सतना

विंध्य की पहचान सोन घड़ियाल अभयारण्य को लेकर BJP के राज्यसभा सांसद ने दिया विवादित बयान, पढ़ें क्या बोले

मीडिया से चर्चा के दौरान बोले-सेंचुरी की वजह से जिले को हो रही राजस्व क्षति

सतनाJul 09, 2019 / 07:25 pm

suresh mishra

Rajya Sabha BJP MP Controversial statement in Son Gharial Sanctuary

सीधी। सोन घड़ियाल सेंचुरी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। विभागीय अफसरों के बाद वरिष्ठ भाजपा नेता व राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने भी इसे बंद करने की वकालत की है। उनका दावा है कि इससे जिले को राजस्व क्षति हो रही है। उनका तर्क यह भी है कि रेत निकासी न होने से नदी का दायरा सीमित हो रहा है। अभ्यारण्य क्षेत्र से मुक्त होने पर सोन नदी से रेत निकासी शुरू हो जाएगी। इससे नदी सुरक्षित होगी, राजस्व भी मिलेगा।
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ये है मामला
दरअसल, घडिय़ाल दुनिया से विलुप्त होते जा रहे हैं। देश के पांच स्थान ही हैं, जिन्हें घडिय़ालों के लिए संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है। सोन नदी में पहले एक दर्जन से अधिक स्थानों पर घडिय़ाल पाए जाते थे, लेकिन बाणसागर बांध बनने के बाद नदी का जल स्तर कम हो गया। इससे घडिय़ाल विलुप्त होते चले जा रहे हैं। वर्तमान में जोगदहा घाट ही ऐसा स्थान है, जहां घडिय़ाल देखने को मिल जाते हैं। लेकिन रेत निकासी की छूट मिलते ही यहां भी इनका अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। आरोप है कि रेत कारोबारियों के लिए प्रशासन व कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा इस तरह की साजिश रची जा रही है।
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लाखों का बजट फिर भी नहीं हो रही वंशवृद्धि
घडिय़ालों के संरक्षण को प्रतिवर्ष लाखों रुपए का बजट आवंटित किया जाता है। विभाग इसे अपने तरीके से खर्च भी करता है, घडिय़ालों की संख्या नहीं बढ़ पा रही। स्थानीय जानकार इसके लिए रेत खनन को ही जिम्मेदार ठहरा रहे है। गत वर्ष उप्र से नर घडिय़ाल लाकर जोगदहा घाट में छोड़ा गया, किंतु प्रजनन में भागीदारी नहीं निभा पाया।

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