खरीद केंद्रों में भी अव्यवस्था कलेक्टर ने सभी एसडीएम को खरीद केंद्रों का सतत भ्रमण के लिए कहा है। हर खरीदी केन्द्र के नोडल अधिकारी बना रखे हैं पर हकीकत यह है कि इनके द्वारा निरीक्षण की खानापूर्ति की जा रही है। अभी भी केन्द्रों पर किसानों के लिए छाया-पानी के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। इसका खुलासा गत दिवस तहसीलदार रामपुर के मतहा खरीदी केंद्र के निरीक्षण में हुआ। हालात यह मिले कि स्टाक में वारदाना होने के बाद भी वारदाना न होने की बात कह कर खरीदी बंद कर रखी थी और दो दिन से कई किसान अपनी बारी के इंतजार में खड़े थे।
यहां दिन में नहीं होती खरीदी
जिला मुख्यालय से आधे घंटे की दूरी पर रामपुर चौरासी के पास एक खरीदी केंद्र है जो अन्नपूर्णा वेयर हाउस खरीदी के नाम से है। यहां तो पूरी तरह से मनमानी राज है। इस वेयर हाउस में खरीदी की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां दिन को खरीदी नहीं होती है। किसान खरीदी में अपना गेहूं न बर्बाद हो इसलिये पन्नी लेकर जाते हैं। यहां तय मात्रा से अधिक खरीदी हो रही है। तौलाई और उतरवाई का भी अलग से पैसा लिया जाता है। जबकि शासन स्तर से तौलाई और उतरवाई का पैसा नहीं लगता है। गत दिवस यहां गेहूं लेकर पहुंचे किसान नरेन्द्र सिंह भाद, वीर बहादुर सिंह करही हरमल्ला, सतीश सिंह नकटी, रामनारायण त्रिपाठी बम्हौरी ने बताया कि दिन को यहां कोई खरीदी नहीं की जा रही थी। न ही यहां छाया पानी की व्यवस्था है। जब इसकी शिकायत जिला खाद्य अधिकारी नागेन्द्र सिंह से की गई तो उन्होंने भी कुछ नहीं किया। इसकी शिकायत नेहा तिवारी डीएमओ से भी की गई लेकिन कोई मौके पर नहीं पहुंचा। सहकारिता विभाग के अधिकारी कौशिक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यहां तो आपसे कम तौल रहे हैं दूसरे जिलों में तो 51 किलो तक तौलते हैं। कलेक्टर के ऊपर है कि वे कैसी तौल करवाते हैं। कुल मिलाकर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इन मनमानी राज पर लगाम लगाने को तैयार नहीं है।
यहां दिन में नहीं होती खरीदी
जिला मुख्यालय से आधे घंटे की दूरी पर रामपुर चौरासी के पास एक खरीदी केंद्र है जो अन्नपूर्णा वेयर हाउस खरीदी के नाम से है। यहां तो पूरी तरह से मनमानी राज है। इस वेयर हाउस में खरीदी की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां दिन को खरीदी नहीं होती है। किसान खरीदी में अपना गेहूं न बर्बाद हो इसलिये पन्नी लेकर जाते हैं। यहां तय मात्रा से अधिक खरीदी हो रही है। तौलाई और उतरवाई का भी अलग से पैसा लिया जाता है। जबकि शासन स्तर से तौलाई और उतरवाई का पैसा नहीं लगता है। गत दिवस यहां गेहूं लेकर पहुंचे किसान नरेन्द्र सिंह भाद, वीर बहादुर सिंह करही हरमल्ला, सतीश सिंह नकटी, रामनारायण त्रिपाठी बम्हौरी ने बताया कि दिन को यहां कोई खरीदी नहीं की जा रही थी। न ही यहां छाया पानी की व्यवस्था है। जब इसकी शिकायत जिला खाद्य अधिकारी नागेन्द्र सिंह से की गई तो उन्होंने भी कुछ नहीं किया। इसकी शिकायत नेहा तिवारी डीएमओ से भी की गई लेकिन कोई मौके पर नहीं पहुंचा। सहकारिता विभाग के अधिकारी कौशिक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यहां तो आपसे कम तौल रहे हैं दूसरे जिलों में तो 51 किलो तक तौलते हैं। कलेक्टर के ऊपर है कि वे कैसी तौल करवाते हैं। कुल मिलाकर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इन मनमानी राज पर लगाम लगाने को तैयार नहीं है।