मामले को गंभीरता से लेते हुए निगमायुक्त प्रवीण सिंह ने आरोपी पिता-पुत्र के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश जारी किए। ननि के कार्यपालन यंत्री व आवास योजना के प्रभारी अरुण तिवारी की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने रामसुंदर सोनी एवं उसके पुत्र धर्मेंद्र सोनी के खिलाफ अपराध क्रमांक 0666/18 में धारा 420 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है।
ये है मामला
आवास प्रभारी ने बताया, रामसुंदर एवं उसके पुत्र ने पीएम आवास योजना के तहत मकान निर्माण की राशि पाने निगम में आवेदन दिया था। आवेदन पत्र के साथ दोनों ने शपथ पत्र दिया था कि भारत वर्ष के अंदर मेरे तथा परिवार के किसी भी सदस्य के नाम पर किसी भी जगह पर पक्का मकान नहीं है। आवेदन में रामसुंदर ने अपनी कुल वार्षिक आय 24,000 तथा पुत्र धर्मेंद्र ने कुल आय 36000 रुपए बताई थी। आवेदन को सही मानते हुए नगर निगम प्रशासन ने दोनों हितग्राहियों को मकान निर्माण के लिए राशि जारी की थी।
आवास प्रभारी ने बताया, रामसुंदर एवं उसके पुत्र ने पीएम आवास योजना के तहत मकान निर्माण की राशि पाने निगम में आवेदन दिया था। आवेदन पत्र के साथ दोनों ने शपथ पत्र दिया था कि भारत वर्ष के अंदर मेरे तथा परिवार के किसी भी सदस्य के नाम पर किसी भी जगह पर पक्का मकान नहीं है। आवेदन में रामसुंदर ने अपनी कुल वार्षिक आय 24,000 तथा पुत्र धर्मेंद्र ने कुल आय 36000 रुपए बताई थी। आवेदन को सही मानते हुए नगर निगम प्रशासन ने दोनों हितग्राहियों को मकान निर्माण के लिए राशि जारी की थी।
रिटायर्ड कर्मचारी है रामसुंदर
निगम प्रशासन ने दिए गए शपथ पत्र के आधार पर जांच कराई तो यह सामने आया कि रामसुंदर सोनी पुत्र आरपी सोनी सेवानिवृत्त कर्मचारी है। उसकी मसिक आय 24 हजार रुपए है। रामसुंदर की पत्नी आशा के नाम वार्ड 41 सतना में दो मंजिला पक्का मकान है। उसका पुत्र धर्मेन्द्र पिता के साथ ही रहता है। सीएमएचओ कार्यालय धवारी के सामने उसकी मेडिकल की दुकान है। दुकान से आय 30 रुपए प्रति माह से अधिक है। इसके बाद निगम प्रशासन ने फर्जी दस्तावेज के सहारे आहरित किए गए 2 लाख निगम कोष में जमा कराने के निर्देश दिए गए थे।
निगम प्रशासन ने दिए गए शपथ पत्र के आधार पर जांच कराई तो यह सामने आया कि रामसुंदर सोनी पुत्र आरपी सोनी सेवानिवृत्त कर्मचारी है। उसकी मसिक आय 24 हजार रुपए है। रामसुंदर की पत्नी आशा के नाम वार्ड 41 सतना में दो मंजिला पक्का मकान है। उसका पुत्र धर्मेन्द्र पिता के साथ ही रहता है। सीएमएचओ कार्यालय धवारी के सामने उसकी मेडिकल की दुकान है। दुकान से आय 30 रुपए प्रति माह से अधिक है। इसके बाद निगम प्रशासन ने फर्जी दस्तावेज के सहारे आहरित किए गए 2 लाख निगम कोष में जमा कराने के निर्देश दिए गए थे।