संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन डॉ बीएन चौहान ने बताया कि मिशन लक्ष्य के तहत जिला अस्पताल सतना का राष्ट्रस्तरीय असेस्मेंट 13 और 14 फरवरी को निर्धारित किया गया है। भारत सरकार की दो सदस्यीय टीम सुविधाओं का मूल्यांकन करेगी। टीम में सीनियर गायनोलॉजिस्ट एन मन्ना गुवाहटी और संजीव कुमार रेडियोग्राफर भटिंडा शामिल हैं। टीम के दोनों सदस्य 12 फरवरी को हवाई मार्ग से जबलपुर फिर सतना पहुंचेंगे। मूल्यांकन के बाद टीम के सदस्य जबलपुर से दिल्ली व भटिंडा के लिए 15 फरवरी को रवाना होंगे।
70 फीसदी से अधिक अंक तो हर साल 3 लाख
क्वॉलिटी सर्किल द्वारा सुविधाओं में कराए गए गुणात्मक सुधार का संचालनालय स्वास्थ्य सेवा की टीम अगस्त माह में निरीक्षण करेगी। टीम द्वारा अस्पताल आने वाले पीडि़तों को दी जा रही चिकित्सा सुविधाओं के आधार पर मूल्यांकन कर अंक प्रदान किए जाएंगे। 70 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त होने पर प्रबंधन को हर साल तीन लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। जो कि चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने में व्यय की जा सकेगी।
क्वॉलिटी सर्किल द्वारा सुविधाओं में कराए गए गुणात्मक सुधार का संचालनालय स्वास्थ्य सेवा की टीम अगस्त माह में निरीक्षण करेगी। टीम द्वारा अस्पताल आने वाले पीडि़तों को दी जा रही चिकित्सा सुविधाओं के आधार पर मूल्यांकन कर अंक प्रदान किए जाएंगे। 70 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त होने पर प्रबंधन को हर साल तीन लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। जो कि चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने में व्यय की जा सकेगी।
कायाकल्प, एनक्यूएएस के बाद ‘लक्ष्य’
मिशन कायाकल्प अभियान के दोनों फेज में जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया। पहले फेज में प्रदेश में दूसरा स्थान तो तीसरे फेज में एक्सीलेंट अवार्ड मिल चुका है। इसी प्रकार प्रदेश का पहला एनक्यूएएस (नेशनल क्वालिटी एंश्योरेंस स्टैंडर्ड ) सर्टिफिकेट भी प्राप्त हो चुका है। अब प्रबंधन मिशन लक्ष्य में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन की कोशिशों में जुटा हुआ है।
मिशन कायाकल्प अभियान के दोनों फेज में जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया। पहले फेज में प्रदेश में दूसरा स्थान तो तीसरे फेज में एक्सीलेंट अवार्ड मिल चुका है। इसी प्रकार प्रदेश का पहला एनक्यूएएस (नेशनल क्वालिटी एंश्योरेंस स्टैंडर्ड ) सर्टिफिकेट भी प्राप्त हो चुका है। अब प्रबंधन मिशन लक्ष्य में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन की कोशिशों में जुटा हुआ है।
मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने का प्रयास
लक्ष्य योजना का उद्देश्य मातृ-शिशु मृत्यु दर में गिरावट लाना है। इसके तहत प्रबंधन द्वारा इसके लिए 20 चिकित्सकों सहित नर्सिंग स्टाफ का एक क्वॉलिटी सर्किल बनाया गया है। प्रसव कक्ष, मेटरनिटी वार्ड, गायनी वार्ड, एसएनसीयू, ऑपरेशन थियेटर, लेबर रूम, कंगारु केयर वार्ड को नेशनल क्वालिटी एंश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस ) के मानकों के अनुरूप अपग्रेड किया जाएगा। ताकि जिला अस्पताल आने वाली प्रत्येक गर्भवती को गुणात्मक चिकित्सा प्रदान की जा सके।
लक्ष्य योजना का उद्देश्य मातृ-शिशु मृत्यु दर में गिरावट लाना है। इसके तहत प्रबंधन द्वारा इसके लिए 20 चिकित्सकों सहित नर्सिंग स्टाफ का एक क्वॉलिटी सर्किल बनाया गया है। प्रसव कक्ष, मेटरनिटी वार्ड, गायनी वार्ड, एसएनसीयू, ऑपरेशन थियेटर, लेबर रूम, कंगारु केयर वार्ड को नेशनल क्वालिटी एंश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस ) के मानकों के अनुरूप अपग्रेड किया जाएगा। ताकि जिला अस्पताल आने वाली प्रत्येक गर्भवती को गुणात्मक चिकित्सा प्रदान की जा सके।