शहर में आए दिन चोरी और लूट की वारदात हो रही है। जिससे पुलिस गश्त पर सवाल खड़ा हो गया है। गश्त के दौरान पुलिस अफसर भी आंख मूंदकर जीप में बैठे रहते हैं। जब बीट मोबाइल और पुलिसकर्मियों को जांचना हुआ तो अपने पास बुलाकर कागजी घोड़े दौड़ा लेते हैं। पुलिस आमतौर पर रात को गुजरने वाले लोगों से पूछताछ भी नहीं करती। यही कारण है कि बदमाशों को बढ़ावा मिल
रहा है।
रात 12.08 बजे सेमरिया चौक पर स्थित पुलिस चौकी में ताला लटक रहा था। शहर के सबसे प्रमुख चौराहे पर न तो पुलिस दिखी और न ही डायल 100 वाहन। बीच-बीच में चौराहे से तेजी से निकले वाहन शोर मचाते बाइकर्स रात की खामोशी में व्यवधान डाल रहे थे। आधी रात पुलिस की तलाश में सेमरिया चौक से रीवा रोड में भरहुत नगर मोड़ की ओर आगे बढ़े। भरहुत नगर पुलिस चौकी में भी ताला लटक रहा था। भरहुत नगर की दो दर्जन कॉलोनियों में इधर से उधर भटकते रहे लेकिन कहीं गस्त में तैनात पुलिस बल नजर नहीं आया।
रात लगभग 12.50 बजे बिरला रोड यादव गैस एजेंसी के सामने सड़क किनारे एक काले कलर की कार खड़ी मिली। इस कार में बैठे लोग आधीरात बेखौफ होकर जाम छलका रहे थे। कॉलोनियों में रात के सन्नाटे के बीच इक्का दुक्का लोग बाइक या पैदल आते-जाते मिले, लेकिन पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था का कहीं पर भी एहसास नहीं हुआ।
कोलगवां थाना क्षेत्र की पॉश कॉलोनी भरहुत नगर में रात्रि गस्त के लिए दो आरक्षक तैनात हैं, लेकिन रात 12.30 बजे से एक बजे तक आधे घंटे के भ्रमण के दौरान भरहुत नगर में महीं भी गस्त में तैनात पुलिस बल नजर नहीं आया। कुछ ऐसा ही हाल सिंधी कैंप का रहा। इस बीट में रात्रि गस्त में दो जवान तैनात थे लेकिन कॉलोनी में कहीं पर भी पुलिस की लोकेशन नहीं मिली।