यह है मामला
उतैली निवासी राजेश सिंह ने एसपी को बताया कि सोमवार की दोपहर बैंक खाते से एक लाख 90 हजार रुपए निकालकर वह अपने चार पहिया वाहन में पिथैपुर गांव की ओर जा रहे थे। दोपहर करीब 3 बजे जब बोरा फैक्ट्री के पास फुटौंधी में पहुंचे तो कार एमपी 19 जीए 1000 व कार एमपी 19 सीबी 3792 में सवार लोगों ने गाड़ी ओवरटेक कर रोक ली। रुकते ही दोनों कार से आए लोग डंडे लेकर उतरे और धमकाते हुए गाड़ी की चाबी छुड़ा ली। इस बीच एक व्यक्ति ने गाड़ी की डिग्गी से एक लाख 90 हजार रुपए निकाल लिए। घटना के वक्त कार सवारों में एक व्यक्ति ने अपना परिचय पत्र दिखाते हुए खुद को पुलिस बताया। इसके साथ ही कहा गया कि गाड़ी में गांजा होने की सूचना थी इसलिए जांच के लिए आए थे। बाद में पता चला कि खुद को पुलिस बताने वाले सिटी कोतवाली में पदस्थ एएसआइ अशोक सिंह सेंगर हैं।
बिना जांच के मामला संदिग्ध
गुरुवार की शाम तक पुलिस ने तो सीसीटीवी फुटेज जांच सकी थी और न ही बैंक से जानकारी ली गई थी कि रकम का आहरण हुआ या नहीं। इसके बाद भी शिकायत के बाद से ही पुलिस मामले को संदिग्ध मान रही है। पुलिस यह भी मानने को तैयार नहीं कि जिस पुलिस अधिकारी पर आरोप है वह घटना में शामिल रहा। इतना ही नहीं पुलिस अधिकारी के साथ मौजूद रहे लोगों की घटना के वक्त मौजूदगी का भी पुलिस को पता नहीं है। पुलिस अधिकारियों का इस मामले में रवेया देखने के बाद अब उच्च स्तर पर मामले की शिकायत की तैयारी फरियादी पक्ष कर रहा है। साथ ही सुनवाई नहीं होने पर अदालत की शरण में जाने का विचार फरियादी ने बनाया है।