खड़े जवानों की अनदेखी। नतीजा, जिसे जहां जगह मिलती है वह वहां खड़ा होता जाता है। सबसे बुरी स्थिति ऑटो वाले पैदा करते हैं। आगे निकलने की होड़ में जहां तक जगह मिलती जाती है आगे बढ़ते जाते हैं। ऐसे में जाम की स्थिति बन जाती है।
पाया जा रहा कि जैसे ही रेड सिग्नल होता है वाहन रुकने शुरू हो जाते हैं। लेकिन, वाहनों के अनियंत्रित तरीके से जहां-तहां खड़े होने से जाम जैसी स्थिति हो जाती है। नतीजा, ग्रीन सिग्नल होने पर भी वाहन स्मूथली नहीं निकल पाते हैं। इसकी वजह है वाहन चालकों में ट्रैफिक सेंस का न होना और इन स्थितियों की चौराहों पर खड़े जवानों की अनदेखी। नतीजा, जिसे जहां जगह मिलती है वह वहां खड़ा होता जाता है। सबसे बुरी स्थिति ऑटो वाले पैदा करते हैं। आगे निकलने की होड़ में जहां तक जगह मिलती जाती है आगे बढ़ते जाते हैं। ऐसे में जाम की स्थिति बन जाती है।
लेफ्ट टर्निंग क्लियर नहीं
दोनों चौराहों पर एक बड़ी बात यह देखने में आ रही कि जिस तरीके से रेड सिग्नल पर वाहन खड़े होते हैं, उसके बाद किसी को लेफ्ट जाना हो तो निकलने की जगह नहीं बचती है। ज्यादातर इसमें ऑटो और बाइक सवार होते हैं। बाइक सवार को लेफ्ट टर्निंग में प्रवेश कर आगे खड़े हो जाते हैं। इससे जाम की स्थिति बन जाती है।
दोनों चौराहों पर एक बड़ी बात यह देखने में आ रही कि जिस तरीके से रेड सिग्नल पर वाहन खड़े होते हैं, उसके बाद किसी को लेफ्ट जाना हो तो निकलने की जगह नहीं बचती है। ज्यादातर इसमें ऑटो और बाइक सवार होते हैं। बाइक सवार को लेफ्ट टर्निंग में प्रवेश कर आगे खड़े हो जाते हैं। इससे जाम की स्थिति बन जाती है।
यलो लाइन का पालन नहीं
रेड सिग्नल के लिए यलो लाइन खींच दी गई है। लेकिन उसकी दृश्यता सही नहीं होने से लोगों को पता नहीं चल पा रहा। एक पतली लाइन होने की वजह से कई बार यह दिख भी नहीं पा रही है। लिहाजा लोगों को यलो लाइन का पालन सख्ती से कराने की जरूरत है।
रेड सिग्नल के लिए यलो लाइन खींच दी गई है। लेकिन उसकी दृश्यता सही नहीं होने से लोगों को पता नहीं चल पा रहा। एक पतली लाइन होने की वजह से कई बार यह दिख भी नहीं पा रही है। लिहाजा लोगों को यलो लाइन का पालन सख्ती से कराने की जरूरत है।
जेब्रा क्रासिंग नहीं
पैदल यात्रियों के लिए चौराहे पर इधर से उधर जाने के लिए अभी जेब्रा क्रॉसिंग नहीं बनी है। हालांकि बताया जा रहा कि इस दिशा में जल्द काम होगा। टाइमिंग अभी अनकूल नहीं
सर्किट हाउस चौक पर सिग्नल की टाइम सेङ्क्षटग सही नहीं है। नतीजा, हाइवे पर इस वजह से ओवर ब्रिज में लंबी दूरी तक वाहन खड़े हो जाते हैं। यही स्थिति दूसरी दिशा में होती है।
पैदल यात्रियों के लिए चौराहे पर इधर से उधर जाने के लिए अभी जेब्रा क्रॉसिंग नहीं बनी है। हालांकि बताया जा रहा कि इस दिशा में जल्द काम होगा। टाइमिंग अभी अनकूल नहीं
सर्किट हाउस चौक पर सिग्नल की टाइम सेङ्क्षटग सही नहीं है। नतीजा, हाइवे पर इस वजह से ओवर ब्रिज में लंबी दूरी तक वाहन खड़े हो जाते हैं। यही स्थिति दूसरी दिशा में होती है।
होटल की वैलेट पार्किंग
सर्किट हाउस चौक पर सबसे ज्यादा दिक्कत एक होटल की वैलेट पार्किंग है। इस पर अगर सख्ती से रोक नहीं लगी तो यहां यातायात सुगम होना मुश्किल है।
सर्किट हाउस चौक पर सबसे ज्यादा दिक्कत एक होटल की वैलेट पार्किंग है। इस पर अगर सख्ती से रोक नहीं लगी तो यहां यातायात सुगम होना मुश्किल है।