scriptब्लेड अटैक केस: कॉलेजों में आए दिन हो रहीं वारदातें, सामान्य घटना बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं जिम्मेदार | Satna Blade Attack Case: Students worried, parents worried | Patrika News

ब्लेड अटैक केस: कॉलेजों में आए दिन हो रहीं वारदातें, सामान्य घटना बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं जिम्मेदार

locationसतनाPublished: Sep 19, 2019 12:18:29 pm

Submitted by:

suresh mishra

दहशत में छात्र, अभिभावक चिंतित, धरना-प्रदर्शन और ज्ञापन के बाद भी नहीं बदलीं व्यवस्थाएं

Satna Blade Attack Case: Students worried, parents worried

Satna Blade Attack Case: Students worried, parents worried

सतना। डिग्री कॉलेज में फायरिंग, ग्रामोदय विवि में छात्र की मौत के बाद हुए बवाल को लोग भूल भी नहीं पाए थे कि बुधवार को अमरपाटन कॉलेज में छात्रा के गले में ब्लेड से हमले की वारदात सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रही है। पुलिस व कॉलेज प्रशासन सामान्य मामले बताकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ ले रहे हैं, लेकिन अभिभावकों के मन में उठने वाले तरह-तरह के सवालों के जवाब कौन देगा।
ये भी पढ़ें: मनचले ने बोला- मुझसे रोजाना किया करो फोन में बात, नहीं की तो कॉलेज के अंदर घुसकर छात्रा के गले पर मारा ब्लेड

महीनेभर पहले अग्रणी कॉलेज के गेट पर हुई फायरिंग के बाद छात्र नेताओं ने छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा जोर-शोर से उठाया था। कॉलेज प्रबंधन से लेकर पुलिस प्रशासन तक ज्ञापन सौंपा, लेकिन किसी ने उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया।
ये भी पढ़ें: टमस नदी में बह रहे दो मासूमों को देखकर गांव के ही बुजुर्ग ने लगा दी छलांग, खींच लाया मौत के मुंह से बाहर

महाविद्यालयों में लगातार बढ़ती वारदातों को लेकर जहां छात्र-छात्राओं में दशहत का महौल है वहीं अभिभावक भी चिंता जाहिर करने लगे हैं। उनका कहना है कि महाविद्यालय परिसर में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी क्यों नहीं लगाई जाती। कुछ कॉलेजों में यह व्यवस्था सख्त भी दिखती है। लेकिन, सिर्फ आमजन के लिए। उत्पाती प्रवत्ति के छात्र अब भी कॉलेज परिसर में बेरोक-टोक आते-जाते दिख जाते हैं। सुरक्षा व्यवस्था में तैनात कर्मचारी उन्हें रोकने की हिम्मत तक नहीं जुटा पाते। कई बार कॉलेज प्रशासन भी ऐसे लोगों के बचाव में उतर आता है।
ये भी पढ़ें: एक ही परिवार के पांच लोगों की बेरहमी से हत्या, सभी मृतक पन्ना जिला निवासी, दो राज्यों में मचा हड़कंप

अमरपाटन में पहले भी हो चुकी है वारदात
अमरपाटन कॉलेज में छात्रा से बदसलूकी की यह कोई पहली घटना नहीं है। महाविद्यालय से एमए कर रहे एक छात्र ने बताया कि करीब चार महीने पहले भी यहां एक बाहरी व्यक्ति कॉलेज परिसर में छात्रा के साथ छेड़छाड़ की वारदात को अंजाम दिया था। घटना के बाद शोर-शराबा हुआ। पीडि़ता ने प्राचार्य को अवगत कराया, लेकिन पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की बजाय परिजनों को बुलाकर समझौता करा दिया था। छात्र नेता कौशलेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्व की घटना से अगर कॉलेज प्रबंधन जरा भी सीख लेता तो आज यह घटना नहीं होती। हैरानी तो इस बात है कि लगातार हो रही वारदातों के बावजूद कॉलेज प्रबंधन अपनी चूक मानने की बजाय, पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के दावे कर रहा है।
नहीं था सीसीटीवी कैमरा
सरकारी कॉलेजों में सुरक्षा-व्यवस्था के नाम भारी-भरकम बजट खर्च किया जाता है, लेकिन ज्यादातर में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था नहीं है। जहां लगे भी हैं, वहां उनके रख-रखाव पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अमरपाटन कॉलेज में भी यही स्थिति सामने आई। यहां कहने को तो 20 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, कुछ ही चालू रहते हैं। घटना स्थल के आसपास सीसीटीवी कैमरा नहीं था।
रजिस्टर में इंट्री नहीं
कॉलेजों में सुरक्षा के नाम पर कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं। उन्हें हर महीने तनख्वाह भी दी जाती है। लेकिन गेट खोलने व बंद करने से ज्यादा वे ड्यूटी नहीं समझते। कॉलेज में आने-जाने वाले हर बाहरी व्यक्ति की इंट्री होनी चाहिए। रजिस्टर में नाम-पता व मोबाइल नंबर के साथ वह किस काम से और किससे मिलना चाहता है? डिटेल दर्ज होना चाहिए।
इधर, घटना के बाद आरोपी ने खुद किया घायल छात्रा का इलाज
अमरपाटन कॉलेज में वारदात के बाद आरोपी युवक मेडिकल स्टोर पहुंचा। वहां से इंजेक्शन सहित अन्य दवाएं लाकर घायल छात्रा का इलाज किया। कुछ देर बाद हमले की खबर अन्य छात्राओं को लगी तो आरोपी मौके पर फरार हो गया। इधर, छात्रा भी कॉलेज प्रबंधन को बताए बिना लहूलुहान हालत में घर चली गई। घर में परिजनों ने खून देखकर छात्रा से पूछताछ की और सीएचसी अमरपाटन में दाखिल कराया। वहां चिकित्सकों ने छात्रा की हालत बिगडऩे पर जिला अस्पताल रेफर करते हुए पुलिस को खबर दी। अस्पताल प्रबंधन की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और छात्रा का बयान लेकर मुनेंद्र के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर तलाश शुरू की।
क्लास रूम के पीछे मिलीं खून से सनी पट्टियां
आरोपी युवक आयुष विभाग के किसी कम्पाउंडर का बेटा है। ऐसे में वारदात को अंजाम देने के बाद उसने छात्रा का खुद ही इलाज किया। उसे इंजेक्शन लगाया और मलहम पट्टी भी की। क्लासरूम के पीछे स्थित घटनास्थल से डिस्पोजल, सीरिंज सहित खून से सनी पट्टियां बरामद की गईं हैं।
पहरा देने तक सीमित ड्यूटी
अमरपाटन ही नहीं जिले के ज्यादातर कॉलेजों में सुरक्षा व्यवस्था की यही स्थिति है। सुरक्षा के नाम पर चहेती एजेंसियों के गार्ड नियुक्त कर लिए गए हैं, लेकिन इनकी ड्यूटी गेट पर पहरा देने तक सीमिति हो गई है। कॉलेज परिसर में कैसे लोग प्रवेश कर रहे हैं, किस काम से आ रहे हैं, यह पूछना तक उचित नहीं समझते। यही वजह है कि आपराधिक प्रवत्ति के लोग भी बेखौफ होकर कॉलेज परिसर में घूमते रहते हैं।
क्या कहते हैं छात्र
कॉलेजों में सुरक्षा व्यवस्था सख्त करने के लिए हमने पुलिस प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था। लेकिन, गंभीरता से नहीं लिया। कॉलेज प्रबंधन से भी कई बार मांग की, लेकिन उन्होंने भी ध्यान नहीं दिया। छात्रों में दहशत का महौल है। बाहरी
लोगों के प्रवेश पर रोक लगनी चाहिए।
गौरव सिंह परिहार, संभागीय समन्वयक, एनएसयूआई
कॉलेजों में लगातार हो रही वारदातें चिंचित करने वाली हैं। बच्चों की सुरक्षा को लेकर लगभग सभी कॉलेजों में मोटी रकम खर्च की जाती है, लेकिन वारदातें कम नहीं हो रहीं। इसके लिए हमने दो बार ज्ञापन सौंपा। गत दिनों एसपी से मिलकर कॉलेज में गश्त बढ़ाने व चौकी खोलने की भी मांग की थी, लेकिन आश्वासन देकर सब भूल जाते हैं।
शिखा सिंह तिवारी, पूर्व अध्यक्ष, छात्रसंघ डिग्री कॉलेज
सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त होनी चहिए। हमने इसके लिए हाल ही में अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा को ज्ञापन दिया था। उनसे मांग की थी कि सभी कॉॅलेजों में पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए। महाविद्यालय प्रशासन भी कॉलेज में आने-जाने वालों पर नजर रखे। उनका रजिस्टर मेंटेन होना चाहिए। सीसीटीवी सभी जगह लगवाए जाएं। कंट्रोल रूम से नजर रखी जाए।
प्रियांशा उरमलिया, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष गल्र्स कॉलेज सतना
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो