ये है मामला
एक्ट्रोसिटी एक्ट को लेकर जहां पूरे प्रदेश में जगह-जगह धरना प्रदर्शन हो रहे है। वहीं सतना में भी एससी-एसटी एक्ट को लेकर जबरदस्त विरोध देखा गया। सतना में सर्वणों के साथ सर्व समाज की बैठक हुई। जिसमे निर्णय लिया गया कि इस एक्ट के विरोध में सतना सांसद गणेश सिंह को उनके घर में जाकर ज्ञापन दिया जाएगा। लेकिन जिला प्रशासन ने सांसद के घर में ज्ञापन देने की अनुमति नहीं दी। इसलिए सर्वणों ने सिविल लाइन चौपाटी पर एकत्र होकर सांसद को वहीं बुलाकर ज्ञापन स्वीकारने की बात रखी। फिर भी सांसद ने मौके पर आने से साफ इंकार कर दिया। इस बात से प्रदर्शनकारी भड़क गए। विरोध स्वरूप एक कुत्ते को सांसद की तख्ती पहनाकर ज्ञापन दिया। ज्ञापन के बाद सर्वणों ने सांसद मुर्दाबाद, भाजपा मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस की झड़प भी हुई। फिर सर्व समाज ने सिविल लाइन थाने पहुंचकर गिरफ्तारी दी।
एक्ट्रोसिटी एक्ट को लेकर जहां पूरे प्रदेश में जगह-जगह धरना प्रदर्शन हो रहे है। वहीं सतना में भी एससी-एसटी एक्ट को लेकर जबरदस्त विरोध देखा गया। सतना में सर्वणों के साथ सर्व समाज की बैठक हुई। जिसमे निर्णय लिया गया कि इस एक्ट के विरोध में सतना सांसद गणेश सिंह को उनके घर में जाकर ज्ञापन दिया जाएगा। लेकिन जिला प्रशासन ने सांसद के घर में ज्ञापन देने की अनुमति नहीं दी। इसलिए सर्वणों ने सिविल लाइन चौपाटी पर एकत्र होकर सांसद को वहीं बुलाकर ज्ञापन स्वीकारने की बात रखी। फिर भी सांसद ने मौके पर आने से साफ इंकार कर दिया। इस बात से प्रदर्शनकारी भड़क गए। विरोध स्वरूप एक कुत्ते को सांसद की तख्ती पहनाकर ज्ञापन दिया। ज्ञापन के बाद सर्वणों ने सांसद मुर्दाबाद, भाजपा मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस की झड़प भी हुई। फिर सर्व समाज ने सिविल लाइन थाने पहुंचकर गिरफ्तारी दी।
कुत्ता होता है स्वामी भक्त पर नेता नहीं
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हीं के चुने हुए नेताओं से मिलने से रोका जाता है। जो लोकतंत्र की आत्मा का गला घोटना जैसा है। जिन नेताओं को चुनकर संसद और विधानसभा भेजते है वे नेता ही इस तरह के एक्ट लागू कराते है। कुत्ता स्वामी भक्त होता है जिसकी खाता है उसकी बजाता है। इसलिए कुत्ते को ज्ञापन दिया है। शायद कुत्ते को देखकर ही नेताओं की आत्मा जागे।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हीं के चुने हुए नेताओं से मिलने से रोका जाता है। जो लोकतंत्र की आत्मा का गला घोटना जैसा है। जिन नेताओं को चुनकर संसद और विधानसभा भेजते है वे नेता ही इस तरह के एक्ट लागू कराते है। कुत्ता स्वामी भक्त होता है जिसकी खाता है उसकी बजाता है। इसलिए कुत्ते को ज्ञापन दिया है। शायद कुत्ते को देखकर ही नेताओं की आत्मा जागे।