कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी से कराई जांच उपायुक्त सहकारिता को जारी निर्देश में कलेक्टर ने कहा है कि रामनगर तहसील अंतर्गत ई-उपार्जन के पंजीयन केन्द्रों में फर्जी ठासनामा तैयार कर सिकमी के फर्जी पंजीयन कराने के मामले की जांच कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी से कराई गई। जांच प्रतिवेदन में बताया गया है कि सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक सुशील पटेल व आपरेटर राकेश पटेल सहित रामगढ़ समिति प्रबंधक अवधेश चतुर्वेदी व आपरेट विनय तिवारी ने पंजीयन कार्य में व्यापक लापरवाही एवं अनियमितता बरती है। इनका कृत्य गंभीर अनियमितता की श्रेणी में आता है। संबंधितों पर कार्यवाही कर 5 दिन में प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
यह मिला जांच में पत्रिका में प्रकाशित खबर को गंभीरता से लेते हुए जिला आपूर्ति अधिकारी पीएल राय ने मामले की जांच का जिम्मा कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी रामनगर को सौंपा था। जांच में पाया गया कि किसान रामगोपाल पटेल की जानकारी के बिना रावेन्द्र पटेल ने पुराने ठासनामा को दिखाकर फर्जी पंजीयन करा लिया था। मामले में गुलवार गुजारा समिति के आपरेटर ने भी स्वीकार किया है कि रावेन्द्र ने फर्जी पंचनामा दिखा कर पंजीयन कराया। यह भी माना कि ज्यादा जानकारी नहीं होने के कारण यह गड़बड़ी उसके द्वारा हुई है। इसी तरह से बड़वार निवासी किसान शिवकुमार पटेल व मणिराज की जमीन में सुरेश पटेल के फर्जी पंजीयन मामले में भी यह तथ्य सामने आया कि गलत पंजीयन होने पर बाद में यह पंजीयन निरस्त कर दिया गया।
इतने गड़बड़ पंजीयन किए गए निरस्त जांच में पाया गया कि रामनगर तहसील अंतर्गत 7 पंजीयन केन्द्रों में 435 पंजीयन किये गए थे। पत्रिका में खुलासा होने के बाद फर्जीवाड़ा वाले पंजीयन को डिलीट कर दिया गया। जानकारी के अनुसार सेवा सहकारी समिति हर्रई में 13, सेवा सहकारी समिति गंजास में 18, देवराजनगर में 15, सेवा सहकारी समिति बड़ा इटमा में 1, लदबद में 21, गुलवार गुजारा में 5 तथा हिनौती समिति में 7 पंजीयन डिलीट किए गए। डिलीट पंजीयन के मामले में स्पष्टीकरण चाहे जाने पर न तो प्रबंधकों ने स्पष्टीकरण दिया है और न ही उपस्थित हुए हैं। लिहाजा अभी इन पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।