अधिकारियों ने की जांच शिवराजपुर खरीदी केन्द्र का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद शनिवार को खाद्य, नागरिक आपूर्ति निगम और वेयर हाउसिंग के अधिकारियों की टीम खरीदी केन्द्र पहुंची। पाया कि बडे पैमाने पर घटिया और अमानक धान की खरीदी की गई है। यहां लगभग 1.26 करोड रुपये मूल्य की 15450 बोरी अमानक धान मिली। हद तो यह हो गई कि बोरे में पत्थर भर कर वेयर हाउस में जमा कराने की तैयारी थी। इतना ही नहीं किसानों से खरीदी गई अच्छी धान को निकाल कर उसमें वजन बढ़ाने पानी भी मिलाना पाया गया। अब अधिकारियों द्वारा दोषियों पर कार्रवाई की बात की जा रही है। हालांकि जिस तरीके का खेल यहां होना पाया जा रहा है उसमें तो समूह के नाम पर केन्द्र चलाने वाले पर एफआईआर दर्ज करानी चाहिए।
दर्ज हुई एफआईआर शनिवार को मिले फर्जीवाड़े के बाद धान खरीदी में जिले की पहली एफआईआर दर्ज की गई। कलेक्टर के निर्देश पर वजन बढ़ाने धान की बोरी में मिट्टी, रेत, पानी और पत्थर मिलाने के मामले में शिवराजपुर धान खरीदी केंद्र के संचालको पर एफआईआर दर्ज हुई। धारा 420, 272, 273 और 120-बी के तहत समूह अध्यक्ष सुषमा लोनिया, समूह के नाम पर खरीदी करने वाला बिचौलिया योगेश पांडेय, विनीत पांडेय और सतीश गौतम पर दर्ज हुआ अपराध। अभी विभागीय कार्रवाई भी की जा रही है। समूह पर भी होगी कार्रवाई। खरीदी से आगे के लिए ब्लैकलिस्टेड होगा समूह।
धोबहट में चुप्पी इसके पहले अमरपाटन विधानसभा के धोबहट में धान खरीदी का फर्जी खरीदी केन्द्र पकड़ा गया है। यहां सन्नेही बड़ा में खरीदी केन्द्र चलाने वाले स्व सहायता समूह से 10 हजार बोरे खरीदी के लिए भेजे गये थे। जिसमें किसानों के नाम पर व्यापारियों की धान खरीदी जा रही थी। इस मामले में जांच के बाद भी अभी तक कलेक्टर स्तर पर निर्णय लंबित है।
फर्जीवाड़े का गढ़ बना सतना सतना जिला समर्थन मूल्य पर हो रही धान खरीदी में इस बार फर्जीवाड़े का गढ़ बनकर उभरा है। बड़े पैमाने पर जनप्रतिनिधियों की सिफारिश में समूहों को खरीदी का काम दिया गया है। स्थिति यह रही कि सतना की तय संख्या से ज्यादा केन्द्र खोल दिये गए।