पवई विधायक मामले में जबलपुर हाई कोर्ट में बहस पूरी, फैसला रिजर्व
Powai BJP MLA Case Prahlad Lodhi final judgment reserved in High Court
पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना जिला अंतर्गत पवई विधानसभा से भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता खत्म करने के मामले की अपील पर बुधवार को जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई पूरी करने के बाद जस्टिस वीपीएस चौहान की सिंगल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। बताया गया कि प्रहलाद लोधी ने भोपाल स्थित एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के फैसले को अपील में चुनौती दी थी।
ये भी पढ़े: डंडा कांड के आरोपी के कारण फिर सुर्खियों में आए अमरपाटन के भाजपा विधायक, अब विकास कार्यों में डाल रहे बाधा High Court granted stay ” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/07/05/highcourt_5322905-m.jpg”>Patrika IMAGE CREDIT: Patrikaक्या है मामला बता दें कि, पन्ना जिले की पवई विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में विधायक चुने गए प्रहलाद लोधी ने अपील में कहा कि वे निर्दोष हैं। उनके खिलाफ बिना समुचित साक्ष्य के सिर्फ संदेह के आधार पर सजा सुनाई गई है। प्रकरण में बताया कि पन्ना जिले की रैपुरा तहसील में पदस्थ तत्कालीन नायब तहसीलदार आरके वर्मा ने 28 अगस्त 2014 को सिमरिया थाने में रेत से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को जब्त करके थाने में खड़ा कर दिया था। ट्रैक्टर जब्त करने की सूचना पर भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी सहित 12 लोगों ने वापस लौटते समय मडवा गांव के पास बीच रोड पर नायब तहसीलदार की जीप को रोककर उनके साथ मारपीट की और गालियां दीं।
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bjp mla Case Prahlad Lodhi final judgment reserved in High Court” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/11/06/0_5322905-m.jpg”>Patrika IMAGE CREDIT: Patrikaकिस नियम के कारण गई सदस्यता सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के अऩुसार अगर किसी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है तो सदस्यता खत्म हो जाएगी। साथ ही वह अगले छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकता है। यह फैसला जस्टिस एके पटनायक और जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय की पीठ ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(4) को असंवैधानिक करार देते हुए कहा था कि दोषी ठहराए जाने की तारीख से ही अयोग्यता प्रभावी होती है। क्योंकि इसी धारा के तहत आपराधिक रिकॉर्ड वाले जनप्रतिनिधियों को अयोग्यता से संरक्षण हासिल है।