दरअसल, १8 अगस्त के अंक में ‘इंजेक्शन से मासूम का गलने लगा शरीरÓ शीर्षक से पत्रिका में मामले का खुलासा किया गया था। बताया गया कि गलत इंजेक्शन लगाने से बराखुर्द निवासी साढ़े चार वर्षीय मासूम निशा कुशवाहा के सीने के नीचे शरीर में घाव हो गए हैं। जिला अस्पताल शिशु रोग वार्ड में जीवन और मौत के बीच वह संघर्ष कर रही है। परिजनों ने अपंजीकृत चिकित्सक गुड्डू उरमलिया के खिलाफ स्वास्थ्य अधिकारियों सहित पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
मिलीभगत के चलते नहीं की कार्रवाई मासूम की जान से खिलवाड़ करने वाले गुड्डू उरमलिया के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय सीएमएचओ डॉ अशोक कुमार अवधिया सहित अन्य चुप्पी साधे रहे। मिलीभगत के चलते सीएमएचओ ने यह तक पता करने का प्रयास नहीं किया कि उसके पास कोई डिग्री-डिप्लोमा है भी या नहीं। जबकि मामले को एक सप्ताह से भी अधिक समय बीत चुका है।
कलेक्टर बोले-सीएमएचओ की नहीं जिम्मेदारी
मामले में जब कलेक्टर सतेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज कराने की जिम्मेदारी सीएमएचओ की नहीं है। वे संबंधित चिकित्सक के दस्तावेज की जांचकर उसका क्लीनिक बंद करवाएंगे और विभागीय कार्रवाई करेंगे। केस दर्ज कराकर वे कोर्ट थोड़ी जाएंगे।
यह हैं विभाग के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के स्पष्ट निर्देश हैं कि झोलाछाप चिकित्सकों के क्लीनिक आदि बंद कराए जाकर सीएमएचओ इनके विरुद्ध पुलिस में मामला दर्ज कराएंगे। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि एेसे चिकित्सकों के विरुद्ध मप्र उपचर्यागृह तथा रुजोउपजचार संबंधी स्थापनाएं अधिनियम १९७३ की धारा ३ के तहत प्रकरण पुलिस में दर्ज कराया जाएगा। इसके तहत संबंधित पर जुर्माना तथा तीन माह का कठोर कारावास का प्रावधान है तथा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया एक्ट १९६५ की धारा १५ (१ ) के तहत पंजीकृत न होने पर तीन वर्ष तक के कठोर कारावास का प्रावधान है। मामले में सीएमएचओ को प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने दिए हैं। एेसे में कलेक्टर का बयान कि सीएमएचओ प्रकरण दर्ज नहीं कराएंगे, अनुपयुक्त है।
एसपी के निर्देश पर दर्ज हुआ मामला
मासूम के पिता शिव कुमार कुशवाहा ने अपंजीकृत चिकित्सक गुड्डू उरमलिया के खिलाफ पहले पुलिस चौकी और स्वास्थ्य अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराई। लेकिन, स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार मिलीभगत और संरक्षण के चलते कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। इसके बाद पिता ने एसपी से शिकायत दर्ज कराई। एसपी रियाज इकबाल के निर्देश पर पुलिस थाना बदेरा में मामला दर्ज किया गया। मासूम का इलाज कर रहे चिकित्सकों की मेडिकल रिपोर्ट मिलने और प्रकरण जांच के दौरान धाराएं बढ़ाई जाएंगी।
सीएमएचओ की सफाई प्रभारी ने झुठलाई मामले में सीएमएचओ डॉ अशोक कुमार अवधिया ने कहा कि मैं अभी भोपाल में हूं। सीएमएचओ का प्रभार डीआईओ डॉ. सत्येंद्र सिंह के पास है। उन्हें मैंने एफआईआर कराने के निर्देश दिए हैं। वहीं जब डीआईओ डॉ सत्येंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि सीएमएचओ ने मुझे एफआईआर के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिए हैं।
मैसेज-मैसेज खेल रहीं पीएस हेल्थ
मामले में स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव एवं जिले की प्रभारी सचिव पल्लवी जैन गोविल से २० अगस्त को फोन किया गया तो उन्होंने मैसेज करने की बात कही। लेकिन, मैसेज के बाद उनका कोई जवाब नहीं आया। शुक्रवार को भी उन्हें फोन किया तो उन्होंने मैसेज करने को कहा। मैसेज में मामले की गंभीरता बताई गई। इसके बाद भी न तो उन्होंने फोन उठाया न कोई जवाब दिया। स्पष्ट है कि इतने गंभीर मामले में जिले की प्रभारी सचिव कितनी संजीदगी बरत रही हैं।