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केंद्रों पर नहीं जगह, गेहूं खरीदी के लिए इंतजार

locationसतनाPublished: May 14, 2019 11:22:36 pm

Submitted by:

Ramashankar Sharma

ट्रांसपोर्टर की मनमानी से प्रभावित हो रही खरीदी

No place on the centers, wait for wheat to buy

No place on the centers, wait for wheat to buy

सतना. जिले में गेहूं की खरीदी तेजी से चल रही। हालात यह है कि तपती दोपहरी में किसान अपना गेहूं लेकर खरीद केंद्रों में दो-दो दिन तक खड़ा इंतजार करता रहता है लेकिन केंद्र में पर्याप्त जगह नहीं होने से उसके गेहूं की खरीदी नहीं हो पा रही। पर्याप्त जगह नहीं होने की वजह उठाव नहीं होना है। उपार्जन के परिवहन नियमों के अनुसार ट्रांसपोर्टर को 24 घंटे के अंदर उपार्जित गेहूं का परिवहन करना है। लेकिन, ठेकेदार द्वारा परिवहन में विलंब किया जा रहा है। इस स्थिति से जिम्मेदार वाकिफ हैं पर कार्रवाई नहीं की जा रही। परिवहन को लेकर संयुक्त आयुक्त सहकारिता भी जिले के अफसरों को लिख रहे फिर भी कोई असर होता नजर नहीं आ रहा है।
जिले में 406641.88 मीट्रिक टन गेहूं रेडी टू ट्रांसपोर्ट की स्थिति में आने के बाद भी परिवहनकर्ता उठाव नहीं कर रहा। मामले में जिला प्रशासन सहित संबंधित विभागों के जिला प्रमुख को जानकारी दिए जाने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। उसी दौरान संयुक्त आयुक्त सहकारिता एवं संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं रीवा संभाग ने जिले के खरीद केंद्रों का निरीक्षण किया। 13 मई को उन्होंने मैहर की तीन समितियों का भ्रमण किया। इसमें विपणन सहकारी समिति मर्यादित मैहर में 21564 क्विंटल गेहूं का परिवहन लंबित था। सेवा सहकारी समिति मर्यादित बदेरा में 19668 क्विंटल तथा सेवा सहकारी समिति तिघरा में 12100 क्विंटल गेहूं का परिवहन लंबित था। इतने ज्यादा पैमाने पर रेडी टू ट्रांसपोर्ट वाले गेहूं का परिवहन लंबित होना कार्रवाई के दायरे में आता है, क्योंकि ट्रांसपोर्टर की ठेका शर्तों में स्पष्ट है कि 24 घंटे के अंदर उपार्जित गेहूं का परिवहन सुनिश्चित करना अनिवार्य है। इसकी जानकारी 13 मई को संयुक्त आयुक्त मंडल प्रबंधक राज्य सहकारी विपणण संघ रीवा संभाग सहित कलेक्टर सतना, जिला विपणन अधिकारी सतना, सीइओ जिला सहकारी बैंक सतना सहित उप आयुक्त सहकारिता सतना को दी। लेकिन इसके बाद भी स्थिति में कोई खास सुधार नहीं आ सका है।
खरीद केंद्रों में भी अव्यवस्था

कलेक्टर ने सभी एसडीएम को खरीद केंद्रों का सतत भ्रमण के लिए कहा है। हर खरीदी केन्द्र के नोडल अधिकारी बना रखे हैं पर हकीकत यह है कि इनके द्वारा निरीक्षण की खानापूर्ति की जा रही है। अभी भी केन्द्रों पर किसानों के लिए छाया-पानी के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। इसका खुलासा गत दिवस तहसीलदार रामपुर के मतहा खरीदी केंद्र के निरीक्षण में हुआ। हालात यह मिले कि स्टाक में वारदाना होने के बाद भी वारदाना न होने की बात कह कर खरीदी बंद कर रखी थी और दो दिन से कई किसान अपनी बारी के इंतजार में खड़े थे।
यहां दिन में नहीं होती खरीदी
जिला मुख्यालय से आधे घंटे की दूरी पर रामपुर चौरासी के पास एक खरीदी केंद्र है जो अन्नपूर्णा वेयर हाउस खरीदी के नाम से है। यहां तो पूरी तरह से मनमानी राज है। इस वेयर हाउस में खरीदी की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां दिन को खरीदी नहीं होती है। किसान खरीदी में अपना गेहूं न बर्बाद हो इसलिये पन्नी लेकर जाते हैं। यहां तय मात्रा से अधिक खरीदी हो रही है। तौलाई और उतरवाई का भी अलग से पैसा लिया जाता है। जबकि शासन स्तर से तौलाई और उतरवाई का पैसा नहीं लगता है। गत दिवस यहां गेहूं लेकर पहुंचे किसान नरेन्द्र सिंह भाद, वीर बहादुर सिंह करही हरमल्ला, सतीश सिंह नकटी, रामनारायण त्रिपाठी बम्हौरी ने बताया कि दिन को यहां कोई खरीदी नहीं की जा रही थी। न ही यहां छाया पानी की व्यवस्था है। जब इसकी शिकायत जिला खाद्य अधिकारी नागेन्द्र सिंह से की गई तो उन्होंने भी कुछ नहीं किया। इसकी शिकायत नेहा तिवारी डीएमओ से भी की गई लेकिन कोई मौके पर नहीं पहुंचा। सहकारिता विभाग के अधिकारी कौशिक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यहां तो आपसे कम तौल रहे हैं दूसरे जिलों में तो 51 किलो तक तौलते हैं। कलेक्टर के ऊपर है कि वे कैसी तौल करवाते हैं। कुल मिलाकर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इन मनमानी राज पर लगाम लगाने को तैयार नहीं है।

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