सिर्फ गुड़्स वाहन को छूट, ले रहे कंस्ट्रक्शन की अनुमति शहर में भारी वाहनों की टक्कर से होने वाली वेतहाशा मौतों को देखते हुए तत्कालीन कलेक्टर केके खरे ने नो-इंट्री लागू की थी। बाद में सरकारी खाद्यान्न और खाद के परिवहन को देखते हुए नो-इंट्री में छूट देने की व्यवस्था की गई। जिसमें यह तय किया गया कि 12 चक्का वाहन से ज्यादा को नो-इंट्री में छूट नहीं मिलेगी। इसके साथ ही सिर्फ गुड्स वाहनों को छूट देने का प्रावधान किया गया। लेकिन अब इस छूट के नाम पर बड़े खेल ट्रांसपोर्टर और यातायात पुलिस मिलकर कर रही है। साथ ही जो अनुमति जारीकर्ता अधिकारी हैं वे भी बिना सत्यापन के सीधे अनुमति जारी कर रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि एसडीएम द्वारा खाद्यान्न परिवहन के नाम पर कंस्ट्रक्शन वाहन मिक्सर, डम्पर और 14 चक्का वाहन को भी अनुमति दी जा रही है।
इस तरह छिपा कर मांग रहे अनुमति कार्यालय अनुविभागीय दण्डाधिकारी (नगर) जिला सतना द्वारा 21 दिसंबर 2021 को पत्र क्रमांक 1686 /नो इंट्री/2021 के जरिये जिले के भण्डारण केन्द्रों से संबंधित केन्द्रों के लिये गेहूं चावल की रैक लोडिंग का कार्य करने के लिये परिवहनकर्ता को जो अनुमति जारी की गई उसमें ऐसे वाहनों को भी अनुमति दे दी गई जो कंन्स्ट्रक्शन वाहन हैं। जैसे क्रमांक 63 में एमपी09एचजी 9232 को खाद्यान्न परिवहन की अनुमति दी गई है लेकिन परिवहन विभाग के दस्तावेजों के अनुसार यह ट्रांजिट मिक्सर वाहन है। जिसका काम सीमेंट कांक्रीट मिक्स का परिवहन है। इसी तरह से सूची क्रमांक 32 में वाहन क्रमांक एमपी 19एचए 5685 को 10 चक्का वाहन बता कर अनुमति चाही गई है। लेकिन यह परिवहन विभाग के दस्तावेजों के अनुसार 14 चक्का ट्रक है। इस तरह इस सूची में ऐसे तमाम गड़बड़झाले कर अनुमतियां ली जा रही हैं।
यह है प्रक्रिया लॉगबुक भी नहीं देते एसडीएम को इन वाहनों को नो-इंट्री में छूट देने के साथ एक शर्त यह भी है कि इन्हें अपने वाहनों की अनुमति अवधि की लॉगबुक भी एसडीएम कार्यालय को प्रस्तुत करनी होगी। लेकिन एसडीएम कार्यालय में ज्यादातर वाहनों की लॉगबुक उपलब्ध नहीं है। जिससे यह पता चल सके कि यह वाहन अनुमति अवधि में क्या और कहा परिवहन कर रहा है। न ही अधिकारी इस दिशा में ध्यान देते हैं।
” किसी भी अनुमति के लिये तथ्य छिपाकर अनुमति लेना गैर कानूनी है। सक्षम अधिकारी ऐसा पाने पर संबंधित पर एफआईआर दर्ज करवा सकता है।” – धर्मवीर सिंह, पुलिस अधीक्षक ” इस मामले में संबंधितों को नोटिस जारी की जाएगी। जवाब के अनुसार दोषी पाये जाने पर कार्रवाई भी की जाएगी।”
– अनुराग वर्मा, कलेक्टर