टाइगर रिजर्व एरिया के लिए चार सैकड़ा से अधिक कैमरा ट्रैप क्रय किए जा रहे हैं। गणना के बाद ही संजय टाइगर रिजर्व एरिया सहित देश के अन्य टाइगर रिजर्व एरिया में बाघों की वास्तविक उपस्थिति का खुलासा हो पाएगा।
नर, मादा को मिलाकर कुल 15 बाघ विभागीय अधिकारियों के अनुसार संजय टाइगर रिजर्व एरिया में वर्तमान समय में नर, मादा व बच्चों को मिलाकर कुल १५ बाघों की उपस्थिति के दावे किए जा रहे हैं, विभागीय अधिकारियों के इन दावों में कितनी सच्चाई है यह तो अखिल भारतीय बाघ गणना का कार्यक्रम पूरा होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। सूत्रों की बात माने तों आगामी वर्ष में फरवरी व मार्च माह से बाघों की गणना कार्यक्रम शुरू होने के कयास लगाए जा रहे हैं।
विभाग द्वारा बड़े स्तर पर तैयारी बतातें चलें कि बाघों के संरक्षण व संवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों के क्रम में ही प्रति चार वर्ष में अखिल भारतीय बाघ गणना की जाती है, यह कार्यक्रम देशभर के टाइगर रिजर्व एरिया में चलता है, जिसके लिए विभाग द्वारा बड़े स्तर पर तैयारी की जाती है। गणना से देश में बाघों की वास्तविक संख्या का पता चल जाता है, इसके बाद गत वर्ष की तुलना में बाघों की मौत, जन्म आदि का तुलनात्मक अध्ययन कर इनके संरक्षण व संवर्धन के लिए कार्य किए जाते हैं।
इन आधारों पर होती है पहचान
बाघों की गणना के लिए उनकी पहचान के कई आधार बनाए गए हैं, जिसमें बाघों के पग चिन्ह, मल, शरीर पर बनी धारियां मुख्य रूप से शामिल हैं। इसके लिए विशेष दल को प्रशिक्षित किया जाता है, साथ ही टाइगर रिजर्व एरिया में जगह-जगह कैमरा ट्रैप लगाए जाते हैं।
बाघों की गणना के लिए उनकी पहचान के कई आधार बनाए गए हैं, जिसमें बाघों के पग चिन्ह, मल, शरीर पर बनी धारियां मुख्य रूप से शामिल हैं। इसके लिए विशेष दल को प्रशिक्षित किया जाता है, साथ ही टाइगर रिजर्व एरिया में जगह-जगह कैमरा ट्रैप लगाए जाते हैं।
अखिल भारतीय बाघ गणना कार्यक्रम को एक महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। वर्ष २०१८ में होनी गणना के लिए विभागीय स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जिसके तहत कैमरा ट्रैप क्रय करना, दल को प्रशिक्षित करना आदि शामिल है।
डॉ. दिलीप कुमार , क्षेत्र संचालक, संजय टाइगर रिजर्व सीधी
डॉ. दिलीप कुमार , क्षेत्र संचालक, संजय टाइगर रिजर्व सीधी