scriptप्लेटफार्म से लेकर ट्रेनों तक अवैध वेंडरों की धमाचौकड़ी, जिम्मेदारों की अनदेखी | Racket of illegal vendors in satna Platform | Patrika News

प्लेटफार्म से लेकर ट्रेनों तक अवैध वेंडरों की धमाचौकड़ी, जिम्मेदारों की अनदेखी

locationसतनाPublished: Nov 21, 2017 12:05:03 pm

Submitted by:

suresh mishra

रेलवे स्टेशन में इन दिनों अवैध वेंडरों की भरमार है। वे खुलेआम प्लेटफॉर्म और ट्रेनों में अमानक व दूषित खाद्य सामग्री की बखौफ सप्लाई कर रहे हैं।

Racket of illegal vendors in satna Platform

Racket of illegal vendors in satna Platform

सतना। रेलवे स्टेशन में इन दिनों अवैध वेंडरों की भरमार है। वे खुलेआम प्लेटफॉर्म और ट्रेनों में अमानक व दूषित खाद्य सामग्री की बखौफ सप्लाई कर रहे हैं। आरपीएफ द्वारा दावा किया जाता है कि कार्रवाई में हर माह 60 से 70 अवैध वेंडर पकड़े जाते हैं। उन्हें रेल न्यायालय में पेश किया गया है।
इन दावों के बावजूद सतना स्टेशन में अवैध वेंडरों की धमाचौकड़ी कम नहीं हुई है। रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म व ट्रेनों में अवैध वेंडर दूषित समोसा , चाय व अन्य खाद्य सामग्री बेचकर हर रोज हजारों रुपए की कमाई कर रेलवे को राजस्व की हानि पहुंचा रहे हैं। ये लोग अधिकारियों की मौन स्वीकृति का फायदा उठाकर अपना धंधा बेखौफ करते हैं।
चोरियों में भी कई बार वेंडरों का नाम

सूत्रों के अनुसार, ट्रेनों में होने वाली चोरियों में भी कई बार वेंडरों का नाम आया है। इससे पहले भी रेल पुलिस यात्रियों का सामान चुराने के मामले में कई वेंडरों पर कार्रवाई भी कर चुकी है। खासकर स्लीपर और एसी कोच में होने वाली वारदातों को अंजाम देने में इन अवैध वेंडरों की अहम भूमिका होती है।
महज डेढ़ दर्जन ही वैध
रेलवे स्टेशन में यात्रियों को खान-पान सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रेलवे द्वारा दो ठेकेदारों को खान-पान स्टॉलों का ठेका दिया गया है। उसमें करीब डेढ़ दर्जन वेंडरों को खाद्य सामग्री बेचने के लिए वैध किया गया है। इसके अलावा जो भी वेंडर वहां पर खाद्य सामग्री बेचता है वह अवैध रूप से खाद्य सामग्री बेच रहा है। ट्रेन के आने पर अवैध वेंडर स्टेशन में आ जाते हैं। इनकी संख्या करीब दो दर्जन है। कई बार वैध और अवैध वेंडरों के बीच मारपीट भी हो चुकी है।
कौन वैध, कौन अवैध
रेलवे स्टेशन में अधिकारियों की शह पर जहां अवैध वेंडर मनमानी कर समोसा, चाय-पानी आदि खाद्य सामग्री बेच रहे हैं, वहीं वैध वेंडर कई बार यूनीफॉर्म तक नहीं पहनते। बताया जाता है कि बाहर की टीम व डीआरएम-एडीआरएम के निरीक्षण के दौरान ही वेंडर लकदक यूनीफॉर्म, कैप व ग्लब्ज में नजर आते हैं। रेलवे स्टेशन में खाद्य सामग्री बेचे जाने के लिए वेंडर का मेडिकल कार्ड व पहचान पत्र कार्ड भी बनाया जाता है। जीआरपी द्वारा पुलिस वेरीफिकेशन भी वेंडरों का किया जाता है।
ट्रेन के आते ही लगता है मजमा
सतना जंक्शन से रोजाना पौने दो सौ ट्रेनें गुजरती हैं। इसके चलते गाडि़यों से लेकर सभी प्लेटफॉर्मों में हर वक्त हजारों की संख्या में यात्री मौजूद होते हैं। अवैध वेंडर यात्रियों को मनमाने दाम पर सामान बेचकर रोजाना हजारों की कमाई करते हैं। 5 की चाय 10 में व 15 का पानी 25 में लेना यात्रियों की मजबूरी होती है। आमतौर पर जब स्टेशन में ट्रेन नहीं रहती है तो उस समय अवैध वेंडर कम ही दिखाई देते हैं। लेकिन जैसे ही ट्रेन आकर खड़ी होती है दो दर्जन से अधिक अवैध वेंडर स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर पहुंच जाते हैं।
ट्रेन व प्लेटफॉर्म में लगातार चेकिंग कर अवैध वेंडरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। हर माह 60 से 70 वेंडरों को पकड़ रेलवे न्यायालय में पेश किया जाता है।
मान सिंह, निरीक्षक आरपीएफ
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो