प्राचीन मंदिरों की धरोहर है यह शहर इस शहर में धार्मिक महत्व भी काफ ी है। यहां का प्राणनाथ मंदिर बहुत लोकप्रिय है। पन्ना में महामती प्राणनाथ ने आत्म जागृति का उपदेश दिया था और जगानी का झंडा भी फ हराया था। ऐसा माना जाता है कि पन्ना में अपने चेलों के साथ 11 साल गुजारने के बाद महामती गुरू ने यही समाधि लेने का फैसला किया था। इसके लिए जुगुलकिशोर मंदिर जिसमें भगवान कृष्ण की मूर्ति और बलदेव मंदिर की शांति और खूबसूरती देखते ही बनती है।
केन घडिय़ाल अभयारण्य केन घडियाल अभयारण्य, भारत का एक महत्वपूर्ण अभयारण्य है जिसे देश में तेजी से लुप्त हो रहे घडियालों की प्रजाति को बचाने के लिए स्थापित किया गया है। यह पन्ना शहर के पास में ही स्थित है। यह अभयारण्य बेहद खूबसूरत है और यह चारों तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है। अभयारण्य के बराबर पर ही 45 किमी लंबी नदी है जो हमेशा बहती रहती है।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान, टाइगर रिजर्व पन्ना राष्ट्रीय उद्यान, पन्ना शहर के पास में स्थित है लेकिन यह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का हिस्सा है। यह पार्क, राज्य का पांचवा और देश का बाईसवां टाइगर रिजर्व पार्क है। इस पार्क को पर्यटन मंत्रालय के द्वारा देश का सबसे अच्छा और कायदे से रखा गया साथ ही बेस्ट पार्क घोषित किया गया और सम्मान से नवाजा गया। यहां ५४ से ५५ बाघों मौजूद है। इसके अलावा हिरन, भालू, चीतल, तेंदुआ, व सरीसृपों का भी घर है। यह पार्क बहुत दिलचस्प जगह स्थित है। लोग सुबह छह से १२ और दोपहर तीन से शाम छह के बीच विजिट कर सकते हैं। वहीं पार्क के अंत में उष्णकटिबंधीय और उप उष्णकटिबंधीय जंगली बेल्ट शुरू हो जाती है। यहीं से नम पर्णपाती जंगलों की शुरूआत हो जाती है जिनका सम्बंध भारत -गंगा मैदान से है। इन वनों में सागौन के वृक्षों को देखा जा सकता है।
फॉल्स और कुंड भी बनाते हैं इस शहर को खूबसूरत
शहर से 12 किलोमीटर दूर पांडव फॉल्स और गुफाएं मौजूद हैं। यह झरना बेहद ही आकर्षिक और खूबसूरत है।यंहा बनी गुफाएं भी अपने आप में अद्भुत है। इसके अलावा रनेश फॉल्स, वृहस्पति कुंड और ब्रिज कुंड भी काफी मशहूर है।
शहर से 12 किलोमीटर दूर पांडव फॉल्स और गुफाएं मौजूद हैं। यह झरना बेहद ही आकर्षिक और खूबसूरत है।यंहा बनी गुफाएं भी अपने आप में अद्भुत है। इसके अलावा रनेश फॉल्स, वृहस्पति कुंड और ब्रिज कुंड भी काफी मशहूर है।
ट्री हाउस में रहने का अलग ही मजा
इस शहर में ट्री हाउस भी बनाए गए हैं। यानी पेड़ों के ऊपर घर। जिसमें एक परिवार आसानी से रुक सकता है। यह ट्री हाउस पन्ना टाइगर रिजर्व के बाहर बनाए गए हैं। इसके अलावा यहां कई रिसॉर्ट हैं जहां रुकने और खाने की व्यवस्था है। इसके अलावा यहां ऑनलाइन बुकिंग सुविधा भी है।
इस शहर में ट्री हाउस भी बनाए गए हैं। यानी पेड़ों के ऊपर घर। जिसमें एक परिवार आसानी से रुक सकता है। यह ट्री हाउस पन्ना टाइगर रिजर्व के बाहर बनाए गए हैं। इसके अलावा यहां कई रिसॉर्ट हैं जहां रुकने और खाने की व्यवस्था है। इसके अलावा यहां ऑनलाइन बुकिंग सुविधा भी है।
एेसे पहुंचे पन्ना सतना शहर से पन्ना की दूरी 75 किलोमीटर है। यहां से पन्ना जाने में दो घंटे लग जाते हैं। पन्ना के लिए शहर से स्लीपर, एसी और लक्जरी बसें आसानी से उपलब्ध है। सड़क मार्ग द्वारा पन्ना तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह शहर राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।