हाल ही में सोशल मीडिया में थंब इंप्रेशन (अंगूठे के निशान) लेने के लिए मैसेज किए जा रहे हैं। यह पूरी तरह फर्जी हैं। स्वतंत्रता दिवस के चलते मिलने वाले ऑफर्स को लेकर साइबर सेल व क्राइम ब्रांच ने एडवाइजरी (सलाह) जारी की है। इसमें जनता को अलर्ट किया है कि त्योहारों पर हैकर्स सक्रिय रहते हैं। वे लालच देकर आपको फेक लिंक शेयर करेंगे। उस पर क्लिक करने पर आपके साथ ठगी हो सकती है।
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एडवाइजरी में कहा गया कि वाट्सऐप पर ऑफर के मैसेज पूरी तरह फर्जी हैं। हैकर्स ऑफर्स के नाम पर जनता को लालच दे रहे हैंं। स्क्रीन अनलॉक करने के लिए आपसे थंब इंप्रेशन मांग रहे हैं। यह वह थंब इंप्रेशन है, जिसकी मदद से आप बायोमैट्रिक से लिंक हैं। आपके सारे डाटा चाहे वह आधार कार्ड हो या पैन कार्ड या बैंक अकाउंट, की जानकारी सभी हैकर्स तक पहुंच सकती है। उसके बाद हैकर्स इनका गलत उपयोग कर आपको क्रिमिनल बना सकता है। ऐसी लिंक पर क्लिक न करें, जिससे आप खुद परेशानी में पड़ जाएं। प्रदेशभर में 120 केस
उपभोक्ता जल्दबाजी में साइट्स असली है या नकली, यह भी नहीं देख पाते। सालभर में प्रदेश में ऐसे 120 केस सामने आए हैं, जिनमें पीडि़त फेक लिंक के माध्यम से ठगी के शिकार हो चुके हैं। उन्हें पता नहीं चला और न ही उनके मोबाइल पर ओटीपी नंबर पहुंचा। हैकर्स ने उनके खातों से लाखों रुपए की शॉपिंग कर डाली। इसका कारण इंटरनेट पर आधे से ज्यादा शॉपिंग साइट्स का वेरिफाइड न होना है।
एडवाइजरी में कहा गया कि वाट्सऐप पर ऑफर के मैसेज पूरी तरह फर्जी हैं। हैकर्स ऑफर्स के नाम पर जनता को लालच दे रहे हैंं। स्क्रीन अनलॉक करने के लिए आपसे थंब इंप्रेशन मांग रहे हैं। यह वह थंब इंप्रेशन है, जिसकी मदद से आप बायोमैट्रिक से लिंक हैं। आपके सारे डाटा चाहे वह आधार कार्ड हो या पैन कार्ड या बैंक अकाउंट, की जानकारी सभी हैकर्स तक पहुंच सकती है। उसके बाद हैकर्स इनका गलत उपयोग कर आपको क्रिमिनल बना सकता है। ऐसी लिंक पर क्लिक न करें, जिससे आप खुद परेशानी में पड़ जाएं। प्रदेशभर में 120 केस
उपभोक्ता जल्दबाजी में साइट्स असली है या नकली, यह भी नहीं देख पाते। सालभर में प्रदेश में ऐसे 120 केस सामने आए हैं, जिनमें पीडि़त फेक लिंक के माध्यम से ठगी के शिकार हो चुके हैं। उन्हें पता नहीं चला और न ही उनके मोबाइल पर ओटीपी नंबर पहुंचा। हैकर्स ने उनके खातों से लाखों रुपए की शॉपिंग कर डाली। इसका कारण इंटरनेट पर आधे से ज्यादा शॉपिंग साइट्स का वेरिफाइड न होना है।
80 प्रतिशत लोगों के पास पहुंचा मैसेज
स्वतंत्रता दिवस पर छोटी से लेकर बड़ी कंपनियां जनता को लुभावने ऑफर दे रही हैं। सोशल मीडिया हो या मोबाइल पर आने वाला टैक्स्ट मैसेज, सभी जगह ऑफर्स के विज्ञापन दिए जा रहे हैं। हाल ही में स्वतंत्रता दिवस पर 70 से 80 प्रतिशत लोगों तक वाट्सऐप पर थंब इंप्रेशन वाला मैसेज पहुंचा है।
स्वतंत्रता दिवस पर छोटी से लेकर बड़ी कंपनियां जनता को लुभावने ऑफर दे रही हैं। सोशल मीडिया हो या मोबाइल पर आने वाला टैक्स्ट मैसेज, सभी जगह ऑफर्स के विज्ञापन दिए जा रहे हैं। हाल ही में स्वतंत्रता दिवस पर 70 से 80 प्रतिशत लोगों तक वाट्सऐप पर थंब इंप्रेशन वाला मैसेज पहुंचा है।
यूआइडीएआइ भी कर चुकी अलर्ट
आधार कार्ड बनाने वाली कंपनी यूआइडीएआइ ने एक सप्ताह पहले एडवाइजरी जारी कर लोगों को जागरूक रहने की सलाह दी है। उसने जिक्र किया कि हस्तरेखा या फ्रिंगर प्रिंट वाले ऐसे ऐप का इस्तेमाल न करें। आपके फिंगर प्रिंट या अंगूठे के निशान का दुरुपयोग किया जा सकता है।
आधार कार्ड बनाने वाली कंपनी यूआइडीएआइ ने एक सप्ताह पहले एडवाइजरी जारी कर लोगों को जागरूक रहने की सलाह दी है। उसने जिक्र किया कि हस्तरेखा या फ्रिंगर प्रिंट वाले ऐसे ऐप का इस्तेमाल न करें। आपके फिंगर प्रिंट या अंगूठे के निशान का दुरुपयोग किया जा सकता है।
ऐसे करें अनवेरिफाइड साइट्स की पहचान
– साइट खोलते ही लिंक में आने वाले शब्दों को जांच लें।
– जिन साइट के शुरुआती में ही ह्म्ह्म् लिखा होता है, वे साइट्स वेरिफाइड होती हैं।
– वेरिफाइड साइट्स में पीले रंग का लॉक भी होता है।
– बिना एस वाली साइट्स अनवेरिफाइड होती है। ऐसी साइट्स में धोखाधड़ी की संभावना होती है।
(साइबर एक्सपर्ट के अनुसार)
– साइट खोलते ही लिंक में आने वाले शब्दों को जांच लें।
– जिन साइट के शुरुआती में ही ह्म्ह्म् लिखा होता है, वे साइट्स वेरिफाइड होती हैं।
– वेरिफाइड साइट्स में पीले रंग का लॉक भी होता है।
– बिना एस वाली साइट्स अनवेरिफाइड होती है। ऐसी साइट्स में धोखाधड़ी की संभावना होती है।
(साइबर एक्सपर्ट के अनुसार)
ऐसे बचें ठगी से
– साइट्स पर ऑर्डर करने से पहले उसका पता व मोबाइल नंबर जांच लें।
– लैंडलाइन नंबर है तो उस पर कॉल कर चेक कर लें।
– कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन चुनें।
– हाल ही में कुछ कंपनियों ने यह भी रियायत दी है कि ग्राहक के पास जब प्रोडक्ट पहुंचे तो वह उसके पैकेट को खोलकर देखें। यदि संतुष्ट हों तो ले अन्यथा बदल दें।
– अनचाही लिंक पर क्लिक न करें।
– अगर कोई लिंक थंब इंप्रेशन मांगे तो उस पर फिंगर प्रिंट न दें।
– साइट्स पर ऑर्डर करने से पहले उसका पता व मोबाइल नंबर जांच लें।
– लैंडलाइन नंबर है तो उस पर कॉल कर चेक कर लें।
– कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन चुनें।
– हाल ही में कुछ कंपनियों ने यह भी रियायत दी है कि ग्राहक के पास जब प्रोडक्ट पहुंचे तो वह उसके पैकेट को खोलकर देखें। यदि संतुष्ट हों तो ले अन्यथा बदल दें।
– अनचाही लिंक पर क्लिक न करें।
– अगर कोई लिंक थंब इंप्रेशन मांगे तो उस पर फिंगर प्रिंट न दें।