सूचना मिलते ही भीड़ को रोकने शहर के सभी थानों के टीआइ पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। इसके बाद यहां मौजूद भीड़ को रोकने का प्रयास किया गया। लेकिन, तमाम कोशिशों के बावजूद जब पुलिस भीड़ को वहां से हटाने में नाकाम रही और भीड़ भी धीरे धीरे हिंसा की स्थिति की ओर अग्रसर व हर स्थिति में पुलिस की बात को टालती दिखी।
तो ऐसे समय में शहर की सुरक्षा को देखते हुए पुलिस की ओर से उस पर पहले आंसू गैस के पांच गोले फायर किए गए, जिसके बाद भी भीड़ थोड़ी सी तितरबितर होने के बाद पुन्: जमा होने लगी तब कहीं जाकर पुलिस की ओर से लाठीचार्ज किया गया, लेकिन इस कार्रवाई से भीड़ में शामिल बलवाई और उग्र होकर पुलिस पर पथराव करने लगे।
स्थित को बेकाबू होते देख पुलिस यहां दो राउंड फायर भी किए, जिसके बाद गोली की आवाज सुनते ही बलवाई भीड़ भाग गई। इस पूरी घटना में जहां एक बलवाई घायल हो गया वहीं तीन को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। जबकि इस पूरे घटनाक्रम में दो पुलिसकर्मी भी चोटिल हुए।
ऐसे समझें पूरा मामला : घबराइये नहीं, दरअसल ये नजारा सुरक्षा के तहत शहर में कि गई मॉकड्रिल का है। दरअसल शहर में ऐसा कुछ हुआ ही नहीं यानि न तो कहीं बलवा हुआ न कोई गोली चली है। दरअसल, बलवा जैसे हालात से निपटने के लिए एसपी धर्मवीर सिंह व एएसपी सुरेंद्र जैन की निगरानी में पुलिस लाइन में रविवार की शाम दो घंटे यह ड्रिल कराई गई।
इस दौरान पुलिस ने पूरे बलवे का सीन तैयार कर अपनी तैयारी परखी। इस मॉक ड्रिल में 175 पुलिसकर्मियों ने अलग-अलग रोल में भाग लिया। कोई बलवाई बना तो कोई पत्थरबाज के रूप में दिखा। इस दौरान आंसू गैस के पांच गोले भी छोड़े गए और दो राउंड गोली भी चलाई गई। एसपी ने बताया कि मॉक ड्रिल से बलवा जैसे स्थित से निपटने की तैयारी हो जाती है।

जांचे गए उपकरण
एक दल बलवाइयों व उपद्रवियों का और दूसरा दल बलवाइयों से निपटने के लिए विभिन्न पार्टियों जैसे टीयर गेस पार्टी, केन पार्टी, राइफल पार्टी, मेडिकल पार्टी बनाई गई। टीयर गैस, सेल, ग्रेनेट को हवा की दिशा में देख कर चलाना, फायर करने का अभ्यास कराया गया। सभी वाहनों में बलवा रोधी सामान जैसे बॉडीगार्ड, हेलमेट, जाली, डण्डा, फायर यंत्र, लाउडस्पीकर, फस्र्ट एड बॉक्स भी चेक किया गया। एसपी ने फोर्स को 24 घंटे चौकन्ना रहकर छोटी से छोटी घटना पर भी संवेदनशीलता और दंगारोधी साजो सामान की पूर्ण तैयारी के साथ अलर्ट मोड पर रहने को कहा।
क्या करती है पुलिस
- किसी जगह जमा बलवाई, दंगाइयों की भीड़ को पहले तीन बार चेतावनी दी जाती है कि जमावड़ा गैर-काननी है। सभी लोग जगह खाली कर घर चले जाएं।
- नहीं मानने पर तो तितर-बितर करने टीयर गैस के गोले भीड़ के बीचोंबीच दागे जाते हैं।
- आंसू गैस के बाद भी जब भीड़ नहीं हटती तो पुलिस केन से चार्ज कर भगाने की कोशिश करती है।
- जब स्थित में कोई सुधार नहीं होता और भीड़ बेकाबू होने लगती है तो पुलिस लाठीचार्ज करती है।
- लाठीचार्ज के बाद यदि भीड़ भाग गई तो ठीक और यदि ङ्क्षहसक होकर पथराव या किसी हथियार से हमला किया तो स्थिति को संभालने के लिए पुलिस गोली चलाती है। गोली चलने के बाद बलवाई दंगाई भाग खड़े होते हैं।