बताया गया, श्रीवास्तव परिवार के सदस्य केके श्रीवास्तव बिलासपुर में रहते हैं। चुनाव के दौरान वे सतना आए थे। उन्होंने खेरवां स्थित हनुमान मंदिर और सिंहपुर स्थित लालशाह मजार में मन्नत मांगी थी कि भूपेश सिंह बघेल चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बन जाएंगे तो वे मंदिर में भंडारा करेंगे और मजार में चादर चढ़ाएंगे। संयोग से उनकी मन्नत पूरी हो गई।
बघेल प्लेन से सतना हवाई पट्टी पहुंचे इसकी जानकारी उन्होंने छग के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल को दी, तो उन्होंने वादा किया कि धार्मिक आयोजन में वे भी शामिल होंगे। इसके बाद केके श्रीवास्तव के कहने पर उनके भाई एसके श्रीवास्तव ने शुक्रवार को खेरवां हनुमान मंदिर में भंडारे का आयोजन किया। इसमें शिरकत करने मुख्यमंत्री बघेल प्लेन से सतना हवाई पट्टी पहुंचे। उसके बाद खेरवां पहुंचकर मंदिर में दर्शन किया। फिर सिंहपुर लालशाह मजार पहुंचे। वहां खुद चादर चढ़ाई और वापस लौट गए।
दिन भी खास चुना
एक साथ दोनों स्थानों पर कार्यक्रम को पूरा करने के लिए दिन भी खास चुना गया। संयोग से हनुमान जयंती थी। इसी आधार पर खेरवां हनुमान मंदिर में भंडारा का आयोजन किया गया। मजार के अनुसार शुक्रवार का दिन विशेष था, इसी दिन चादर भी चढ़ाई।