सतना. राशन दुकान पर सुबह लॉकडाउन की जमकर धज्जियां उडती दिखी। जवाहर नगर स्थित उचित मूल्य की दुकान में आधे से ज्यादा लोग बिना मास्क के सोशल डिस्टेंसिंग की परवाह किए बगैर खड़े मिले। इतना ही नही, प्रशासन की ओर से खाद्यान्न वितरण के लिए बनाई गई सारी व्यवस्थाओं को उपभोक्ताओं ने हवा में उड़ा दिया। दरअसल, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत प्रति सदस्य पांच किलो चावल व सामाजिक सुरक्षा पोर्टल पर दर्ज परिवार के सदस्य राशन लेने के लिए अपनी जिंदगी भी दांव पर लगाने को तैयार है।
सतना. राशन दुकान पर सुबह लॉकडाउन की जमकर धज्जियां उडती दिखी। जवाहर नगर स्थित उचित मूल्य की दुकान में आधे से ज्यादा लोग बिना मास्क के सोशल डिस्टेंसिंग की परवाह किए बगैर खड़े मिले। इतना ही नही, प्रशासन की ओर से खाद्यान्न वितरण के लिए बनाई गई सारी व्यवस्थाओं को उपभोक्ताओं ने हवा में उड़ा दिया। दरअसल, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत प्रति सदस्य पांच किलो चावल व सामाजिक सुरक्षा पोर्टल पर दर्ज परिवार के सदस्य राशन लेने के लिए अपनी जिंदगी भी दांव पर लगाने को तैयार है।
सतना. राशन दुकान पर सुबह लॉकडाउन की जमकर धज्जियां उडती दिखी। जवाहर नगर स्थित उचित मूल्य की दुकान में आधे से ज्यादा लोग बिना मास्क के सोशल डिस्टेंसिंग की परवाह किए बगैर खड़े मिले। इतना ही नही, प्रशासन की ओर से खाद्यान्न वितरण के लिए बनाई गई सारी व्यवस्थाओं को उपभोक्ताओं ने हवा में उड़ा दिया। दरअसल, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत प्रति सदस्य पांच किलो चावल व सामाजिक सुरक्षा पोर्टल पर दर्ज परिवार के सदस्य राशन लेने के लिए अपनी जिंदगी भी दांव पर लगाने को तैयार है।
सतना. राशन दुकान पर सुबह लॉकडाउन की जमकर धज्जियां उडती दिखी। जवाहर नगर स्थित उचित मूल्य की दुकान में आधे से ज्यादा लोग बिना मास्क के सोशल डिस्टेंसिंग की परवाह किए बगैर खड़े मिले। इतना ही नही, प्रशासन की ओर से खाद्यान्न वितरण के लिए बनाई गई सारी व्यवस्थाओं को उपभोक्ताओं ने हवा में उड़ा दिया। दरअसल, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत प्रति सदस्य पांच किलो चावल व सामाजिक सुरक्षा पोर्टल पर दर्ज परिवार के सदस्य राशन लेने के लिए अपनी जिंदगी भी दांव पर लगाने को तैयार है।
सतना. राशन दुकान पर सुबह लॉकडाउन की जमकर धज्जियां उडती दिखी। जवाहर नगर स्थित उचित मूल्य की दुकान में आधे से ज्यादा लोग बिना मास्क के सोशल डिस्टेंसिंग की परवाह किए बगैर खड़े मिले। इतना ही नही, प्रशासन की ओर से खाद्यान्न वितरण के लिए बनाई गई सारी व्यवस्थाओं को उपभोक्ताओं ने हवा में उड़ा दिया। दरअसल, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत प्रति सदस्य पांच किलो चावल व सामाजिक सुरक्षा पोर्टल पर दर्ज परिवार के सदस्य राशन लेने के लिए अपनी जिंदगी भी दांव पर लगाने को तैयार है।