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इन 8 हत्या के केसों में MP पुलिस को नहीं मिले कोई आरोपी, चुपके से चल रही थी खात्मा लगाने की तैयारी..फिर

locationसतनाPublished: Apr 14, 2019 05:13:18 pm

Submitted by:

suresh mishra

मृतकों की पहचान तक नहीं कर सकी पुलिस, महीनों से लंबित मामलों में खात्मा लगाने की तैयारी

Satna district 8 murder case No accused found in MP Police

Satna district 8 murder case No accused found in MP Police

सतना। मध्यप्रदेश के सतना पुलिस की एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। 8 केसों पर कातिलों के हाथ पुलिस की पहुंच से दूर है। सभी केसों में मौत के साथ ही हत्या के राज दफन हो गए है। आरोपियों की पहचान नहीं कर सकी सतना पुलिस ने महीनों से लंबित मामलों में खात्मा लगाने की भी तैयारी कर ली है। बताया गया कि नाबालिग लड़की के साथ रेप के बाद उसके ही घर में हत्या कर दी गई। आठ माह की गर्भवती महिला से दुष्कर्म कर उसे घाट उतार दिया गया। युवक का शव बोरे में बंद कर नेशनल हाइवे के किनारे हत्यारे फेंक कर चले गए।
शहर से सटे इलाकों में बुजुर्ग महिलाएं तक कातिलों का निशाना बन चुकीं। लेकिन इन सभी की हत्या का राज उनकी मौत के साथ ही दफन हो गया। तेज तर्रार पुलिस महीनों बाद भी मरने वालों का सुराग नहीं लगा सकी। ऐसे में हत्यारों तक पहुंचना दूर की कौड़ी है। इतना ही नहीं अपराध ओर अपराधियों पर अंकुश लगाने का दम भरने वाली पुलिस हत्या के नामजद आरोपियों तक पहुंचने में भी नाकाम साबित है।
Satna district 8 murder case No accused found in MP Police
Patrika IMAGE CREDIT: Patrika
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1- हत्या से पहले दुष्कर्म
उचेहरा थाना क्षेत्र के गोबरांव खुर्द गांव में रहने वाली नाबालिग लड़की का शव उसके ही घर में नग्न हालत में मिला। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो मृतका के परिजनों ने दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका जताई थी। इसी मामले की फॉरेंसिक रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि युवती के प्राइवेट पार्ट और अंर्तवस्त्र में मानव शुक्राणु पाए गए हैं। लिहाजा मौत से पहले युवती के साथ दुष्कर्म हुआ था। इस मामले में मृतका के परिजनों ने गांव के ही कुछ युवकों पर संदेह जताया था। संदेहियों के रक्त नमूनों की जांच भी पुलिस करा चुकी है। लेकिन किसी का नमूना मृतका से मैच नहीं हुआ। ऐसे में 19 कई 2018 को हुई इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाला अब तक बेसुराग है।
2- बोरे में बंद मिला शव
शहर कोतवाली पुलिस ने 23 जनवरी 2017 को सतना नदी के पास लालन चतुर्वेदी के खेत के अधियादार राम बिहारी चौधरी की सूचना पर बोरे में बंद महिला का शव बरामद किया गया था। पीएम रिपोर्ट मिलने पर इस मामले में आईपीसी की धारा 302, 201 के तहत अपराध कायम किया गया। जब फॉरेंसिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि मृत्यु से पूर्व महिला के साथ दुष्कर्म हुआ है तो प्रकरण में धारा 376 आईपीसी बढ़ाते हुए उसे चिन्हित अपराधों की श्रेणी में दर्ज किया गया। अब पुलिस इस बात से परेशान है कि महिला की पहचान नहीं हो पा रही। मृतका की पहचान के बाद ही उसके कातिलों का पता चल सकता है।
3- सड़क किनारे फेंक गए
अमदरा थाना पुलिस ने 5 जनवरी 2018 को एक युवक का शव राष्ट्रीय राजमार्ग 7 से लगे सभागंज में एक पुलिया के पास से बरामद किया था। शव के पास ही ग्रे कलर के दो शॉल मिले थे। शव को मटमैले कंबल पर लेटाया गया था। एक बोरी भी यहीं मिली थी। मृतक की पैंट के जेब से 1160 रुपए नकदी भी पुलिस ने बरामद की थी। जांच में पाया गया था कि मृतक के पैर गमछा के एक टुकड़े से बंधे हैं। इसी गमछा का एक हिस्सा मृतक के सिर पर रखा मिला। मृतक के सिर और माथे पर चोट के निशान थे। महीनों बाद इस मामले में भी पुलिस खाली हाथ है।
4- महिला का घोंट दिया गला
सिविल लाइन थाना इलाके में ए फोर सिनेमा के पास करही कोठार के एक खेत से एक महिला का शव बरामद किया गया था। 8 जनवरी 2019 को मिले शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर पता चला कि गला घोंटने से महिला की मौत हुई है। एेसे में पुलिस ने जांच रिपोर्ट के आधार पर आईपीसी की धारा 302, 201 के तहत हत्या व साक्ष्य छिपाने का मुकद्मा दर्ज किया है। मृतका की उम्र करीब 50 वर्ष बताइ्र गई थी। इस प्रकरण में भी मृतका की पहचान पुलिस नहीं कर सकी है।
5- बगदरा घाटी में शव
24 जनवरी 2019 को मझगवां थाना पुलिस ने मझगवां से चित्रकूट के बीच बगदरा घाटी से बरामद महिला का शव बरामद किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 302, 201 के तहत हत्या और साक्ष्य छिपाने का अपराध अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पंजीबद्ध किया। शव बरामद होने के बाद से जिले के साथ नजदीकी राज्य उप्र के चित्रकूट, बांदा जिले की पुलिस को भी मृतका के संबंध में जानकारी भेजी गई है। लेकिन अब तक कोई व्यक्ति उसकी पहचान के लिए नहीं आ सका। बीत गए पांच साल 11 जनवरी 2014 को फरियादी दिलीप सिंह उर्फ दीपू पुत्र जसमंगल सिंह (32) निवासी पवैया ने थाना नागौद में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि रोज की तरह उसके पिता 10 जनवरी की रात दुकान वाले घर में सोए थे। अगली सुबह वह मृत हालत में मिले। सिर पर चारपाई के पावा से चोट पहंचाते हुए किसी व्यक्ति ने हत्या कर दी है। सूचना पर पुलिस ने मर्ग जांच के बाद अपराध क्रमांक 16/14 में आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का अपराध पंजीबद्ध करते हुए मामले को विवेचना में लिया था। संदेहियों से भी पूछताछ कर जांच की गई लेकिन हत्यारे का सुराग नहीं लगा। एेसे में अब इस मामले में खात्मा लगाने की सिफारिस पुलिस कर चुकी है।
6- गर्भवती की हत्या
बदेरा थाना क्षेत्र के अमगार जंगल से 14 फरवरी 2019 को बरामद महिला के शव की पहचान नहीं हो सकी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद इस प्रकरण में पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का अपराध पंजीबद्ध किया है। पुलिस जांच में यह तथ्य सामने आ चुके हैं कि मृतका आठ माह से गर्भवती थी। इस प्रकरण में मृतका के हुलिया के संबंध में पुलिस ने पमपलेट बनवा कर नजदीकी जिलों में चस्पा कराए हैं। लेकिन महीनों बाद भी महिला की पहचान नहीं हो सकी।
7- रेलवे क्षेत्र में मिला शव
फुल्की का काम करने वाले धरम शर्मा की हत्या रेलवे क्षेत्र में कर दी गई थी। इस मामले में मृतक की पहचान के बाद पुलिस अब तक हत्यारों का सुराग नहीं लगा सकी है। जबकि मृतक के करीबी और उससे ताल्लुक रखने वालों से कई दफा जीआरपी पूछताछ कर चुकी है। शहर के डालीबाबा इलाके में रहने वाले धरम की हत्या का राज अब तक दफन है। अब धरम के परिजन भी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।
8- नामजद भी पकड़ से बाहर
शहर के चर्चित अजाक जिला संयोजक अभिषेक सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपी प्रदीप सिंह बघेल को महीनों बाद भी पुलिस नहीं पकड़ सकी। जबकि राजधानी तक गूंज चुके इस प्रकरण में एसआइटी बनी और आला अफसरों ने गंीाीरता बरने के बात भी कही। जब पुलिस कार्रवाही पर सवाल उठे तो वक्त के साथ माहौल को ठण्डा करने की कवायद भी खूब की गई। आखिरकार मुख्य आरोपी को पकडऩे में पुलिस नाकाम साबित है।
आठ ऐसे मामले चिन्हित किए गए हैं जिसमें मृतकों की पहचान नहीं हो सकी है। थाना प्रभारियों को इन मामलों में नए सिरे से काम करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा हत्या के अन्य प्रकरणों को भी गंभीरता से लिया जा रहा है।
– रियाज इकबाल, एसपी सतना
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