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पर्यावरण संतुलन का पैगाम लेकर साइकिल से भारत भ्रमण पर निकला ये युवा, 2050 किमी. रखा है लक्ष्य

locationसतनाPublished: May 11, 2019 05:00:12 pm

Submitted by:

suresh mishra

पर्यावरण संतुलन का पैगाम लेकर साइकिल से भारत भ्रमण पर निकला ये युवा, 2050 किमी. रखा है लक्ष्य

paryavaran ki suraksha kaise kare Cycle Tour on Environmental balance

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सतना। आइये हम आपको रू-ब-रू कराते हैं एक ऐसे युवा से, जो कि युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। ये युवा पढ़ाई पूरी करने के बाद साइकिल से देश का भ्रमण कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा है। ये शख्सियत कोई और नहीं बल्कि बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले 23 वर्षीय सचिन राज है। जो कर्नाटक की बैंगलोर सिटी से (आंध्र प्रदेश, तेलांगना, महाराष्ट्र और अब मप्र ) के नेशनल हाईवे-7 से जबलुपर, कटनी, मैहर होते हुए अमरपाटन तक लगभग 1750 किमी. का सफर तय कर चुके है। उनका लक्ष्य 2050 किमी. तक साइकिल चलाना है। साइकिल चलाते हुए वह देश के युवाओं को अपना पैगाम दे रहे है।
सचिन है सैनिक स्कूल के विद्यार्थी
बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले 23 वर्षीय सचिन राज सैनिक स्कूल के विद्यार्थी हैं। जो साइकल से देश भ्रमण कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। बैंगलोर से (कर्नाटक आंध्र प्रदेश, तेलांगना, महाराष्ट्र और अब मप्र ) अमरपाटन तक 1750 किमी का सफर साइकल से तय कर चुके हैं। 2050 किमी का लक्ष्य तय किया है। यह बात घर में बताई तो सभी खुश हुए। लेकिन मां चिंतित थी। हालांकि, बाद में सहमति दे दी।
रोजाना तय करते है 120 किमी. का सफर
सचिन रोजाना सुबह 4:30 से 9:30 और शाम को 5 से 6 बजे तक साइिकल चला 110 से 120 किमी का सफर तय करते हैं। रात्रि विश्राम के लिए कोई न कोई मिल ही जाता है। नहीं मिला तो होटल, ढावे व पेट्रोल पंप में रात गुजार लेता हूं। इस दौरान लोगों को प्रकृति, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुक कर रहे हैं। 24 मई तक बिहार पहुंचने का लक्ष्य है। इसके बाद पुन: बेंगलूरू जाना है।
पैशन और सोच ने शुरू कराया सफर
सचिन राज ने बताया कि वर्तमान दौर में देश का युवा साइकिल चलाने में संकोच करता है। महंगी बाइक और कार चलाने में शान समझते हैं। लेकिन हकीकत यह नहीं है। साइकिल चलाने से शरीर स्वस्थ रहता है। प्रदूषण भी नहीं फैलता है। ऐसी ही सोच दुनिया के हर व्यक्ति को बनानी होगी। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मैंने परीक्षा के बाद गर्मी की छुट्टियों में नया करने का प्लान बनाया। सोचा क्यों न साइकिल से घर जाते हैं, दोनों काम हो जाएंगे। 26 को बेंगलुरू में आयोजित दीक्षांत समारोह में शामिल भी शामिल होना है।
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