scriptPM आवास की हकीकत: बाबूजी, दो लाख का घर खरीदने की औकात होती तो गंदगी में नहीं रहते | Reality of PM housing: Prime Minister Housing Scheme Flop in hindi | Patrika News

PM आवास की हकीकत: बाबूजी, दो लाख का घर खरीदने की औकात होती तो गंदगी में नहीं रहते

locationसतनाPublished: Jul 13, 2019 12:51:47 pm

Submitted by:

suresh mishra

टपरिया बस्ती के रहवासी बोले- हमें मकान नहीं जमीन चाहिए

Reality of PM housing: Prime Minister Housing Scheme Flop in hindi

Reality of PM housing: Prime Minister Housing Scheme Flop in hindi

सतना। शहर को झुग्गी-झोपड़ीमुक्त बनाने एवं गरीब परिवारों को पक्की छत दिलाने में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना फ्लॉप होती नजर आ रही। शहर की गंदी बस्तियों में झोपड़ी बनाकर रह रहे गरीब परिवारों ने इस उम्मीद से पीएम आवास के लिए आवेदन दिया था कि उन्हें मुफ्त में पक्का मकान मिलेगा। लेकिन, दो लाख रुपए की शर्त ने गरीबों के मकान के सपने पर पानी फेर दिया।
उतैली बाइपास पर 2446 मकान आवंटन को तैयार है पर आवेदन देने वाले पात्र हितग्राही लेने के लिए आगे नहीं आ रहे। कारण जानने के लिए पत्रिका ने ओवरब्रिज के नीचे अवैध रूप से बसी मलिन बस्ती में जाकर रहवासियों से चर्चा की तो ज्यादातर ने अपना दर्द बयां किया।
वर्षों से झुग्गी बस्ती में परिवार सहित गुजारा कर रही जमुनी वंशकार ने कहा कि बाबू जी…, हमारे पास मकान खरीदने के लिए दो लाख रुपए होते तो यहां गंदगी में थोड़े पड़े होते। हमने पीएम आवास के लिए आवेदन इसलिए दिया था कि सरकार मुफ्त में मकान बनाकर देगी। अब मकान के बदले दो लाख रुपए मांगे जा रहे हैं। इसलिए बस्ती के लोगों ने मकान लेने से मना कर दिया है।
झुग्गी हटाना प्रशासन के लिए चुनौती
शहर की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से रह रहे गरीब परिवारों को हटाकर उतैली स्थित पीएम आवास में शिफ्ट करने परिषद ने निगम प्रशासन को निर्देश जारी किए हैं। परिषद सदस्यों का कहना था कि जब उन्हें अवैध बस्ती से हटाया जाएगा तक वह मकान के लिए आगे आएंगे। लेकिन बस्ती में गुजारा कर रहे लोगों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए फिलहाल निगम प्रशासन के लिए उन्हें पीएम आवास दिलाना आसान नहीं है।
दो कमरे के घर में कैसे होगा गुजारा
ओवरब्रिज के नीचे मौत के साये में रात गुजार रहे झुग्गी बस्ती के रहवासियों का कहना है कि सरकार हमें मकान नहीं जमीन दे। उतैली में जो बहुमंजिला इमारत बनाई गई है उसमें हम लोगों का गुजारा मुश्किल है। हमारे चार बच्चे हैं, उन्हें लेकर हम एक मकान में कैसे रह सकते हैं। इसलिए हमें पक्का मकान नहीं सरकार मकान के लिए जमीन दे। हम कच्चा मकान बनाकर गुजारा कर लेंगे।
दो वक्त की रोटी मुश्किल, 20 हजार कहां से लाएं
पीएम आवास योजना के पात्र हितग्राही रिंकू ने कहा, दिनभर भटकने के बाद भी दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो रहा है। हम 20 हजार रुपए कहां से लाएं। झोपड़ी में किसी प्रकार परिवार पल रहा है। हम यहीं ठीक हैं। हमें दो लाख का मकान नहीं सरकार नियमित रोजगार दे। हमारे पास पैसा होगा तो हम घर बना लेंगे। सरकार ने मुफ्त में मकान देने की योजना चलाई थी। अब पैसा मांगकर हम गरीबों की उम्मीदों पर पानी फेर रही है।
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