सूत्रों ने बताया कि विभिन्न कारणों से घर से भागे व गुमशुदा बच्चों की तलाश कर परिजनों को सुपुर्द करने के मामले में सतना जीआरपी जबलपुर सेक्शन में सबसे आगे है। हर माह तकरीबन १० बच्चों को जीआरपी चौकी सतना द्वारा तलाश कर परिजन या चाइल्ड लाइन के हवाले किया जा रहा है। बताया गया कि इस वर्ष १ जनवरी से १० अगस्त तक ६८ बच्चे जीआरपी द्वारा टे्रन व स्टेशन पर तलाशे गए।
जीआरपी ने पकड़े गए किशोरों को शुक्रवार को परिजनों को सौंपा। विपिन कुमार १३ वर्ष निवासी महमूद नगर को पिता राजेश केशरवानी को सौंपा। विपिन के साथ उसका चचेरा भाई शुभम केशरवानी १५ वर्ष किशोर ऋषभ कश्यम १४ वर्ष को भी राजेश केशरवानी को सौंपा गया। ये तीनों कौशाम्बी की एक ही कोचिंग में पढ़ते हैं।
जीआरपी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को वाराणसी से चलकर लोकमान्य तिलक टर्मिनल मुम्बई जाने वाली ११०७२ कामायनी एक्सप्रेस में सतना-मैहर के बीच गुरुवार रात करीब साढ़े ११ बजे तीनों लड़कों को स्लीपर बर्थ पर पकड़ा गया। लड़कों ने जीआरपी को बताया कि वे कौशाम्बी से इलाहाबाद बस के जरिए पहुंचे।