बता दें कि रविवार रात लगभग नौ बजे सतना के सिंहपुर थाने में चोरी के आरोप में संदेह के आधार पर राजपति को पुलिस ने उठाया और लॉकअप में डाल दिया। उसी दिन देर रात थाने में चली गोली से राजपति की मौत हो गई। आरोप यह लगा कि नशे में धुत थानेदार ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से राजपति को गोली मार दी जिससे उसकी मौत हो गई। इसे लेकर अगली सुबह जमकर हंगामा हुआ। ऐसा हंगामा कि ग्रामीण भीड़ को तितर-बितरह करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
ये भी पढें- पुलिस लॉकअप में राजपति की मौतः विधायक की पहल पर अंत्येष्टि को परिवारीजन तैयार राजनीति भी खूब हुई। सतना के कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा से लेकर पूर्व मुख्यंत्री कमलनाथ तक इस मामले में कूद पड़े। कमलनाथ ने ट्वीट कर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम का उल्लेख करते हुए सरकार पर हमला बोला। वहीं विधायक कुशवाहा पूरी मुस्तैदी से इस प्रकरण से जुड़े रहे। उन्हीं की पहल पर परिजन शव का अंतिम संस्कार करने को राजी हुए। हालांकि विधायक ने भी थानेदार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने और उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की जिसे पुलिस प्रशासन ने साफ नकार दिया। कहा कि जांच चल रही है इस बीच ऐसा कुछ नहीं किया जा सकता।
ये भी पढें- पुलिस लॉकअप में राजपति की मौतः गरीब सेना ने MP सरकार से की ये मांग इस मामले में एक तरफ सतना से कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ सिंह और रैगांव से भाजपा के विधायक जुगल किशोर बागरी भी सिंहपुर थाने में बवाल के दौरान पहुंचे थे और मृतक के स्वजनों के साथ खड़े दिखे। दूसरे दिन कांग्रेस विधायक ने पूरे मामले को लेकर राज्य शासन को कटघरे में खड़ा कर दिया। मृतक के परिजन भी उनकी शरण में चले गए। इस मामले को बढ़ता देख राज्य शासन ने भी दूसरे जिले के अधिकारियों से एसआईटी जांच करान के आदेश दे दिए हैं।