scriptएनआरसी वार्ड में बेड के नीचे रखा था बाल्टी में पानी, फिर पलंग से फिसला मासूम और हो गई.. | NRC Innocent death in Ramnagar Community Health Center | Patrika News

एनआरसी वार्ड में बेड के नीचे रखा था बाल्टी में पानी, फिर पलंग से फिसला मासूम और हो गई..

locationसतनाPublished: Jun 01, 2019 01:27:35 pm

Submitted by:

suresh mishra

रामनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का मामला: रातभर मामले को दबाए रखा महकमा, एनआरसी में बाल्टी के पानी में डूबकर मासूम की मौत

NRC Innocent death in Ramnagar Community Health Center

NRC Innocent death in Ramnagar Community Health Center

सतना। रामनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की एनआरसी में एक मासूम की बाल्टी के पानी में डूबकर मौत हो गई। घटना गुरुवार-शुक्रवार दरम्यानी रात की है। जब परिजन व स्टाफ को पता चला तो हड़कंप मच गया। दूसरी ओर जिम्मेदार मामले को दबाने में लग गए। किसी भी जिम्मेदार ने इसे गंभीरता से लेते हुए उचित कदम नहीं उठाया। घटना के 12 घंटे बाद भी सभी चुप्पी साधकर बैठे रहे।
बताया गया, रामनगर के सुहैला गांव निवासी रक्षा कोल (9 माह) को एनआरसी रामनगर में अति कुपोषण के कारण भर्ती किया गया था। उसे 28 मई को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता सिंह लेकर आई थी। बच्ची के साथ मां किरण कोल व पिता राजा उर्फ राजू कोल भी रह रहे थे। गुरुवार-शुक्रवार की दरम्यानी रात मां बच्ची को लेकर एनआरसी के बेड पर सो रही थी। बाल्टी बेड के करीब रखी हुई थी। उसमें मासूम गिर गई, जब तक परिजन व स्टाफ देखते, मासूम की डूबने से मौत हो गई।
बचाव के लिए आरोप-प्रत्यारोप
मामला अपने आप में गंभीर है। लेकिन, आरोप-प्रत्यारोप का खेल जारी हो चुका है। एक ओर एनआरसी से औपचारिकता पूरा करते हुए परिजनों को तत्काल गांव भेज दिया गया। दूसरी ओर मामले दबाने के लिए कहा गया कि पानी की बाल्टी मासूम के अभिभावक ने रखी थी।
वरिष्ठ अधिकारी भी जिम्मेदार
एनआरसी रामनगर में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। इसके चलते अधिकतर अभिभावक अपने स्तर पर पानी की व्यवस्था करते हैं। जिसे किसी बर्तन में बेड के पास ही रखते हैं। इसी तरह मासूम के अभिभावकों ने भी किया, जो जानलेवा साबित हुआ। सवाल उठता है कि कुपोषण के नाम पर हर साल ४ करोड़ से ज्यादा का बजट जिले में खर्च किया जाता है। उसके बावजूद पीने के पानी की व्यवस्था भी जिम्मेदार नहीं कर सके।
प्रोटोकॉल का उल्लंघन
एनआरसी के प्रोटोकॉल के अनुसार बाल्टी या अन्य सामग्री बेड के पास नहीं होनी चाहिए थी। अगर, परिजन रखे हुए थे तो नियमत: उसे हटवा देना चाहिए था। लेकिन, एनआरसी में पदस्थ स्टाफ ने ऐसा नहीं किया। उसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी स्टाफ की जगह परिजनों के ऊपर लापरवाही का आरोप लगाकर स्टाफ को बचाने में लगे हुए हैं। जबकि, एनआरसी के स्टाफ ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है। नियमानुसार सीधे कार्रवाई सुनिश्चित करना चाहिए।
पंजीयन में भी लापरवाही
मामले में हर कदम पर लापरवाही हुई है। जिस मासूम की मौत हुई है, उसका नाम दो आंगनबाड़ी केंद्र में दर्ज है। सूत्रों की मानें तो आंगनबाड़ी केंद्र 2 व 3 में नाम दर्ज है। यह जानकारी भी जिम्मेदारों को है। लेकिन, लापरवाही के लिए भी कोई कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की गई।
जिसे मिला अवार्ड, वहीं लापरवाही
रामनगर एनआरसी को शत-प्रति बेड एक्युपेंसी के लिए प्रदेश में नंबर एक स्थान मिला था। इसके लिए पुरस्कृत भी किया गया। उसी एनआरसी में स्टाफ की लापरवाही से मासूम की मौत हो गई।
एक बेड पर तीन
एनआरसी रामनगर में एक बेड पर तीन बच्चों को रखा गया था। जिस बेड पर मासूम थी, उसके साथ अन्य एक बच्चा भी था। यानी बेड पर दो बच्चों को रखा गया था।
एनआरसी में बच्ची की मौत हुई है। मां ने पलंग के पास बाल्टी रख दी थी। इससे हादसा हुआ है।
डॉ. आलोक अवधिया, बीएमओ, रामनगर

बाल्टी के पानी में डूबने से मासूम की मौत की सूचना मिली है। जांच कराते हुए संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
डॉ. विजय कुमार आरख, सीएमएचओ
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो