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कंगाली में लोगों को लगा जोर का करंट

locationसतनाPublished: Jun 17, 2021 06:14:40 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-ग्रामीण उपभोक्ता ज्यादा परेशान-पिछली गर्मी में खर्च यूनिट को भी जोड़ने का आरोप

मध्य प्रदेश पू्र्वी क्षेत्र बिजली कंपनी

मध्य प्रदेश पू्र्वी क्षेत्र बिजली कंपनी

सतना. कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने को लगे लॉकडाउन के चलते जहां लोगों की माली हालत पहले से ही खराब है। काम-धंधा चौपट हो गया है। वो पाई-पाई को मोहताज हैं। ऐसे में बिजली कंपनी ने दो-दो महीने का बिल भेज कर उपभोक्ताओं को बेहाल कर दिया है। उपभोक्ता परेशान हैं कि वो इतना ज्यादा बिल का भुगतान कैसे करेंगे।
खास तौर पर ग्रामीण उपभोक्ता ज्यादा परेशान हैं। बिजली कंपनी की ओर से इन्हें दो माह बाद अचानक से हजारों रुपये का बिल भेज दिया गया है। वो भी बिना मीट रीडिंग के। अब उपभोक्ता का अनलॉक में ज्यादा समय तो कंपनी के दफ्तरों का चक्कर काटने में बीत जा रहा है। दूसरे जिनकी आर्थिक स्थित अत्यंत खराब है उन्हें यही नहीं समझ में आ रहा कि इतनी ज्यादा रकम का भुगतान वो करेंगे कैसे?
उपभोक्ताओं का आरोप है कि कंपनी ने पूरे लॉकडाउन में मीटर रीडिंग तक तो कराई नहीं। ऐसे में मनमाना बिल भेज कर उपभोक्ताओं को परेशान किया जा रहा है। लाकडाउन में एक ओर जहां लोग बेरोजगार हो गए वहीं कई लोगों की माली हालत भी खस्ता हो गई। ऐसे में बिजली विभाग की गलती का खामियाजा आम उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
बता दें कि बिजली कंपनी 100 यूनिट तक के सभी घरेलू उपभोक्ताओं से प्रति माह 100 रुपये की दर से विद्युत मूल्य वसूलती है। लेकिन पिछले दो माह से न तो रीडिंग हुई और ना ही बिल भेजा गया। ऐसे में सैकड़ो उपभोक्ताओं के मीटर की रीडिंग लगातार बढ़ती गई। अब दो माह पूर्व की आखिरी रीडिंग दर्शाकर दो माह की रीडिंग जोड़कर जून में बिल भेजा जा रहा है। आरोप है कि लोगों को 100 यूनिट से अधिक की रीडिंग के हिसाब से बिल पहुंच रहा है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि उन्हें इंदिरा गृह ज्योति योजना का भी लाभ नहीं मिल पा रहा।
आरोप ये भी है कि बिजली कंपनी उपभोक्ताओं को बीते साल गर्मी में हुई खपत को आंकलित खपत का प्रतिशत जोड़कर बिल भेज दिया है। इससे परेशान उपभोक्ता रोजाना बिजली कार्यालयों का चक्कर काटने को विवश हैं।

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