script2.5 किमी. दूर पड़े जवान के शव को खोजने में MP पुलिस को लगे 3 दिन, क्या है पूरी सच्चाई | satna asf jawan dead in chitrakoot | Patrika News

2.5 किमी. दूर पड़े जवान के शव को खोजने में MP पुलिस को लगे 3 दिन, क्या है पूरी सच्चाई

locationसतनाPublished: Jun 25, 2018 02:56:02 pm

Submitted by:

suresh mishra

तीन दिन से लापता जवान का चरवाहों ने देखा शव: पुलिस महकमे में हड़कम्प की स्थिति, डॉक्टर पैनल से देररात कराया गया शव का पोस्टमार्टम

satna asf jawan dead in chitrakoot

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सतना। मप्र और उप्र के बियावान जंगल में सर्चिंग के दौरान लापता हुए स्पेशल आर्म्ड फोर्स जवान का शव तीसरे दिन बटोही के जंगल से पुलिस ने बरामद कर लिया। बतौर एसपी प्यास लगने पर पानी न मिलने से जवान सचिन्द्र शर्मा की मौत हुई है। लेकिन मृतक के परिजन इस बात से संतुष्ट नहीं रहे। उनका कहना है कि ड्यूटी में साथ रहे स्टॉफ की लापरवाही से जवान की मौत हुई है।
एेसे में सवाल उठ रहा कि आखिर जवान की मौत की असल वजह क्या है? क्या बाकई उसने प्यास से दम तोड़ा या फिर कोई और बात है? मृत जवान के परिजन चाहते थे कि शव का पोस्टमार्टम रात को ही करा दिया जाए, ताकि सोमवार की सुबह वह अपने गृहग्राम पहुंच कर अंतिम संस्कार कर लें।
एेसे में पुलिस अधीक्षक हिंगणकर ने डीएम मुकेश शुक्ला से रात को ही पोस्टमार्टम कराने की विशेष अनुमति मांगी। अनुमति मिलने के बाद रात 11 बजे जिला अस्पताल के डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। इसमें डॉ. अमर सिंह, डॉ. एचके अग्रवाल, डॉ. अभिनव चौरसिया, डॉ. आरएन सोनी शामिल रहे। इस दौरान सीएस डॉ. एसबी सिंह मौजूद रहे।
तराई में एक साल
यह जानकारी सामने आई है कि आरक्षक 106 सचिन्द्र शर्मा पुत्र सुदामा शर्मा निवासी बोहरा थाना रौन जिला भिण्ड 14वीं बटालियन ग्वालियर का जवान था। बीते एक साल से वह सतना जिले में सेवा दे रहा था। कुछ दिन पहले ही उसे एसएएफ पोस्ट बगदरा भेजा गया था। वहां साथी जवानों के साथ सर्चिंग के दौरान सचिन्द्र शुक्रवार की शाम से गायब हो गया था।
दो बेटे, एक बेटी
मृत जवान सचिन्द्र के दो बेटे, एक बेटी है। बड़ा बेटा देवेश, छोटा अशीष शर्मा, बेटी रेनू है। इनमें देवेश और रेनू की शादी हो चुकी है। जबकि आशीष पढ़ाई कर रहा है। पति की मौत की खबर सुनने के बाद देवेश की मां बबीता और परिवार के सदस्य सदमे में हैं।
ढाई किमी का फासला
सूत्रों का कहना है कि एसएएफ जवान अपने साथी सचिन्द्र को जहां आखिरी बार छोडऩे की बात कर रहे हैं वहां से करीब ढाई किमी की दूरी पर ही शव मिला है। एेसे में एक सवाल यह भी होता है कि भारी पुलिस बल को इस ढाई किमी के दायरे में शव तलाशने में ७२ घंटे का समय लग गया।
-साले को मौत पर शक
सचिन्द्र के -साले पालू शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शव जंगल में मिला। बदन पर पैंट और बनियान थी। जूते शव से कुछ दूर पड़े थे और शर्ट भी पास में थी। सचिन्द्र के गले में नीलापन और चेहरे पर सूजन थी। बकौल पालू, जहां शव मिला उससे पांच सौ मीटर की दूरी पर ही कुआं था। एेसे में शक बना हुआ है कि आखिर पानी न मिलने से कैसे मौत हो सकती है? पालू का कहना है कि पोस्टमार्टम के बाद पुलिस गंभीरता से जांच करे ताकि हकीकत सामने आ सके। नयागांव थाना पुलिस ने शून्य में मर्ग कायम कर प्रकरण को जांच में लिया है।
साथ में गए डीएसपी
जिला पुलिस बल से डीएसपी महिला सेल अभिमन्यु मिश्रा, उप निरीक्षक कमलाकर सिंह, आरक्षक 452 जिमीलुद्दीन समेत एक आरक्षक चालक को मृत जवान के शव के साथ भिण्ड जिले के रौन थाना क्षेत्र में रवाना किया गया है। यह पुलिस टीम शव के अंतिम संस्कार के बाद ही जवान के गृह ग्राम से वापस लौटेगी।
यह अकेला छोड़ आए
पुलिस का कहना है, शुक्रवार को दस्यु दल के मूवमेंट की सूचना पर जिला पुलिस बल के एएसआई कप्तान सिंह, आरके पाण्डेय, ईष्टदेव दीक्षित, आरक्षक रण विजय के साथ एसएएफ के जवान सचिन्द्र शर्मा, अशोक कुशवाह, सर्वेश शर्मा, रामलाल कोल समेत 11 लोगों की टीम जंगल में उतरी थी। लौटते वक्त एएसआई आरके पाण्डेय और सचिन्द्र दोनों की तबीयत बिगडऩे लगी। एेसे में एएसआई कप्तान सिंह ने साथी एएसआई पाण्डेय समेत जिला बल को साथ लिया और जंगल से बाहर कूच कर गए।
सचिन्द्र को वहीं छोड़ आए

इधर, एएसएफ के चारों जवान एक साथ जंगल में ही बने रहे। इसके बाद पानी की तलाश करते हुए तीन जवान सचिन्द्र की बंदूक लेकर जंगल से बाहर आ गए और सचिन्द्र को वहीं छोड़ आए। जब सचिन्द्र लापता हो गए तो यह बताया गया कि जिला बल के अधिकारी कर्मचारी और एसएएफ के तीनों जवान पानी की तलाश में निकले थे। जब लौटे तो सचिन्द्र मौके पर नहीं मिले।
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