प्याज की बढ़ती दरों को लेकर न केवल प्रदेश सरकार चिंतित रही है बल्कि केन्द्र सरकार भी इस पर पैनी नजर बनाए हुए थी। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 5 अक्टूबर को केन्द्र सरकार को सतना जिले से एक शिकायत केन्द्र को प्याज के अवैध भंडारण की मिली थी। इसे गंभीरता से लेते हुए प्रदेश शासन को सूचित किया गया। 5 अक्टूबर को संचालनालय उद्यान विभाग ने उप संचालक उद्यान सतना को इसका पत्र भेजते हुए जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए गये। केन्द्र सरकार से बताया गया था कि ट्रेडर्स महेश के यहां कृषि उपज मंडी परिक्षेत्र में 320 टन प्याज का अनावश्यक व अनाधिकृत भंडारण है, लेकिन यह पत्र उप संचालक के यहां दबाकर रख लिया गया। अब जब मामला गरमाया तो उप संचालक कार्यालय से 25 नवंबर आनन फानन में पत्र जारी करते हुए वरि उ.वि. अधिकारी सोहावल को जांच के निर्देश दिए। मामले में जानकारों का कहना है कि यह शिकायत महेश कुशवाहा की थी, जिसके द्वारा व्यापक पैमाने पर प्याज का भंडारण किया गया था, लेकिन अचानक ही उसने पूरी प्याज खुर्द बुर्द कर दी। सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब प्याज के रेट बढ़ रहे थे उसी वक्त अगर यहां जांच कर ली गई होती तो प्याज का बड़ा खेल सामने आ जाता। अब जब पूरा मामला रफा दफा कर लिया गया तो जांच की नौटंकी शुरू कर दी गई है।
प्याज की बढ़ी दरों पर भाजपा ने कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ा है। जिलाध्यक्ष भाजपा ने कहा कि कांग्रेस गरीबों का राग बस अलापती है लेकिन उनसे कोई लेना देना नहीं है। गरीब की प्याज रोटी भी उनसे छीन ली गई है। प्याज नियंत्रण के सरकार के दावे खोखले हैं। सतना में कुछ कांग्रेसियों को लाभ पहुंचाने के लिए प्याज और मंडी के मामले में प्रशासन चुप्पी साधे बैठा है। यही वजह है कि यहां प्याज के दाम आसमान पर है। बढ़े दामों से आम जनता चिल्ला रही है लेकिन कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।
कलेक्टर के निर्देश पर शहर में छापामारी के लिए तीन टीमें गठित की गई। हालांकि 25 तारीख को मंडी कारोबार बंद रहने से कोई उल्लेखनीय सफलता नहीं मिल सकी। पुरानी गल्ला मंडी स्थित प्याज व्यापारियों की जांच जिला आपूर्ति अधिकारी पीएल राय के नेतृत्व में फर्म राजकुमार संतराम दास, महेश ट्रेडर्स, श्री ट्रेडर्स के यहां दबिश दी गई, लेकिन कहीं अधिक भंडारण नहीं मिला। इसी तरह से नायब तहसीलदार अनुराधा मिश्रा के नेतृत्व में पप्पू आलू कंपनी, मुकेश एंड ब्रदर्स, राजकुमार संतरामदास, महेश कुमार राजेन्द्र कुमार, सुनील ट्रेडर्स और लोकचंद्र शंकरलाल के यहां जांच की गई। यहां भी सब कुछ ठीक पाया गया।