गौरतलब है कि कोटर विद्युत स्टेशन सतना के सितपुरा, पावर ग्रिड एवं टोंस सिरमौर स्टेशन से जुड़ा है। तीनों स्टेशनों से कोटर में आवश्यकता अनुसार बिजली की आपूर्ति की जाती थी। लेकिन, आंधी और बारिश के कारण 220 केवी के तीन विद्युत टॉवर गिरने से सतना के दोनों स्टेशनों से कोटर की आपूर्ति बंद हो गई। ऐसे में कोटर विद्युत स्टेशन में पांच दिन से टोंस सिरमौर से बिजली की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन टोंस में 24 घंटे बिजली उत्पादन न होने के कारण कोटर को सिलपरा रीवा एवं बिरसिंहपुर ताप विद्युत गृह से जोड़ा गया है। इससे सिलपरा स्टेशन पर लोड बढऩे से कोटर स्टेशन की आपूर्ति बाधित हो रही है। इससे कोटर विद्युत स्टेशन में बिजली संकट गहरा गया है। क्षेत्र में बिजली की अघोषित कटौती एवं लो वोल्टेज की समस्या खड़ी हो गई है।
विद्युत टॉवर गिरने को कोटर स्टेशन में विद्युत संकट का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि टोंस से 220 केवी विद्युत आपूर्ति ठप होने के कारण शनिवार की सुबह कोटर विद्युत स्टेशन की विद्युत आपूर्ति लगातार तीन घंटे ठप रही। ट्रांसमिशन कंपनी के सूत्रों ने बताया कि एेसा पहली बार हुआ जब कोई विद्युत स्टेशन लगातार तीन घंटे डिस्चार्ज रहा हो।
कोटर क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बिजली के लो वोल्टेज से राहत देने ट्रांसमिशन कंपनी ने अबेर में 2008 में 220 केवी का स्टेशन स्थापित किया था। इस स्टेशन से 33 केवी के सात फीडर तथा दो सीमेंट फैक्ट्रियों को विद्युत की सप्लाई की जाती है। इनमें सब स्टेशन कोटर, टिकुरी, सेमरिया, बिरसिंहपुर शुकवाह, डगडीहा-१ तथा डगडीहा-२ फीडर शामिल है। इसके अलावा जेपी भिलाई बाबूपुर एवं प्रिज्म सीमेंट मनकहरी को भी कोटर विद्युत स्टेशन से बिजली दी जाती है।
बारिश में 220 केवी लाइन के तीन टॉवर एक साथ गिरने से ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा टॉवरों की कराई जा रही पेट्रोलिंग एवं निर्माण के गुणवत्ता की पोल भी खुल गई है। कंपनी के सूत्रों ने बताया कि टॉवर गिरने की जानकारी लगते ही नए टॉवर खड़े करने के लिए भरजुना में तीन कंपनियों को लगाया गया है। तीनों टॉवर खड़े कर कोटर की विद्युत आपूर्ति बहाल करने में कंपनी को 15 से 30 दिन का समय लग सकता है।