स्च्छता सर्वेक्षण में उत्कृष्ठ कार्य करने वाले शहरों के पुरस्कार के लिए पत्र जारी कर उन्हें दिल्ली बुलाया गया है। लेकिन नगर निगम सतना कार्यालय में अभी तक शहरी विकास मंत्रालय से आमंत्रण का कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ। इससे निगम के अधिकारियों की धड़कने बढ़ गई है।
हालांकि शहर ने स्वच्छता सर्वे में कौन सी रैंक हासिल की इसकी जानकारी सूची जारी होने के बाद ही मिलेगी। लेकिन स्वच्छता सर्वे में निगम की सफाई व्यवस्था को देखते हुए इस वर्ष शहर के लिए देश के टॉप 100 स्वच्छ शहरों में जगह बनाना किसी चुनौती से कम नहीं हैं।
पुरस्कार के लिए चुने गए शहरों से सतना बाहर
पुरस्कार के लिए चुने गए शहरों से सतना बाहर
स्वच्छता में अच्छा कार्य करने वाले शहरों की लिस्ट बन चुकी है। ऐसे शहर जिन्हें स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में स्वच्छता पुरस्कार के लिए चुना गया है। उन्हें शहरी विकास मंत्रालय द्वारा पत्र जारी कर सूचित किया गया है। लेकिन सतना को अभी तक पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कोई पत्र नहीं मिला। इसलिए स्वच्छता में शहर की रेटिंग गिरना तय माना जा रहा है।
साल दर साल गिरी रैकिंग स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर की रैकिंग साल दर साल गिर रही है। शहर की सफाई पर हर साल लाखों रुपए पानी की तहर बहाने के बाद भी शहर बीते चार साल में स्वच्छता रैकिंग में सतना शहर टॉप 50 शहरों में जगह बनाने में नाकाम रहा है।
2017 में सतना की रैकिंग 55 वीं थी स्वच्छता सर्वेक्षण 2017 में सतना की रैकिंग 55 वीं थी। लेकिन वर्ष 2018 के स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छी परफार्मेंस के बाद भी सतना की रैकिंग गिर कर 93 पर पहुंच गई। बीते दो वर्ष की रैकिंग को देखते हुए इस इस वर्ष शहर के स्वच्छता में टॉप 100 स्वच्छ शहरों की सूची से बाहर होने का खतरा मडऱा रहा है।