बता दें कि कांग्रेस दिग्गज अजय सिंह राहुल 2018 के विधानसभा चुनाव में अपने गृह विधानसभा क्षेत्र चुरहट से मैदान में उतरे थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उसके साल भर बाद 2019 में हुए आम चुनाव में अजय सिंह ने सीधी से चुनाव लड़े लेकिन इस बार भी उन्हें पराजय का स्वाद चखना पड़ा। उसके बाद से प्रदेश कांग्रेस में वो लगातार उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
ये भी पढें- MP में कांग्रेस का अंदरूनी कलह सतह पर: अजय सिंह ने पूर्व सीएम पर किया बड़ा हमला यहां ये भी बता दें कि अजय सिंह बेबाक टिप्पणी के लिए मशहूर हैं। इसी क्रम में जब विधानसभा चुनाव में विंध्य क्षेत्र से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था तब प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने जो बयान दिया उसका कड़ा प्रतिकार अजय सिंह ने किया था। फिर कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार नए वेरिएंट को लेकर भी कमलनाथ ने विंध्य क्षेत्र में मिडिया को जो बयान दिया उस पर भी अजय सिंह ने त्वरित टिप्पणी करते हुए जोर का हमला बोला था।
प्रदेश के दो दिग्गज नेताओं के बीच चल रही रस्साकसी से भाजपा को कहीं न कहीं लाभ ही हुआ। इस बीच भाजपा से अजय सिंह की करीबी बढ़ने लगी। इसी क्रम में उन्होंने सोमवा को प्रदेश के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्र से उनके आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद से प्रदेश की सियासत तेज हो गई। राजनीतिक गलियारों में अजय सिंह को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं। वैसे डॉ मिश्र से जब मीडिया ने इस मुलाकात के बाबत सवाल किया तो उन्होंने इसे सौजन्य मुलाकत कह कर टाल दिया। लेकिन राजनीतिक हलको में ये कयास तेजी से लगाए जा रहे हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद अब जल्द ही अजय सिंह राहुल भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं।