यूं बढ़ाएं आत्मविश्वास
आप घर में कोई भी नया काम करवाने वाले हो या फिर पार्टी की तैयारी करनी हो, इस पर बच्चे से विचार-विमर्श जरूर करें। पूछें कि वह इसके बारे में क्या सोचता है या उनकी कोई खास इच्छा है तो उसे जरूर महत्व दें। उनसे बातचीत करें। ऐसा करने से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है।
आप घर में कोई भी नया काम करवाने वाले हो या फिर पार्टी की तैयारी करनी हो, इस पर बच्चे से विचार-विमर्श जरूर करें। पूछें कि वह इसके बारे में क्या सोचता है या उनकी कोई खास इच्छा है तो उसे जरूर महत्व दें। उनसे बातचीत करें। ऐसा करने से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है।
हार का कराएं अहसास
कई अभिभावक चाहते हैं कि उनका बच्चा हर काम में आगे रहे। लेकिन जब ऐसा नहीं हो पाता तो दुखी होकर अपनी किस्मत को कोसने लगते हैं। इससे बच्चों का मनोबल कमजोर हो जाता है। खुद सकारात्मक बने रहने के साथ बच्चों को भी हार स्वीकार कर जीवन में आगे बढ़ते रहने की सीख दें।
कई अभिभावक चाहते हैं कि उनका बच्चा हर काम में आगे रहे। लेकिन जब ऐसा नहीं हो पाता तो दुखी होकर अपनी किस्मत को कोसने लगते हैं। इससे बच्चों का मनोबल कमजोर हो जाता है। खुद सकारात्मक बने रहने के साथ बच्चों को भी हार स्वीकार कर जीवन में आगे बढ़ते रहने की सीख दें।
बच्चों के साथ करें दोस्ताना व्यवहार
बच्चों के साथ हमेशा दोस्तों की तरह व्यवहार रखें। ऐसा करने से वह आपसे अपने दिल की बात खुलकर कह सकेगा। याद रखें जरूरत से ज्यादा अनुशासन बच्चे को आपसे
बातें छिपाने पर मजबूर कर सकता है।
बच्चों के साथ हमेशा दोस्तों की तरह व्यवहार रखें। ऐसा करने से वह आपसे अपने दिल की बात खुलकर कह सकेगा। याद रखें जरूरत से ज्यादा अनुशासन बच्चे को आपसे
बातें छिपाने पर मजबूर कर सकता है।
क्रिएटिव बनाएं
बच्चे को क्रिएटिव बनाएं। उन्हें इच्छा अनुसार कुछ भी करने की छूट दें। गलती होने पर स्वाभाविक रूप में लें। डांट-फटकार की बजाय धैर्य पूर्वक समझाने की कोशिश करें। अहसास कराएं कि आखिर गलती कहां और क्यों हुई है। ताकि, दोबारा वह ऐसा न करे।
बच्चे को क्रिएटिव बनाएं। उन्हें इच्छा अनुसार कुछ भी करने की छूट दें। गलती होने पर स्वाभाविक रूप में लें। डांट-फटकार की बजाय धैर्य पूर्वक समझाने की कोशिश करें। अहसास कराएं कि आखिर गलती कहां और क्यों हुई है। ताकि, दोबारा वह ऐसा न करे।