भारत की अति प्राचीन विद्या सम्मोहन
इतिहास के जानकार बतातें है कि, भारत की अति प्राचीन विद्या सम्मोहन विद्या, जिसे हम हिप्नोटिज्म या मेस्मेरिज्म के नाम से जानी जाती है। प्राचीन समय में इसे प्राण विद्या या त्रिकाल विद्या भी कहते थे। भगवान शिव शंकर और श्रीकृष्ण दुनियां के सबसे बड़े सम्मोहन कर्ता हुए हैं। इस विद्या के संबंध में आज भी बहुत मिथक एवं भ्रांतियां हैं। कई लोग इसे जादू चमत्कार वशीकरण के रूप में देखते हैं। जबकि ये एक विशुद्ध विज्ञान है अवचेतन मन का जिससे समस्त मानसिक व्याधियों का उपचार किया जाता है।
इतिहास के जानकार बतातें है कि, भारत की अति प्राचीन विद्या सम्मोहन विद्या, जिसे हम हिप्नोटिज्म या मेस्मेरिज्म के नाम से जानी जाती है। प्राचीन समय में इसे प्राण विद्या या त्रिकाल विद्या भी कहते थे। भगवान शिव शंकर और श्रीकृष्ण दुनियां के सबसे बड़े सम्मोहन कर्ता हुए हैं। इस विद्या के संबंध में आज भी बहुत मिथक एवं भ्रांतियां हैं। कई लोग इसे जादू चमत्कार वशीकरण के रूप में देखते हैं। जबकि ये एक विशुद्ध विज्ञान है अवचेतन मन का जिससे समस्त मानसिक व्याधियों का उपचार किया जाता है।
कलयुग में हुई ऑस्ट्रिया के बियाना में खोज
बता दें कि, भारत की पुरानी विद्या का सबसे पहले 1734 से 1815 के बीच ऑस्ट्रिया के बियाना के डॉक्टर फ्रांज एंटन मैस्मर ने हिप्नोटिज्म को चिकित्सा के रूप में प्रयोग किया। फिर उन्हों ने इसका नाम मेस्मेरिज्म पड़ा। सन 1795 से 1860 में ब्रिटिश फिजिशियन जेम्स ब्रेड ने हिप्नोटिज्म से कई असाध्य रोगों का इलाज किया। भारत की विद्या का विदेशों में चमत्कारिक प्रयोग के चलते 2003 में भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय ने हिप्नोथेरेपी को मान्यता दी। अभी भी भारत में इस विद्या में पारंगत गिने चुने लोग हैं।
बता दें कि, भारत की पुरानी विद्या का सबसे पहले 1734 से 1815 के बीच ऑस्ट्रिया के बियाना के डॉक्टर फ्रांज एंटन मैस्मर ने हिप्नोटिज्म को चिकित्सा के रूप में प्रयोग किया। फिर उन्हों ने इसका नाम मेस्मेरिज्म पड़ा। सन 1795 से 1860 में ब्रिटिश फिजिशियन जेम्स ब्रेड ने हिप्नोटिज्म से कई असाध्य रोगों का इलाज किया। भारत की विद्या का विदेशों में चमत्कारिक प्रयोग के चलते 2003 में भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय ने हिप्नोथेरेपी को मान्यता दी। अभी भी भारत में इस विद्या में पारंगत गिने चुने लोग हैं।
कौन है एसके समेले
मध्य प्रदेश के पन्ना शहर में आरईएस में सब इंजीनियर एसके समेले सम्मोहन विद्या के जानकार हिप्नोटिस्ट हैं। समेले विगत 25 वर्षों से अष्टांग योग के माध्यम से नि:शुल्क सेवाएं दे रहे हैं और सैकड़ों लोगों को शारीरिक व्याधियों से मुक्ति मिली है। इसके अलावा पन्ना पुलिस को भी १० वर्षों से योग प्रशिक्षण देकर फिट बना रहे। इसके लिए समेले को पुरस्कृत भी किया गया है। लेकिन जब मानसिक व्याधियों से ग्रस्त लोगों ने योग गुरु इंजीनियर एसके समेले से संपर्क किया तो फिर हिप्नोटिज्म सीख कर लोगों को हिप्नोथेरेपी के जरिए उपचार करने लगे।
मध्य प्रदेश के पन्ना शहर में आरईएस में सब इंजीनियर एसके समेले सम्मोहन विद्या के जानकार हिप्नोटिस्ट हैं। समेले विगत 25 वर्षों से अष्टांग योग के माध्यम से नि:शुल्क सेवाएं दे रहे हैं और सैकड़ों लोगों को शारीरिक व्याधियों से मुक्ति मिली है। इसके अलावा पन्ना पुलिस को भी १० वर्षों से योग प्रशिक्षण देकर फिट बना रहे। इसके लिए समेले को पुरस्कृत भी किया गया है। लेकिन जब मानसिक व्याधियों से ग्रस्त लोगों ने योग गुरु इंजीनियर एसके समेले से संपर्क किया तो फिर हिप्नोटिज्म सीख कर लोगों को हिप्नोथेरेपी के जरिए उपचार करने लगे।
दिल्ली के बीजेपी नेता पहुंचे पन्ना
दिल्ली के वरिष्ठ बीजेपी नेता एवं जिला उपाध्यक्ष कपिल देव मिश्रा गूगूल से सर्च कर पन्ना पहुंचे। उनके मन में एक सवाल था कि क्या वाकई दुनिया में ऐसे लोग है जो बीते हुए कल की वो सभी बातें एक विद्या के माध्यम से हमको बता सकते है। इस बात को सिद्ध करने के लिए पन्ना पहुंचे और इंजीनियर की विद्या से खुश होकर एक नई किताब लिखने की बात कहीं। कहा इस तहर की किताब लिखने से दुनिया में हिप्नोटिज्म विद्या का प्रचार होगा। फिर लोग भूत की वो सभी बातें जानकर वर्तमान में अनुसरण करेंगे।
दिल्ली के वरिष्ठ बीजेपी नेता एवं जिला उपाध्यक्ष कपिल देव मिश्रा गूगूल से सर्च कर पन्ना पहुंचे। उनके मन में एक सवाल था कि क्या वाकई दुनिया में ऐसे लोग है जो बीते हुए कल की वो सभी बातें एक विद्या के माध्यम से हमको बता सकते है। इस बात को सिद्ध करने के लिए पन्ना पहुंचे और इंजीनियर की विद्या से खुश होकर एक नई किताब लिखने की बात कहीं। कहा इस तहर की किताब लिखने से दुनिया में हिप्नोटिज्म विद्या का प्रचार होगा। फिर लोग भूत की वो सभी बातें जानकर वर्तमान में अनुसरण करेंगे।
देश के कोने-कोने से पहुंच रहे लोग
समेले की इस विद्या को जानने के बाद देश के कोने-कोने से लोग आ रहे हैं और गरीबों का पूरी तरह नि:शुल्क उपचार कर सेवा कर रहे है। ये काम सप्ताह में एक दिन रविवार को करते हैं। हिप्नोसिस से ट्रान्स में ले जाकर अब तक दो दर्जन लोगों का पिछला जन्म भी बता चुके हैं। समेले पूर्व में एक दैनिक अखबार में संवाददाता के रूप में काम कर चुके हैं। आज कल इनके वीडियो सोशल मीडिया में खूब पॉपुलर है।
समेले की इस विद्या को जानने के बाद देश के कोने-कोने से लोग आ रहे हैं और गरीबों का पूरी तरह नि:शुल्क उपचार कर सेवा कर रहे है। ये काम सप्ताह में एक दिन रविवार को करते हैं। हिप्नोसिस से ट्रान्स में ले जाकर अब तक दो दर्जन लोगों का पिछला जन्म भी बता चुके हैं। समेले पूर्व में एक दैनिक अखबार में संवाददाता के रूप में काम कर चुके हैं। आज कल इनके वीडियो सोशल मीडिया में खूब पॉपुलर है।