सत्र शुरू होने की चुनौती सीटें तो हैं, लेकिन उतनी नहीं जितने की जरूरत है। उधर कुछ कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा के लिए फार्म भरने की तैयारी भी शुरू हो गई है। विवि के निर्देश भी हैं कि कॉलेज जून में प्रवेश परीक्षा करा लें। 15 जुलाई से पहले दाखिले की प्रक्रिया पूरी कर लें, ताकि 16 जुलाई से नए सत्र की पढ़ाई शुरू हो सके।
छात्र काटते हैं चक्कर
कॉलेजों में सीट की कमी और छात्र संख्या ज्यादा होने के कारण छात्र प्रवेश के लिए कॉलेज-कॉलेज चक्कर काटते हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति पिछले वर्ष भी बनी थी। छात्रों की परेशानी को देखते हुए बाद में कुछ कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ाई गई थी। ऐसे ही हालात इस वर्ष भी बन रहे हैं। छात्रों को एक जगह जानकरी मिल जाए, ऐसी कोई सेंट्रलाइज्ड व्यवस्था नहीं है।
रोजगार मूलक शिक्षा नहीं जिले के कॉलेज प्राध्यापकों की कमी से जूझ रहे हैं। अतिथियों के सहारे छात्रों का भविष्य संवारा जाता है। उधर कॉलेज अभी भी पुराने ढर्रे पर चल रहे हैं। अर्थात यहां आज भी परम्परागत कोर्स ही संचालित हैं। रोजगार मूलक कोर्स नहीं शुरू किए जा सके हैं। ऐसे में छात्रों को निजी कॉलेज और अन्य शहरों की ओर रुख करना पड़ता है।
ये है हकीकत
कॉलेज सीट संख्या डिग्री कॉलेज 3150
कन्या महाविद्यालय 2070 अमरपाटन 810
मैहर 2400 जैतवारा 80
नागौद 620 उचेहरा 200
रामनगर 200 रामपुर बघेलान 150
खजुरीताल 80 मझगवां 150
अमदरा 200 बदेरा 200
बिरसिंहपुर 60
नादन 60
कुल 10430