कुछ अपराध घटे तो कुछ में वृद्धि
हम साल 2018 और 2019 के पांच महीने के आपराधिक आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो इस साल हत्या के मामलों में 34.48 फीसदी व हत्या के प्रयास के मामलों में 23.07 फीसदी कमी आई है। इसी तरह डकैती के अपराध एक भी दर्ज नहीं किए गए। जबकि इस साल लूट की वारदातों में 157.14 फीसदी वृद्धि हुई है। गृहभेदन के मामलों में 18.60 प्रतिशत कमी आई है तो 14.5 फीसदी साधारण चोरी और 33 .33 प्रतिशत का इजाफा चौपहिया वाहनों की चोरी में हुआ है। बलवा के प्रकरणों में 100 फीसदी वृद्धि हुई है। बालात्कार के मामलो में 15.58 प्रतिशत बढ़त रही तो अपहरण के प्रकरण 16 फीसदी ज्यादा दर्ज किए गए हैं।
हम साल 2018 और 2019 के पांच महीने के आपराधिक आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो इस साल हत्या के मामलों में 34.48 फीसदी व हत्या के प्रयास के मामलों में 23.07 फीसदी कमी आई है। इसी तरह डकैती के अपराध एक भी दर्ज नहीं किए गए। जबकि इस साल लूट की वारदातों में 157.14 फीसदी वृद्धि हुई है। गृहभेदन के मामलों में 18.60 प्रतिशत कमी आई है तो 14.5 फीसदी साधारण चोरी और 33 .33 प्रतिशत का इजाफा चौपहिया वाहनों की चोरी में हुआ है। बलवा के प्रकरणों में 100 फीसदी वृद्धि हुई है। बालात्कार के मामलो में 15.58 प्रतिशत बढ़त रही तो अपहरण के प्रकरण 16 फीसदी ज्यादा दर्ज किए गए हैं।
2019 की बड़ी वारदातें
– 26 मार्च को रामनगर स्थित बैंक से 50 हजार रुपए लेकर अपने नाती के साथ साइकिल पर सवार होकर से घर जा रहे दीन दयाल दाहिया को बाइक सवार बदमाशों ने लूट लिया था।
– 12 फरवरी को चित्रकूट से तेल कारोबारी ब्रजेश रावत के के जुड़वां बच्चे प्रियांश व श्रेयांश का फिरौती के लिए अपहरण कर हत्या कर दी गई थी।
– 22 मार्च को कोलगवां थाना क्षेत्र के बड़ेरा में बलवा करते हुए आधा दर्जन से ज्यादा व्यक्तियों ने एक परिवार पर हमला कर दिया था। घटना में एक युवक की जान चली गई।
– 26 मार्च को रामनगर स्थित बैंक से 50 हजार रुपए लेकर अपने नाती के साथ साइकिल पर सवार होकर से घर जा रहे दीन दयाल दाहिया को बाइक सवार बदमाशों ने लूट लिया था।
– 12 फरवरी को चित्रकूट से तेल कारोबारी ब्रजेश रावत के के जुड़वां बच्चे प्रियांश व श्रेयांश का फिरौती के लिए अपहरण कर हत्या कर दी गई थी।
– 22 मार्च को कोलगवां थाना क्षेत्र के बड़ेरा में बलवा करते हुए आधा दर्जन से ज्यादा व्यक्तियों ने एक परिवार पर हमला कर दिया था। घटना में एक युवक की जान चली गई।
2018 की बड़ी वारदातें
– साल का हत्या की वारदात से अपराध का खाता खुला। सभापुर थाना क्षेत्र के रिमारी गांव में राइस मिल संचालक मुनेंद्र मिश्रा की हत्या कर दी गई। वारदात के बाद ग्रामीणों ने आरोपी के घर को आग लगा दी। दो जिंदा जल गए थे।
– 17 जनवरी को अमरपाटन में डिंपल नाम के युवक की लाठी से पीट कर हत्या कर दी गई।
– 30 मार्च को अमरपाटन के मढ़ी गांव में खेत में आग लगने के दौरान ग्रामीणों ने बलवा करते हुए दमकल कर्मियों को पीटा था।
– 17 अप्रैल को शादी से इंकार करने पर सेना के जवान ने युवती के घर में बम फेंक दिया।
– साल का हत्या की वारदात से अपराध का खाता खुला। सभापुर थाना क्षेत्र के रिमारी गांव में राइस मिल संचालक मुनेंद्र मिश्रा की हत्या कर दी गई। वारदात के बाद ग्रामीणों ने आरोपी के घर को आग लगा दी। दो जिंदा जल गए थे।
– 17 जनवरी को अमरपाटन में डिंपल नाम के युवक की लाठी से पीट कर हत्या कर दी गई।
– 30 मार्च को अमरपाटन के मढ़ी गांव में खेत में आग लगने के दौरान ग्रामीणों ने बलवा करते हुए दमकल कर्मियों को पीटा था।
– 17 अप्रैल को शादी से इंकार करने पर सेना के जवान ने युवती के घर में बम फेंक दिया।
एक्सपर्ट कमेंट
कागजी घोड़े न दौड़ाएं जन चेतना होना जरूरी है। पुलिस प्रतिबंधात्मक कार्रवाई तो करती है लेकिन सीआरपीसी की धारा 110 के तहत की गई कार्रवाई में कई बार उस व्यक्ति को ही पता नहीं होता जिसके खिलाफ कार्रवाई हुई। पुलिस कागजों पर तो अपने आंकड़े बढ़ा लेती है, जो प्रभावी नहीं होते। ऐसे में अपराध को बढ़ावा मिलता है। इसलिए ठोस कार्रवाई की जरूरत है। जब बाहरी अपराधी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देते हैं तो वह सबसे पहले उस इलाके की कानून व्यवस्था को परखते हैं। जहां उन्हें पुलिस की लापरवाही नजर आई वहीं अपराध कर जाते हैं। पुलिस कागजी घोड़े न दौड़ाकर यथार्त कार्रवाई करे ताकि अपराधियों में कानून का खौफ हो। सही तरीके से कानून का पालन कराया जाए। तभी अपराध में कमी लाई जा सकती है।
पीएल अवस्थी, पूर्व डीएसपी
कागजी घोड़े न दौड़ाएं जन चेतना होना जरूरी है। पुलिस प्रतिबंधात्मक कार्रवाई तो करती है लेकिन सीआरपीसी की धारा 110 के तहत की गई कार्रवाई में कई बार उस व्यक्ति को ही पता नहीं होता जिसके खिलाफ कार्रवाई हुई। पुलिस कागजों पर तो अपने आंकड़े बढ़ा लेती है, जो प्रभावी नहीं होते। ऐसे में अपराध को बढ़ावा मिलता है। इसलिए ठोस कार्रवाई की जरूरत है। जब बाहरी अपराधी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देते हैं तो वह सबसे पहले उस इलाके की कानून व्यवस्था को परखते हैं। जहां उन्हें पुलिस की लापरवाही नजर आई वहीं अपराध कर जाते हैं। पुलिस कागजी घोड़े न दौड़ाकर यथार्त कार्रवाई करे ताकि अपराधियों में कानून का खौफ हो। सही तरीके से कानून का पालन कराया जाए। तभी अपराध में कमी लाई जा सकती है।
पीएल अवस्थी, पूर्व डीएसपी