बताते हैं कि पूर्व में कई बार पुलिस के अधिकारी व्यापारियों को चेतावनी दे चुके थे कि जो अति आवश्यक सेवा में नहीं हैं वे अपनी दुकानें ना खोलें। पत्रिका ने भी इस बात को प्रमुखता से उठाते हुए प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया था कि सिंधी कैम्प के बाजार में जो अति आवश्यक सेवा की दुकानें हैं वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है। दुकानदार मास्क का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। ग्राहकों को सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। कुछ दुकानदार यहां जूता, चप्पल, कपड़ा आदि की दुकान खोल रहे हैं जो अति आवश्यक वस्तुओं में शामिल नहीं है।गुरुवार को सुबह करीब 8 बजे सिंधी कैम्प में अचानक हड़कंप की स्थिति बन गई। जैसे ही पुलिस की गाडिय़ां यहां पहुंची दुकानदार शटर गिराने लगे। इसी बीच पुलिस ने मधु ड्रेसेस में मौजूद दुकानदार को दबोच लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुलिस मधु ड्रेसेस में मौजूद दुकानदार को अपने वाहन में बैठाकर ले गई लेकिन बमुश्किल 10 -15 मिनट बाद ही यह दुकानदार वापस आ गया। इस दुकानदार का नाम महेश छुट्टानी बताया जाता है इसकी दुकान खुशबू मिनी टॉकीज के नीचे सब्जी मंडी रोड पर है।
सवालों में पुलिस की कार्यवाही
अब इस इलाके के व्यापारियों में इस बात को लेकर चर्चा है कि इस दुकानदार को पुलिस ने इतनी जल्दी कैसे छोड़ दिया। सवाल हो रहा है कि अगर पुलिस को इस दुकानदार पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं करनी थी तो पुलिस इसे अपने साथ गाड़ी में बैठा कर क्यों ले गई थी?
सवालों में पुलिस की कार्यवाही
अब इस इलाके के व्यापारियों में इस बात को लेकर चर्चा है कि इस दुकानदार को पुलिस ने इतनी जल्दी कैसे छोड़ दिया। सवाल हो रहा है कि अगर पुलिस को इस दुकानदार पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं करनी थी तो पुलिस इसे अपने साथ गाड़ी में बैठा कर क्यों ले गई थी?