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नेत्रज्योति मिलने के बाद महिला बोली- नेत्रदाता परिवार ने आंखें देकर मेरी जिंदगी बदल दी, ऐसे दानी को प्रणाम

locationसतनाPublished: Sep 10, 2018 03:28:50 pm

Submitted by:

Rajesh Sharma

अमर ज्योति परिवार ने पांच वर्ष में कराए 434 नेत्रदान, दो वर्ष में 15 दधीचियों ने शरीर दान करने का लिया संकल्प

satna amar jyoti parivar news in hindi

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सतना । अज्ञात नेत्रदाता ने मुझ जैसी गरीब मजदूर परिवार की महिला की जिन्दगी में उजाला ला दिया। मुझे नेत्रहीन होने के बाद मेरे पति ने मुझे छोड़ दिया। मैं अपनी बेटी के साथ अपने अपने भाई के पास आ गई। मेरी आंखों से कुछ भी दिखता नहीं था। तब मेरे भैया -भाभी ने मुझे चित्रकूट पहुंचाया और अमर ज्योति परिवार के सहयोग से मुझे नेत्र ज्योति मिल गई। यह बात छिंदवाड़ा जिला ग्राम सीता ढोंगरी निवासी नेत्र ज्योति प्राप्त महिला शोभा दाहिया पति भैयालाल उम्र ४० वर्ष ने पत्रिका से एक मुलाकात में कही है। उसने कहा कि नेत्र ज्योति जाने के बाद हमारी जिन्दगी में अंधेरा छा गया था। आज नेत्र ज्योति आने के बाद आज मैं सब कुछ कर सकती हूं। नेत्रज्योति परिवार के नेत्रदाता परिजन सम्मान समारोह के दौरान कही है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद गणेश सिंह रहे एवं विशिष्ट अतिथि कलेक्टर मुकेश शुक्ला रहे।
नेत्रदान कर हम सबसे बड़ी सेवा कर सकते हैं : सांसद
सांसद गणेश सिंह ने कहा कि नेत्रदान सबसे बड़ा दान है। नेत्रदान कर हम सबसे बड़ी सेवा कर सकते है। इस सेवा से हम नेत्रहीनों की जिन्दगी में रोशनी ला सकते है। आज हमारे देश में नेत्रहीनों की संख्या बहुत अधिक है। उन्हे हम नेत्रदान करके एवं लोगों को प्रेरित कर इसकी पूर्ति कर सकते है। अमर ज्योति परिवार को धन्यवाद दिया और कहा कि हमारे शहर के सर्वसमाज को आगे बढ़ कर इस महाअभियान से जुडऩा चाहिए। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि कलेक्टर मुकेश शुक्ला ने कहा कि नेत्रदान अभियान से सभी को जुडऩा चाहिए। आज नेत्रदाताओं की संख्या बढ़ रही है। धीरे-धीरे लोगों में जागरुकता बढ़ रही है। इस महाअभियान में सभी को जुडऩे की जरुरती है। अमर ज्योति संयोजक मनोहर डिगवानी व्दारा नेत्रदान अभियान में अब तक किये गये कार्यों की जानकारी दी गयी। योगेश ताम्रकार ने अमर ज्योति परिवार द्वारा किये जा रहे कार्यों को विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम का संचालन हरिओम गुप्ता ने किया।
जनसंख्या औसत में नेत्रदान में आगे
अमर ज्योति परिवार ने पांच वर्ष में कुल ४३४ नेत्रदान कराए जा चुके है। विगत वर्ष चार वर्षों में ३४२ लोगों के नेत्रदान कराए जा चुके थे। ज्ञात हो कि प्रदेश में नेत्रदान में पहला स्थान इंदौर का है जो जनसंख्या दृष्टी में सतना से काफी अधिक है। इस दृष्टी में मप्र में जनसंख्या की दृष्टी में सतना जिला सबसे आगे है। पहला नेत्रदान कालू पोहानी की माता श्रीज्ञानी देवी से प्रारंभ हुआ था। देहदान के लिए सभी को आगे आना चाहिए :वृद्धाश्रम चन्द्राश्रय मे अपना जीवन काट रहे उप्पल रॉय उर्फ उप्पल बाबा ने सम्मान लेने के बाद कहा कि नेत्रदान के साथ लोगों को देहदान भी करने के लिए आगे आने की जरूरत है। हमारा जीवन समाप्त होने के बाद हमें यदि हमारे शरीर का चिकित्सा के क्षेत्र में काम आए इस के लिए हमें शरीर दान करना चाहिए। ज्ञात हो कि मनोहर डिगवानी के अलावा केपी सिंह परिहार, प्रताप राय मूलचंदानी, मुरलीधर हेमरजानी, बृजमोहन अग्रवाल, श्रीमती माधुरी सिंह सहित कुल दो वर्ष में १५ दधीचियों ने शरीर दान करने का संकल्प भरा है। यह क्रम अभी जारी है। कागजी कार्यवाही चल रही है। ज्ञात हो कि सभी ओपचारिकता पूर्ण कर देहदान का संकल्प पत्र रीवा मेडिकल कॉलेज में जमा कराए गए हैं।
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