मंडी में धान बेचने वाले किसानों को मंडी समिति उसी दिन एक लाख रुपए तक का नकद भुगतान कराएगी। मंडी प्रशासन की पहल पर सात साल बाद एक बार फिर से धान की खरीदी 5 दिसंबर सोमवार से प्रारंभ हो रही है। मंडी समिति ने जिले के सभी किसानों से अन्य उपज की तरह मंडी में धान लाने की अपील की है। जिससे मंडी में धान की खरीदी हो सके।
व्यापारी एवं मीलटरों की बैठक में बनी सहमति विंध्य की सबसे बड़ी सतना कृषि उपज मंडी में विगत सात साल से धान की डाक नीलामी व क्रय विक्रय न होने के कारण एक ओर जिले के किसान धान बिक्री के लिए सरकारी खरीदी पर निर्भर थे। लेकिन अब सतना मंडी में धान की डाक नीलामी शुरू होने से मंडी की आय बढ़ेगी और किसानों को भी उनकी फसल का उचित दाम मिल सकेगा। अब किसानों को खरीदी केन्द्र में रतजगा करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। मंडी में धान खरीदी शुरू करने 29 नवंबर में मंडी सचिव करूणेश तिवारी ने गल्ला व्यापारी एवं मिलरों के साथ बैठक की थी,जिसमें मंडी में धान की खरीदी शुरू करने पर सहमति बनी थी।
दो नंबर की धान से चल रही मिले मंडी क्षेत्र में लगभग 50 धान मिल संचालित हैं। इन मिलों में हर साल लाखों क्विंटल धान की मिलिंग होती है। लेकिन सतना मंडी में धान की खरीदी न होने के कारण मिलर किसान एवं व्यापारियों से सीधे मील में दो नंबर की धान खरीदते थे। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित दाम नहीं मिल पाता। मंडी में धान खरीदी शुरू होने से जिले के धान उत्पाक किसानों को अब उनकी उपज का उचित दाम मिल सकेगा।