दरअसल, शेरे पंजाब ज्वेलर्स के संचालक एक सप्ताह से भी ज्यादा समय से नदारद हैं। उनके शोरूम में भी ताला लगा हुआ है। परिवार सहित उनके जाने की किसी को खबर नहीं है और न ही यह जानकारी है कि वे कहां हैं। उनके सभी जाहिर नंबर भी बंद हैं। घटना के बाद उनके खिलाफ दो प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं। एक प्रकरण संजय वर्मा के खिलाफ जवाहर नगर निवासी ललिता बाई (82) ने 9 लाख रुपए वापस नहीं करने का सिटी कोतवाली में दर्ज करवाया है। इस पर पुलिस ने संजय वर्मा के विरुद्ध आइपीसी की धारा 406 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
एसपी राजेश हिंगणकर ने पत्रिका को बताया, शेरे पंजाब ज्वेलर्स के संचालक संजय वर्मा और राजीव वर्मा के विरुद्ध लुक आउट नोटिस की प्रक्रिया प्रारंभ करते हुए भारत सरकार के ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन (बीओआई) को सर्कुलर जारी किया गया है। इसमें संबंधित शख्सों के बारे में जानकारी देते हुए बीओआइ को कहा गया है कि इन्हें इमीग्रेशन सर्टिफिकेट न जारी किया जाए। इमीग्रेशन सर्टिफिकेट जारी नहीं होने पर संबंधितों को वीजा नहीं मिल पाएगा और वे विदेश नहीं जा सकेंगे।
दो करोड़ रुपए नहीं दिया
दूसरा मामला स्टार आटोमोबाइल्स के संचालक मुसाफिर सिंह ने सिटी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए पुलिस को बताया है कि उनका दो करोड़ रुपए शेरे पंजाब ज्वेलर्स के संचालकों ने नहीं दिया है। इस पर पुलिस ने शेरे पंजाब ज्वेलर्स के संचालक संजय वर्मा, राजीव वर्मा, रचना वर्मा और सोनिया वर्मा के खिलाफ अमानत में ख्यानत का मामला आइपीसी की धारा 406, 34 के तहत दर्ज किया है।
दूसरा मामला स्टार आटोमोबाइल्स के संचालक मुसाफिर सिंह ने सिटी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए पुलिस को बताया है कि उनका दो करोड़ रुपए शेरे पंजाब ज्वेलर्स के संचालकों ने नहीं दिया है। इस पर पुलिस ने शेरे पंजाब ज्वेलर्स के संचालक संजय वर्मा, राजीव वर्मा, रचना वर्मा और सोनिया वर्मा के खिलाफ अमानत में ख्यानत का मामला आइपीसी की धारा 406, 34 के तहत दर्ज किया है।
अब नोटिस के अधिकार एसपी को
बताया गया, पहले नोटिस जारी करने के अधिकार आप्रवासन निदेशालय को हुआ करते थे। अब यह अधिकार पुलिस अधीक्षक को दे दिए गए हैं। इसके तहत एसपी ने एअरपोर्ट एमीग्रेशन को बताया है कि संबंधितों के दिखाई देने पर उन्हें हिरासत में लेकर स्थानीय पुलिस को दे दिया जाए और हमें सूचित किया जाए। इस नोटिस के बाद अब वे विदेशी उड़ानों के साथ देश के अंदर की उड़ानों पर भी अगर एयर पोर्ट पर देखे जाएंगे तो उन्हें हिरासत में ले लिया जाएगा।
बताया गया, पहले नोटिस जारी करने के अधिकार आप्रवासन निदेशालय को हुआ करते थे। अब यह अधिकार पुलिस अधीक्षक को दे दिए गए हैं। इसके तहत एसपी ने एअरपोर्ट एमीग्रेशन को बताया है कि संबंधितों के दिखाई देने पर उन्हें हिरासत में लेकर स्थानीय पुलिस को दे दिया जाए और हमें सूचित किया जाए। इस नोटिस के बाद अब वे विदेशी उड़ानों के साथ देश के अंदर की उड़ानों पर भी अगर एयर पोर्ट पर देखे जाएंगे तो उन्हें हिरासत में ले लिया जाएगा।
यह है लुक आउट नोटिस
लुक आउट नोटिस एक इंटरनल सर्कुलर होता है। उसमें जांच एजेंसी को किसी शख्स के बारे में जिस तरह की जानकारी चाहिए उस तरह से जारी किया जाता है। इसमें उसे रोकने से लेकर गिरफ्तारी तक शामिल होती है। लुक आउट नोटिस भारत सरकार के इमीग्रेशन विभाग को भेजा जाता है औऱ उसमें जिस शख्स को रोका जाना होता है।
लुक आउट नोटिस एक इंटरनल सर्कुलर होता है। उसमें जांच एजेंसी को किसी शख्स के बारे में जिस तरह की जानकारी चाहिए उस तरह से जारी किया जाता है। इसमें उसे रोकने से लेकर गिरफ्तारी तक शामिल होती है। लुक आउट नोटिस भारत सरकार के इमीग्रेशन विभाग को भेजा जाता है औऱ उसमें जिस शख्स को रोका जाना होता है।
जानकारी देते हुए निर्देश
उसके बारे में जानकारी देते हुए निर्देश दिए जाते हैं। इन निर्देशों में एयरपोर्ट के भीतर घुसने से रोक दिया जाए और विमान में ना चढने दिया जाए, संबंधित शख्स के आने पर सूचना दी जाए, गोपनीय तरीके से जानकारी दी जाए और हिरासत में ले लें ताकि भागने ना पाए आदि शामिल होता है।
उसके बारे में जानकारी देते हुए निर्देश दिए जाते हैं। इन निर्देशों में एयरपोर्ट के भीतर घुसने से रोक दिया जाए और विमान में ना चढने दिया जाए, संबंधित शख्स के आने पर सूचना दी जाए, गोपनीय तरीके से जानकारी दी जाए और हिरासत में ले लें ताकि भागने ना पाए आदि शामिल होता है।