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सतना में शुरू हुआ पंचकल्याणक, घटयात्रा निकली, हुई कलश स्थापना

locationसतनाPublished: Apr 23, 2018 08:27:15 pm

28 अप्रैल तक चलेगा अयोजन, चार जैन मुनियों के सान्निध्य में हो रहे आयोजन

Panchkalayanak Mahotsav

Panchkalayanak Mahotsav

सतना. मध्यप्रदेश के सतना शहर में नवनिर्मित कृष्णनगर स्थित भगवान वासूपूज्य जिनालय का पंचकल्याणक महोत्सव सोमवार से शुरू हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत सोमवार सुबह करीब सात बजे घट यात्रा के साथ हुई। यह पूरे शहर से होते हुए आयोजन स्थल अयोध्या नगर पुराना पावर हाउस तक पहुंची। यहंा 108 कलशों से श्रीजी का महाभिषेक हुआ पंचकल्याणक और गजरथ महोत्सव 28 अप्रैल तक चलेगा। इस आयोजन के समस्त विधि विधान आचार्य विद्यासागर महाराज के शिष्य मुनि समय सागर, मुनि प्रशस्त सागर, मुनि मल्लिसागर व मुनि आन्दसागर के सान्निध्य में हो रहे हैं।
Panchkalayanak Mahotsav Ghat yatra Satna
IMAGE CREDIT: Patrika/Sajal gupta
क्या होता है पंचकल्याणक
पाषाण को परमात्मा बनाने के लिए जैन समाज में पंचकल्याणक महोत्सव की प्रतिष्ठा का आयोजन करता है। यह ठीक वैसे ही जैसे हिंदू मंदिरों में प्राठ प्रतिष्ठा समारोह। इसे सरल शब्दों में समझें तो पंचकल्याणक में मूल्यहीन पत्थर को भगवान बनने की प्रक्रिया है। पत्थर को भगवान का आकार देकर मुनि रूपी गवर्नर के हस्ताक्षर एवं सूर्य मंत्र रूपी मोहर लगने पर वह पत्थर परमात्मा बन जाता है। पंचकल्याणक करने का अधिकारी सौधर्म इंद्र होता है, जो भगवान के चिह्न को देकर उसकी पहचान करता है। महोत्सव में पांच दिनों तक इंद्र दरबार के साथ मुनिश्री के प्रवचन एवं पांचों दिन आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। जैन ग्रन्थों के अनुसार पंचकल्याणक सभी तीर्थंकरों के जीवन में घटित होते है। यह पांच कल्याणक हैं। इन पांच कल्याणकों को पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
गर्भ कल्याणक : जब तीर्थंकर प्रभु की आत्मा माता के गर्भ में आती है।
जन्म कल्याणक : जब तीर्थंकर बालक का जन्म होता है।
दीक्षा कल्याणक : जब तीर्थंकर सब कुछ त्यागकर वन में जाकर मुनि दीक्षा ग्रहण करते है।
केवल ज्ञान कल्याणक : जब तीर्थंकर को केवल ज्ञान की प्राप्ति होती है।
मोक्ष कल्याणक : जब भगवान शरीर का त्यागकर अर्थात सभी कर्म नष्ट करके निर्वाण/ मोक्ष को प्राप्त करते है।
Muni Maharaj in Panchkalayanak Mahotsav
IMAGE CREDIT: Sajal gupta/Patrika
ये मिला सौभाग्य
समाज प्रवक्ता आनंद जैन ने बताया कि समारोह के प्रमुख पात्र कुबेर बनने गौरव धन्य कुमार पिता मदनलाल जैन परिवार को प्राप्त हुआ। समारोह के महायज्ञ नायक बनने का सौभाग्य जैन क्लब के अध्यक्ष राजेन जैन को प्राप्त हुआ। राजा भरत चक्रवर्ती बनने का सौभाग्य अभिषेक जैन को एवं बाहुबलि बनने का सौभाग्य अभिनव जैन (अमर जैन परिवार) को प्राप्त हुआ। राजा श्रेयांश बनेंगे जैन जगत के विद्वान महेश पंडित जी एवं राजा सोम बनकर प्रतिष्ठा की शोभा बढ़ायेंगे, सुनील जैन बीना वाले नवीन पूज्य जिनालय कृष्ण नगर में शिखर पर कलशारोहण एवं धर्म ध्वजा फहराने का सौभाग्य विजय जैन, अभिषेक जैन, भोलू जैन महावीर परिवार को प्राप्त हुआ।
Panchkalayanak Mahotsav Ghat yatra Satna
IMAGE CREDIT: patrika
अब तक यह हुआ
प्रात: 5:30 बजे से जप से प्रारंभ
6 बजे 108 कलशों में जल भरकर महिलाएं घटयात्रा में शामिल होंगी।
प्रात: 7 बजे से ध्वजारोहण, मंडप शुद्धि, जिनपूजन, आचार्य श्री जी की पूजन व पूज्य मुनिश्री समय सागर
की देशना होगी।
दोपहर 12:30 बजे से मंडप प्रतिष्ठा, कलश स्थापना योग मंडल विधान
शाम 4 बजे से मुनि श्री के प्रवचन सायं 7 बजे से 7.45 बजे तक।
महाआरती 7.45 बजे से 8.30 बजे तक पंचकल्याणक प्रतिष्ठा

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