scriptपुलिस की नजर में मामला संदिग्ध, महासभा की बैठक में तय होगी रणनीति | Police suspects the matter, strategy will be decided in the meeting | Patrika News

पुलिस की नजर में मामला संदिग्ध, महासभा की बैठक में तय होगी रणनीति

locationसतनाPublished: Jan 25, 2020 11:39:04 am

Submitted by:

Dhirendra Gupta

कारोबारी की कार से रकम लूटने का मामला, पुलिस अधिकारी का नाम आते ही बचाव में उतरी पुलिस, शिकायत के पांच दिन बाद भी नहीं दर्ज की गई एफआइआर

Police suspects the matter, strategy will be decided in the meeting

Police suspects the matter, strategy will be decided in the meeting

सतना. कार से रकम लूटने की शिकायत के पांच दिन बाद भी एफआइआर दर्ज नहीं होने पर गुरुवार की शाम थाने में सांकेतिक धरना देने के बाद शुक्रवार को मप्र कूर्मि क्षत्रिय समाज ने पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल से मुलाकात की है। एसपी ने पूरी बात सुनने के बाद कहा कि मामला संदिग्ध है एेसे में जांच कराई जा रही है। जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर कार्रवाही की जाएगी।
ज्ञापन देते हुए जांच अधिकारी बदलने की माग की गई तो एसपी ने डीएसपी मुख्यालय प्रभा किरण किरो का बुलाते हुए उन्हें जांच करने को कहा। इसके बाद फरियादी के बयान भी दर्ज कराए गए हैं। लेकिन इतने से फरियादी पक्ष संतुष्ट नहीं है। एेसे में मप्र कूर्मि क्ष्त्रिय समाज ने एफआइआर नहीं होने पर रविवार को एक बैठक आ आहवान किया है ताकि आगे की रणनीति तय की जा सके। ज्ञापन देने वालों में समाज के संरक्षक ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू, यशवंत प्रसाद सिंह, डॉ. दुर्योधन सिंह, रमाशंकर पटेल, कमल नयन सिंह, मथुरा सिंह, अध्यक्ष व मामले के फरियादी राजेश सिंह, सचिव प्रदीप सिंह, उपाध्यक्ष अनूप सिंह समेत अन्य मौजूद रहे।
यह है मामला
उतैली निवासी राजेश सिंह ने एसपी को बताया कि सोमवार की दोपहर बैंक खाते से एक लाख 90 हजार रुपए निकालकर वह अपने चार पहिया वाहन में पिथैपुर गांव की ओर जा रहे थे। दोपहर करीब 3 बजे जब बोरा फैक्ट्री के पास फुटौंधी में पहुंचे तो कार एमपी 19 जीए 1000 व कार एमपी 19 सीबी 3792 में सवार लोगों ने गाड़ी ओवरटेक कर रोक ली। रुकते ही दोनों कार से आए लोग डंडे लेकर उतरे और धमकाते हुए गाड़ी की चाबी छुड़ा ली। इस बीच एक व्यक्ति ने गाड़ी की डिग्गी से एक लाख 90 हजार रुपए निकाल लिए। घटना के वक्त कार सवारों में एक व्यक्ति ने अपना परिचय पत्र दिखाते हुए खुद को पुलिस बताया। इसके साथ ही कहा गया कि गाड़ी में गांजा होने की सूचना थी इसलिए जांच के लिए आए थे। बाद में पता चला कि खुद को पुलिस बताने वाले सिटी कोतवाली में पदस्थ एएसआइ अशोक सिंह सेंगर हैं।
बिना जांच के मामला संदिग्ध
गुरुवार की शाम तक पुलिस ने तो सीसीटीवी फुटेज जांच सकी थी और न ही बैंक से जानकारी ली गई थी कि रकम का आहरण हुआ या नहीं। इसके बाद भी शिकायत के बाद से ही पुलिस मामले को संदिग्ध मान रही है। पुलिस यह भी मानने को तैयार नहीं कि जिस पुलिस अधिकारी पर आरोप है वह घटना में शामिल रहा। इतना ही नहीं पुलिस अधिकारी के साथ मौजूद रहे लोगों की घटना के वक्त मौजूदगी का भी पुलिस को पता नहीं है। पुलिस अधिकारियों का इस मामले में रवेया देखने के बाद अब उच्च स्तर पर मामले की शिकायत की तैयारी फरियादी पक्ष कर रहा है। साथ ही सुनवाई नहीं होने पर अदालत की शरण में जाने का विचार फरियादी ने बनाया है।
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