बता दें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझगवां में फेसिलेटिड इंटीग्रेटेड काउंसिलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर (सुविधाजनक एकीकृत जांच और परामर्श केंद्र ) संचालित किया जा रहा था। किसी भी पीडि़त के जांच में पॉजिटिव आने के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता था। जिला अस्पताल में स्थित आइसीटीसी में नए सिरे से जांच कर पीडि़त को रिपोर्ट दी जाती थी, लेकिन सीएचसी में केंद्र खुलने के बाद पीडि़तों को जिला अस्पताल के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
देवराजनगर की जगह मझगवां में खुलेगा केंद्र सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवराजनगर, रामपुर बाघेलान, नागौद और अमरपाटन में एकीकृत परामर्श व जांच केंद्र खोलने की स्वीकृति मिली थी। लेकिन देवराजनगर के करीब अमरपाटन में पहले से केंद्र संचालित था। जबकि, मुख्यालय से 50 किमी दूरी होने के बाद भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझगवां में यह व्यवस्था नहीं थी। एेसे में पीडि़तों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। इसके चलते जिला स्तर से देवराजनगर की बजाए मझगवां में केंद्र खोलने का प्रस्ताव भेजा गया। मप्र राज्य एड्स नियंत्रण समिति परियोजना संचालक ने जिला स्तर से भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए देवराजनगर की बजाय सीएचसी मझगवां में केंद्र खोलने की मंजूरी दे दी।
जल्द आरंभ होगा जांच केंद्र
आईसीटीसी जिला अस्पताल के काउंसलर नीरज सिंह तिवारी ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझगवां में जल्द ही इंटीग्रेटेड एंड काउंसिलिंग सेंटर (सुगम एकीकृत जांच और परामर्श केंद्र ) केंद्र आरंभ कर दिया जाएगा। संचालनालय स्वास्थ्य सेवा भोपाल से स्वीकृति मिलने के बाद केंद्र के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीदी भी की जा चुकी है। पीडि़तों को जांच के लिए जिला अस्पताल नहीं आना पड़ेगा।
आईसीटीसी जिला अस्पताल के काउंसलर नीरज सिंह तिवारी ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझगवां में जल्द ही इंटीग्रेटेड एंड काउंसिलिंग सेंटर (सुगम एकीकृत जांच और परामर्श केंद्र ) केंद्र आरंभ कर दिया जाएगा। संचालनालय स्वास्थ्य सेवा भोपाल से स्वीकृति मिलने के बाद केंद्र के लिए आवश्यक उपकरणों की खरीदी भी की जा चुकी है। पीडि़तों को जांच के लिए जिला अस्पताल नहीं आना पड़ेगा।
सुझाए बचाव के तरीके बीएमओ डॉ. तरुणकांत त्रिपाठी ने बताया कि एकीकृत परामर्श केंद्र की यहां लंबे समय से आवश्यकता महसूस की जा रही थी। आदिवासी बहुल्य इलाका होने के कारण लोग एचआइवी के प्रति जागरूक नहीं हैं। यही वजह है कि अपेक्षाकृत उन्हें ज्यादा परेशान होना पड़ता था। डॉ. पांडेय ने बताया कि एचआइवी पीडि़त से मिलने-जुलने से नहीं फैलता। इसके लिए कुछ सावधानियां बरतनी पड़ती हैं। जैसे इंजेक्शन लगवाते समय हमेशा नई व सीलबंद सीरिंज का उपयोग किया जाए, सुरक्षित यौन संबंध के तरीके अपनाएं, सरकारी या लाइसेंसी ब्लड बैंक से से ही रक्त लिया जाए, गर्भवती महिलाएं एचआइवी की जांच जरूर कराएं, भ्रंतियों में न पडं़े।