सैम्पलिंग में गंभीरता बरतें समीक्षा में यह तथ्य सामने आया कि जिस एरिया को कंटेनमेंट एरिया घोषित कर दिया गया है वहां पर मोबाइल टीम को 24 घंटे में पहुंच कर सैम्पलिंग की कार्यवाही पूरी कर लेनी चाहिए। लेकिन यहां ऐसा नहीं हो पा रहा है। हद तो यह है कि कंटेनमेंट जोन से लोग निकल कर फीवर क्लीनिक तक सैम्पलिंग कराने पहुंच रहे हैं। जबकि कंटेनमेंट जोन से किसी को निकलने की इजाजत नहीं है। इस पर निर्णय दिया कि कंटेनमेंट एरिया में मोबाइल यूनिट प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करते हुए सैम्पलिंग करेंगी।
कन्टेनमेंट जोन में बढ़ेगा फोर्स साथ ही कंटेनमेंट जोन में अब वन विभाग का अमला लगाने का भी प्रयास किया जाएगा। पुलिस को भी सख्ती बरतने कहा जाएगा। अभी पाया गया है कि पुलिस के जवान यहां सख्ती नहीं बरत रहे हैं। बैरीकेटिंग व्यवस्था को भी और दुरुस्त करने पर बात हुई। कुल मिलाकर कंटेनमेंट जोन में फोर्स बढ़ाना है।
सैम्पल लेकर छोड़े नहीं जाएंगे अभी पाया जा रहा है कि जिनके सैम्पल लिये जा रहे हैं उन्हें छोड़ दिया जाता है। लेकिन अब यह व्यवस्था बदलेगी। 40 से ऊपर उम्र वालों को परिणाम आने तक छोड़ा नहीं जाएगा। इसी तरह से 40 से नीचे जिनमें टीवी व अन्य लक्षण दिखेंगे उन्हें भी नहीं छोड़ेगे। गैर लक्षण वालों को तभी छोड़ा जाएगा जब उनके यहां प्रोटोकाल के तहत व्यवस्था होगी।