उल्लेखनीय है कि ट्रांस्पोर्ट नगर के सामने प्राचीन नरसिंह टेकरी मंदिर है। तत्कालीन महंत जयराम महराज ने प्राथमिक शाला के लिए मंदिर की जमीन दान की थी, लेकिन उनके बाद किसी ने ध्यान नहीं दिया। वर्तमान में कलेक्टर सतेन्द्र सिंह मंदिर के प्रशासक हैं, लेकिन न तो मंदिर के रख-रखाव पर ध्यान दिया जा रहा। न ही विद्यालय की अव्यवस्थाओं पर। विद्यालय व मंदिर के आसपास एक दर्जन से अधिक अवैध कब्जे हैं। जो कई बार विद्यालय संचालन में अवरोध भी पैदा करते हैं, लेकिन उनके खिलाफ कभी कार्रवाई नहीं की जाती।
स्थानीय लोगों से जब छात्र संख्या घटने की वजह पूछी गई तो उन्होंने बताया कि असुरक्षित महौल इसका प्रमुख कारण है। बताया कि विद्यालय के बगल एक तरफ ट्रांसपोर्ट कार्यालय दूसरी तरफ बोरबेल का कार्यालय है। जहां, दिनभर भारी वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। ट्रांसपोर्ट नगर के भी वाहन कई बार विद्यालय के सामने खड़े कर दिए जाते हैं। वहीं हाइवे पर वाहानों की रेलमपेल से भी हादेस का खतरा बना रहता है। ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजने में डर लगता है।
शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय में अवागमन सहित अन्य समस्याएं पुरानी हैं। इसके लिए विभागीय अधिकािरयों को अवगत कराया जाता है, लेकिन समाधान नहीं हुआ। तत्कालीन कलेक्टर सुखवीर सिंह विद्यालय के औचक निरीक्षण पर आए थे। उन्होंने भी इसे बड़ी समस्या बताते हुए समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन स्थितियां जस की तस हैं। उनके बाद अन्य अधिकारी भी विद्यालय का जायजा लेने आए, लेकिन हालात नहीं बदले।
स्थानीय लोगों से जब छात्र संख्या घटने की वजह पूछी गई तो उन्होंने बताया कि असुरक्षित महौल इसका प्रमुख कारण है। बताया कि विद्यालय के बगल एक तरफ ट्रांसपोर्ट कार्यालय दूसरी तरफ बोरबेल का कार्यालय है। जहां, दिनभर भारी वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। ट्रांसपोर्ट नगर के भी वाहन कई बार विद्यालय के सामने खड़े कर दिए जाते हैं। वहीं हाइवे पर वाहानों की रेलमपेल से भी हादेस का खतरा बना रहता है। ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजने में डर लगता है।
शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय में अवागमन सहित अन्य समस्याएं पुरानी हैं। इसके लिए विभागीय अधिकािरयों को अवगत कराया जाता है, लेकिन समाधान नहीं हुआ। तत्कालीन कलेक्टर सुखवीर सिंह विद्यालय के औचक निरीक्षण पर आए थे। उन्होंने भी इसे बड़ी समस्या बताते हुए समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन स्थितियां जस की तस हैं। उनके बाद अन्य अधिकारी भी विद्यालय का जायजा लेने आए, लेकिन हालात नहीं बदले।
साल-दर-साल घटी छात्र संख्या वर्ष विद्यार्थी
२०१५ ७५
२०१६ ६५
२०१७ ३७
२०१८ २२
२०१९ १३
२०१५ ७५
२०१६ ६५
२०१७ ३७
२०१८ २२
२०१९ १३