यहां की सर्चिंग
एसपी हिंगणकर पुलिस टीम के साथ सोमवार को इटमा, बिछियन होते हुए मझगवां से सटे जंगलों में सर्चिंग करते रहे। इधर धारकुण्डी, नयागांव, बरौंधा और मझगवां थाना की पुलिस पार्टियां अलग टास्क पर काम करती रहीं। एक अलग टुकड़ी बनाकर पुलिस ने कुछ एेसे मुखबिरों का पता लगाने की कोशिश की है जो डकैतों के लिए काम कर रहे हैं।
एसपी हिंगणकर पुलिस टीम के साथ सोमवार को इटमा, बिछियन होते हुए मझगवां से सटे जंगलों में सर्चिंग करते रहे। इधर धारकुण्डी, नयागांव, बरौंधा और मझगवां थाना की पुलिस पार्टियां अलग टास्क पर काम करती रहीं। एक अलग टुकड़ी बनाकर पुलिस ने कुछ एेसे मुखबिरों का पता लगाने की कोशिश की है जो डकैतों के लिए काम कर रहे हैं।
नवल के वकील ने भेजी मुख्य न्यायाधीश को शिकायत
उधर, दस्यु नवल धोबी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को शिकायत भेजी है। शिकायत में एजीपी को घेरे में लेते हुए घटनाक्रम बताया गया है। अधिवक्ता उदय सिंह चंदेल ने शिकायती पत्र में लिखा कि नयागांव थाना में दर्ज एडी एक्ट के अपराध में इनामी अभियुक्त नवल किशोर धोबी को धारा 44 (2) जा.फौ. के आवेदन पत्र के साथ न्यायालय सप्तम अपर व विशेष न्यायाधीश सतना के न्यायालय में 10 फरवरी को पेश किया गया था। न्यायालय के निर्देश पर एजीपी हनुमान प्रसाद शुक्ला को न्यायालय कक्ष में उपस्थित अभियुक्त के सामने आवेदन पत्र रिसीव करया गया, न्यायालय में पदस्थ क्रिमिनल रीडर पाण्डेय के सामने कटघरे में अभियुक्त को खड़ा कर दिया। एजीपी ने आवेदन रिसीव करने के बाद न्यायाधीश को लोक अदालत अधिवक्ता कक्ष में ले जाकर सौंप दिया। एजीपी शुक्ला ने तभी पुलिस अधिकारियों को फोन कर बुला लिया। अधिवक्ता ने पत्र में लिखा है कि आरोपी नवल किशोर ने न्यायालय में सरेंडर किया है। फिर भी पुलिस उसे गिरफ्तार करने का दावा कर रही है।
उधर, दस्यु नवल धोबी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को शिकायत भेजी है। शिकायत में एजीपी को घेरे में लेते हुए घटनाक्रम बताया गया है। अधिवक्ता उदय सिंह चंदेल ने शिकायती पत्र में लिखा कि नयागांव थाना में दर्ज एडी एक्ट के अपराध में इनामी अभियुक्त नवल किशोर धोबी को धारा 44 (2) जा.फौ. के आवेदन पत्र के साथ न्यायालय सप्तम अपर व विशेष न्यायाधीश सतना के न्यायालय में 10 फरवरी को पेश किया गया था। न्यायालय के निर्देश पर एजीपी हनुमान प्रसाद शुक्ला को न्यायालय कक्ष में उपस्थित अभियुक्त के सामने आवेदन पत्र रिसीव करया गया, न्यायालय में पदस्थ क्रिमिनल रीडर पाण्डेय के सामने कटघरे में अभियुक्त को खड़ा कर दिया। एजीपी ने आवेदन रिसीव करने के बाद न्यायाधीश को लोक अदालत अधिवक्ता कक्ष में ले जाकर सौंप दिया। एजीपी शुक्ला ने तभी पुलिस अधिकारियों को फोन कर बुला लिया। अधिवक्ता ने पत्र में लिखा है कि आरोपी नवल किशोर ने न्यायालय में सरेंडर किया है। फिर भी पुलिस उसे गिरफ्तार करने का दावा कर रही है।