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Satna Crime Report: भाजपा राज में हुए बलात्कार व हत्या, कांग्रेस के शासन में बढ़ी लूट-अपहरण की वारदात

locationसतनाPublished: Jul 08, 2019 07:05:25 pm

Submitted by:

Dhirendra Gupta

कानून व सुरक्षा व्यवस्था पर भारी रहे अपराधी

robbery kidnapping incident grew in MP Congress rule

robbery kidnapping incident grew in MP Congress rule

सतना। मध्यप्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही अपराधों की पृष्ठभूिम भी बदली है। भाजपा की सरकार में हत्या, बलात्कार, डकैती और चोरी के अपराध ज्यादा हुए तो कांग्रेस सरकार के पांच महीने में लूट, अपहरण और बलवा की घटनाओं ने बढ़त ली है। महज पांच महीनों के आंकड़े साबित कर रहे कि कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था पर अपराधी चेहरे बदलकर हावी रहे हैं। अपराध के आंकडे़ खुद बयां कर रहे कि साल दर साल बदलते परिवेश में अपराधी भी तेज चाल चल रहा है। कानून व्यवस्था संभालने वाली पुलिस सिस्टम में दखल देने वाली राजनीति से अछूती नहीं है। बावजूद इसके दावा किया जाता रहा कि बेहतर कानून व्यवस्था बनाई जा रही है। लेकिन हालात सब के सामने हैं।
कुछ अपराध घटे तो कुछ में वृद्धि
हम साल 2018 और 2019 के पांच महीने के आपराधिक आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो इस साल हत्या के मामलों में 34.48 फीसदी व हत्या के प्रयास के मामलों में 23.07 फीसदी कमी आई है। इसी तरह डकैती के अपराध एक भी दर्ज नहीं किए गए। जबकि इस साल लूट की वारदातों में 157.14 फीसदी वृद्धि हुई है। गृहभेदन के मामलों में 18.60 प्रतिशत कमी आई है तो 14.5 फीसदी साधारण चोरी और 33 .33 प्रतिशत का इजाफा चौपहिया वाहनों की चोरी में हुआ है। बलवा के प्रकरणों में 100 फीसदी वृद्धि हुई है। बालात्कार के मामलो में 15.58 प्रतिशत बढ़त रही तो अपहरण के प्रकरण 16 फीसदी ज्यादा दर्ज किए गए हैं।
2019 की बड़ी वारदातें
– 26 मार्च को रामनगर स्थित बैंक से 50 हजार रुपए लेकर अपने नाती के साथ साइकिल पर सवार होकर से घर जा रहे दीन दयाल दाहिया को बाइक सवार बदमाशों ने लूट लिया था।
– 12 फरवरी को चित्रकूट से तेल कारोबारी ब्रजेश रावत के के जुड़वां बच्चे प्रियांश व श्रेयांश का फिरौती के लिए अपहरण कर हत्या कर दी गई थी।
– 22 मार्च को कोलगवां थाना क्षेत्र के बड़ेरा में बलवा करते हुए आधा दर्जन से ज्यादा व्यक्तियों ने एक परिवार पर हमला कर दिया था। घटना में एक युवक की जान चली गई।
2018 की बड़ी वारदातें
– साल का हत्या की वारदात से अपराध का खाता खुला। सभापुर थाना क्षेत्र के रिमारी गांव में राइस मिल संचालक मुनेंद्र मिश्रा की हत्या कर दी गई। वारदात के बाद ग्रामीणों ने आरोपी के घर को आग लगा दी। दो जिंदा जल गए थे।
– 17 जनवरी को अमरपाटन में डिंपल नाम के युवक की लाठी से पीट कर हत्या कर दी गई।
– 30 मार्च को अमरपाटन के मढ़ी गांव में खेत में आग लगने के दौरान ग्रामीणों ने बलवा करते हुए दमकल कर्मियों को पीटा था।
– 17 अप्रैल को शादी से इंकार करने पर सेना के जवान ने युवती के घर में बम फेंक दिया।
एक्सपर्ट कमेंट
कागजी घोड़े न दौड़ाएं जन चेतना होना जरूरी है। पुलिस प्रतिबंधात्मक कार्रवाई तो करती है लेकिन सीआरपीसी की धारा 110 के तहत की गई कार्रवाई में कई बार उस व्यक्ति को ही पता नहीं होता जिसके खिलाफ कार्रवाई हुई। पुलिस कागजों पर तो अपने आंकड़े बढ़ा लेती है, जो प्रभावी नहीं होते। ऐसे में अपराध को बढ़ावा मिलता है। इसलिए ठोस कार्रवाई की जरूरत है। जब बाहरी अपराधी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देते हैं तो वह सबसे पहले उस इलाके की कानून व्यवस्था को परखते हैं। जहां उन्हें पुलिस की लापरवाही नजर आई वहीं अपराध कर जाते हैं। पुलिस कागजी घोड़े न दौड़ाकर यथार्त कार्रवाई करे ताकि अपराधियों में कानून का खौफ हो। सही तरीके से कानून का पालन कराया जाए। तभी अपराध में कमी लाई जा सकती है।
पीएल अवस्थी, पूर्व डीएसपी
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