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Satna: एफआईआर दर्ज करने से बचती है पुलिस तो अवैध कब्जा खाली कराने में राजस्व विभाग की रुचि नहीं

locationसतनाPublished: Feb 08, 2021 10:16:24 am

Submitted by:

Ramashankar Sharma

सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों को देखें तो पुलिस विभाग में सबसे ज्यादा शिकायते एफआईआर न लिखने की दर्ज हो रही है। इसी तरह से राजस्व विभाग में सबसे ज्यादा शिकायतें सरकारी जमीन में किये गए अवैध कब्जे को खाली कराने की है। इससे स्पष्ट हो रहा है कि सतना जिले में लोग एफआईआर लिखाने और अवैध कब्जा खाली कराने के लिए परेशान हैं।

Police escaping FIR, Revenue Department avoids removal of encroachment

Police escaping FIR, Revenue Department avoids removal of encroachment

सतना. प्रदेश की भाजपा सरकार का इस बार फोकस सीएम हेल्पलाइन में काफी है और लगातार राजधानी स्तर से इसकी समीक्षा की जा रही है। मुख्यमंत्री भी शिकायतों के निराकरण में गंभीर है। सीएम हेल्पलाइन में दो प्रमुख विभाग पुलिस और राजस्व की शिकायतों को गौर करें तो सतना पुलिस एफआईआर दर्ज करने से बचती है तो राजस्व विभाग सरकारी व निजी जमीन से अवैध कब्जे खाली कराने में कोई रुचि नहीं लेता है। इस वजह से जिले से सर्वाधिक शिकायतें इसी की हो रही हैं। हालांकि अधिकारी इन मामलों को संजीदगी से लेते हुए ज्यादातर संतुष्टिपूर्वक निराकरण करा रहे हैं।
समस्याओं का बैरोमीटर है सीएम हेल्पलाइन
तत्कालीन कलेक्टर राहुल जैन कहा करते थे कि समस्याओं का बैरोमीटर सीएम हेल्पलाइन है। अर्थात जिस मामले की जिस क्षेत्र से सीएम हेल्पलाइन में सर्वाधिक शिकायतें हो रही हैं वहां संबंधित काम गंभीरता से संबंधितों द्वारा नहीं किया जा रहा है। इस बात को सही माना जाए तो पुलिस विभाग की जिले में सबसे ज्यादा शिकायतें एफआईआर न लिखने, एफआईआर विलंब से लिखने और सही धाराओं में एफआईआर न लिखने की हैं।
ये हैं पुलिस की सबसे ज्यादा शिकायतें

हालिया स्थिति में सबसे ज्यादा 59 शिकायतें एफआईआर न दर्ज करने, देर से दर्ज करने या सही एफआईआर न लिखने की हैं। इसके बाद 50 शिकायतें आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी न करना और पक्षकारों पर समझौते और राजीनामे का दबाव बनाना है। इसके बाद 25 शिकायतें विवेचना में लापरवाही, समय पर न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत न करना, किसी पक्ष से मिलकर या दबाव में आकर सही विवेचना न करने की हैं।
झूठे अपराध पंजीबद्ध करने की 5 शिकायतें
सतना जिले से अभी 5 शिकायतें झूठे अपराध पंजीबद्ध करने और गलत आरोपी बनाने की लंबित हैं। इसी तरह से 7 शिकायतें पुलिस कर्मियों और अधिकारियों का सही व्यवहार न होने, अनावश्यक रूप से परेशान करना व मारपीट करना सहित अवैध अभिरक्षा में रखने की हैं। एक शिकायत पुलिस सुरक्षा की मांग किये जाने पर पुलिस सुरक्षा उपलब्ध न कराने की है।
275 मामले सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की
जिला प्रशासन का सबसे महत्वपूर्ण विभाग राजस्व विभाग है। सीएम हेल्पलाइन में दर्ज होने वाली शिकायतों का विश्लेषण करें तो सबसे ज्यादा 275 शिकायतें सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की है। इसके बाद निजी भूमि पर अतिक्रमण की 215 शिकायतें लंबित हैं। बीपीएल कार्ड बनाने की 137 शिकायतें दर्ज हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि नहीं मिलने की शिकायतों की संख्या 110 है।
नामांतरण बंटवारे के 67 मामले
नामांतरण और बंटवारा से जुड़े विवादों की शिकायतों को देखा जाए तो इनकी संख्या 67 के करीब हैं। सीएम किसान कल्याण पंजीयन और भुगतान की शिकायतें 45 हैं। विभागीय शिकायतों की संख्या 41 के करीब है जिनमें पेंशन से जुड़े मामले भी शामिल हैं। बंटवारे के बाद पटवारी नक्शा तरमीम समय पर नहीं करते हैं इसकी शिकायतों की संख्या 22 के लगभग है। ऋण पुस्तिका से जुड़ी शिकायतों की संख्या 22 है। हालांकि जिले में ऋण पुस्तिकाएं अभी खत्म हैं और इनकी डिमांड की गई है।
ये भी है राजस्व विभाग की शिकायतें
शिकायत – संख्या
पट्टा न मिलने व पट्टे पर कब्जा न मिलना : 21
राजस्व अभिलेखों की प्रतिलिपि न देना : 10
खसरे की नकल आनलाइन अपडेट न करना : 8
पटवारी सर्वे में गलत फसल चढ़ाना : 7
वन्य प्राणियों की फसल नुकसानी की राहत राशि न देने : 7
शहरी क्षेत्र में पट्टा न मिलने : 4
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