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गहरी निद्रा में सो रहे 4 सदस्यों के ऊपर धराशायी हुआ कच्चा मकान, मलबे में दबने से 3 की मौत

locationसतनाPublished: Aug 19, 2017 05:49:00 pm

सेमरिया थाने के पिपरा गांव में हुआ हृदय विदारक हादसा, तड़के पहुंचा पुलिस बल, मलबे से लोगों को निकाला बाहर

rewa accident in 3 people killed

rewa accident in 3 people killed

रीवा। मध्यप्रदेश के रीवा जिले में एक भीषण हादसा हो गया। बताया गया कि शुक्रवार की रात एक जर्जर मकान धराशायी हो गया। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि युवती गंभीर रूप से घायल हो गई। तड़के पुलिस ने स्थानीय लोगों की सहायता से सभी लोगों को बाहर निकाला। युवती को तत्काल उपचार के लिए अस्पताल भेज दिया गया। यह हृदय विदारक घटना सेमरिया थाना अंतर्गत ग्राम पिपरा में हुई। घटना से पूरे गांव में सनाका खिंचा हुआ है।
कल्याण तिवारी 95 वर्ष का कच्चा मकान शुक्रवार की रात धराशायी हो गया। रात में पीडि़त परिवार के सदस्यों के साथ घर के अंदर ही सो रहे थे। करीब ढाई बजे अचानक खपरैलयुक्त घर की एक बल्ली टूट गई। इससे पहले कि परिजन संभल पाते देखते ही देखते पूरा मकान धराशायी हो गया। इस दौरान कमरे में सो रहे कल्याण तिवारी, पत्नी रामरती तिवारी 85 वर्ष, नातिन आरती तिवारी 19 वर्ष व पूजा तिवारी 17 वर्ष मलबे में दब गये।
चीख पुकार सुनकर स्थानीय लोग दौड़े

देर रात घटना से अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया। परिजनों की चीख पुकार सुनकर स्थानीय लोग दौड़े। तत्काल सेमरिया पुलिस मौके पर पहुंच गई। मलबे में दबे लोगों को तड़के काफी मशक्कत के बाद मलबे से बाहर निकाला गया। इस दौरान दम्पति की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी।
सेमरिया में आरती ने भी दमतोड़ दिया

जबकि घायल युवतियों को तत्काल डायल 100 के वाहन सेमरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया जहां आरती तिवारी ने भी दमतोड़ दिया। हादसे में घायल एक युवती की हालत नाजुक होने पर चिकित्सकों ने उसका प्राथमिक उपचार कर संजय गांधी अस्पताल भेज दिया। पीडि़त का घर काफी जर्जर स्थिति में था और बरसात की वजह से वह काफी कमजोर हो गया था।
मुआवजे की मांग पर रोका अंतिम संस्कार
इस हृदय विदारक के बाद ग्रामीणों ने पीडि़त परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने की मांग पर शव को अंतिम संस्कार के लिए रोक दिया। इस दौरान तहसीलदार सेमरिया सहित पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। पुलिस ने पीडि़त परिवार को समझाइश दी। तहसीलदार ने तीनों मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए पांच-पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता व चार-चार लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की। इसके अलावा एक क्विंटल चावल, दो क्विंटल गेहूं, ग्राम पंचायत में रहने के लिए कमरा भी दिया गया है। फलस्वरूप परिजन अंतिम संस्कार को राजी हो गए।
गरीब था परिवार, मरम्मत के लिए नहीं थे रुपऐ
पीडि़त परिवार बेहद गरीब था और घर की मरम्मत के लिए भी रुपए नहीं थे। घर का मुखिया पुत्र बृजेन्द्र तिवारी था जो पान की गुमटी संचालित करता था। उसी गुमटी से वह ८ सदस्यीय घर का भरण पोषण करता था। घर में पांच एकड़ की जमीन थी जिसमें बड़ी मुश्किल से खाने को अनाज हो पाता था। गरीबी की वजह से यह परिवार भवन की मरम्मत नहीं करवा पाया। घटना के सदस्य परिवार के चार लोग सामने स्थित दूसरे घर में सो रहे थे जिनकी जान बच गई।
जेसीबी से आधे घंटे मशक्कत पर निकले शव
घटना के उपरांत पुलिस तड़के करीब ४ बजे जेसीबी मशीन के साथ मौके पर पहुंच गई थी। धराशायी मकान का जेसीबी की मदद से मलवा हटाया गया। करीब आधे की मशक्कत के बाद वृद्ध दम्पति के शवों को बाहर निकाला गया जिन्हें पोस्टमार्टम के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेज दिया गया।
देर रात घर गिर गया था जिसमें चार लोग दब गए थे। वृद्ध दंपति की घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। युवक ने अस्पताल में उपचार के दौरान दमतोड़ दिया। तहसीलदार ने पीडि़त को आर्थिक सहायता स्वीकृत की है। घर काफी जर्जर अवस्था में था।
अजय सोनी, टीआई सेमरिया

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